नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो बीते 20 साल से लगातार समय पर लोगों को उनकी यात्रा पूरी करवा रही है. अभी के समय में रोजाना लगभग 5000 फेरे मेट्रो लगाती है जिसमें 99.9 फीसदी यात्राएं समय पर रहती हैं. डीएमआरसी मानती है कि अगर कोई मेट्रो 59 सेकंड से ज्यादा देरी से चल रही है तो वह लेट मानी जाती है. यह बात डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिंह ने तीन दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम "एथिकल वर्क कल्चर" के उद्घाटन अवसर पर कही.
20 सालों में डीएमआरसी ने बनाया 400 किमी का जाल
डीएमआरसी के मुख्य प्रवक्ता अनुज दयाल के अनुसार आईसी सेंटर फॉर गवर्नेंस के साथ मिलकर तीन दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया है. मंगलवार को शुरू हुए इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय सतर्कता आयोग के कमिश्नर संजय कोठारी रहे. उन्होंने इस मौके पर कहा कि सभी कर्मचारियों की पब्लिक सेक्टर में भी ट्रेनिंग होना चाहिए ताकि वह बेहतर काम कर सकें. डीएमआरसी एक ऐसा इंस्टीट्यूट ऑफ एक्सीलेंस है जहां एथिकल वर्क कल्चर पूरी तरह से है. डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिंह ने कहा कि डीएमआरसी सफर के दौरान समय का खास ध्यान रखती है. बीते 20 वर्षों के भीतर डीएमआरसी ने दिल्ली एनसीआर में लगभग 400 किलोमीटर लंबा नेटवर्क खड़ा किया है. दिल्ली मेट्रो रोजाना 5000 ट्रिप लगाती है.
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तीन दिन तक चलेगा यह कार्यक्रम
डीएमआरसी के मुख्य प्रवक्ता अनुज दयाल के अनुसार यह कार्यक्रम टुवर्ड्स एंड एथिकल वर्क कल्चर 21 जनवरी तक चलेगा और इसमें विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी. इसमें डीएमआरसी के विभिन्न विभाग के अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं. इसमें सहयोग कर रही आईसी सेंटर फॉर गवर्नेंस एक अंतरराष्ट्रीय नॉन प्रॉफिट सिविल सोसाइटी संगठन है जो देश में गवर्नेन्स के विभिन्न पहलुओं को देखता है. इस संगठन में वरिष्ठ सेवानिवृत्त सिविल सर्वेंट, बैंकर्स, प्रोफेसर, मैनेजर और ट्रेनर शामिल हैं. वह पब्लिक गवर्नेंस, सरकार और पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग में एथिक प्रमोट करने को लेकर काम करते हैं.