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प्रदूषण रोकने के लिए DMRC सतर्क, निगरानी के लिए बनाई विशेष टीमें

दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए डीएमआरसी सतर्क हो गई है. सभी निर्माण स्थलों में जांच के लिए टीमें गठित की गई हैं. डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिंह खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं.

DMRC alert to stop pollution in Delhi
प्रदूषण रोकने के लिए डीएमआरसी सतर्क
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Published : Oct 18, 2020, 12:45 PM IST

नई दिल्ली: प्रदेश में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए डीएमआरसी अलर्ट हो गया है. उन्होंने अपनी सभी निर्माण साइट पर खुद प्रदूषण जांच करने के लिए अपनी टीमें गठित कर दी हैं. यह टीमें साइट पर जाकर देखेंगी कि प्रदूषण से लड़ने के लिए वहां पर उचित इंतजाम किए गए हैं या नहीं. खुद डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिंह इसकी निगरानी कर रहे हैं.

प्रदूषण रोकने के लिए डीएमआरसी सतर्क
डीएमआरसी ने बढ़ाई निगरानीडीएमआरसी के मुख्य प्रवक्ता अनुज दयाल के अनुसार प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए वह अपने कंस्ट्रक्शन साइट पर खास ध्यान रख रहे हैं. इसके लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की गई है. परियोजना स्थलों पर ठेकेदारों और कर्मचारियों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए जा रहे उपायों का निरीक्षण डीएमआरसी द्वारा किया जा रहा है. पहले भी इस तरह की जांच होती थी लेकिन अब इसे बढ़ा दिया गया है. डीएमआरसी के पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में बनी टीमें कंस्ट्रक्शन साइट पर की गई व्यवस्थाओं की बारीकी से जांच कर रही हैं.

प्रदूषण के लेकर डीएमआरसी सतर्क
डीएमआरसी के मुख्य प्रवक्ता अनुज दयाल के अनुसार वह अपनी सभी साइटों और परिसरों में प्रदूषण नियंत्रण के उपायों पर खास ध्यान देते हैं. प्रदूषण बढ़ने के साथ ही डीएमआरसी भी ज्यादा अलर्ट रहती है. डीएमआरसी निरीक्षण के अलावा साइट पर हरियाली बढ़ाने के लिए समय-समय पर वृक्षारोपण अभियान भी चलाती है. डीएमआरसी फिलहाल 5 से 6 साइट पर काम कर रही है और वहां पर प्रदूषण नियंत्रण के तमाम उपाय किए जा रहे हैं.

टीम इन उपायों पर रख रही नजर

  • कंस्ट्रक्शन साइट पर निरंतर उड़ रही धूल को रोकने के लिए क्या साइट के चारों तरफ 6 मीटर ऊंचे बैरिकेड लगाए गए हैं या नहीं.
  • साइट के भीतर कन्वेयर बेल्ट को पूरी तरीके से ढका गया है या नहीं ताकि धूल बाहर ना निकल सके.
  • यहां आने जाने वाली गाड़ियों के पहियों को धोने का काम किया जा रहा है या नहीं.
  • यहां से सड़क पर गाड़ियां कहीं मिट्टी और कीचड़ लेकर तो नहीं जा रही हैं.
  • कंस्ट्रक्शन के काम में लगी सभी गाड़ियों के पास प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र है या नहीं.
  • निर्माण सामग्री को ढंक कर ले जाया जा रहा है या नहीं.
  • कंस्ट्रक्शन साइटों से पानी का छिड़काव किया जा रहा है या नहीं.
  • जमीन की खुदाई या मलबा उठाने एवं धूल पैदा करने वाली गतिविधियों के दौरान धूल बैठाने के लिए पानी के छिड़काव का काम हो रहा है या नहीं.
  • यदि किसी आवासीय व्यवसायिक संपत्ति के आसपास कंस्ट्रक्शन का काम हो रहा है तो बैरिकेड की ऊंचाई बढ़ाकर 10 मीटर की जानी चाहिए.
  • मौके पर रखी गई निर्माण सामग्री को ढककर रखा गया है या नहीं.
  • एमआरसी की तरफ से निर्माण कर्मियों के लिए धूल से बचाव करने के लिए उन्हें मास्क उपलब्ध करवाए गए हैं, इसकी भी जांच की जा रही है.

नई दिल्ली: प्रदेश में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए डीएमआरसी अलर्ट हो गया है. उन्होंने अपनी सभी निर्माण साइट पर खुद प्रदूषण जांच करने के लिए अपनी टीमें गठित कर दी हैं. यह टीमें साइट पर जाकर देखेंगी कि प्रदूषण से लड़ने के लिए वहां पर उचित इंतजाम किए गए हैं या नहीं. खुद डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिंह इसकी निगरानी कर रहे हैं.

प्रदूषण रोकने के लिए डीएमआरसी सतर्क
डीएमआरसी ने बढ़ाई निगरानीडीएमआरसी के मुख्य प्रवक्ता अनुज दयाल के अनुसार प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए वह अपने कंस्ट्रक्शन साइट पर खास ध्यान रख रहे हैं. इसके लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की गई है. परियोजना स्थलों पर ठेकेदारों और कर्मचारियों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए जा रहे उपायों का निरीक्षण डीएमआरसी द्वारा किया जा रहा है. पहले भी इस तरह की जांच होती थी लेकिन अब इसे बढ़ा दिया गया है. डीएमआरसी के पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में बनी टीमें कंस्ट्रक्शन साइट पर की गई व्यवस्थाओं की बारीकी से जांच कर रही हैं.

प्रदूषण के लेकर डीएमआरसी सतर्क
डीएमआरसी के मुख्य प्रवक्ता अनुज दयाल के अनुसार वह अपनी सभी साइटों और परिसरों में प्रदूषण नियंत्रण के उपायों पर खास ध्यान देते हैं. प्रदूषण बढ़ने के साथ ही डीएमआरसी भी ज्यादा अलर्ट रहती है. डीएमआरसी निरीक्षण के अलावा साइट पर हरियाली बढ़ाने के लिए समय-समय पर वृक्षारोपण अभियान भी चलाती है. डीएमआरसी फिलहाल 5 से 6 साइट पर काम कर रही है और वहां पर प्रदूषण नियंत्रण के तमाम उपाय किए जा रहे हैं.

टीम इन उपायों पर रख रही नजर

  • कंस्ट्रक्शन साइट पर निरंतर उड़ रही धूल को रोकने के लिए क्या साइट के चारों तरफ 6 मीटर ऊंचे बैरिकेड लगाए गए हैं या नहीं.
  • साइट के भीतर कन्वेयर बेल्ट को पूरी तरीके से ढका गया है या नहीं ताकि धूल बाहर ना निकल सके.
  • यहां आने जाने वाली गाड़ियों के पहियों को धोने का काम किया जा रहा है या नहीं.
  • यहां से सड़क पर गाड़ियां कहीं मिट्टी और कीचड़ लेकर तो नहीं जा रही हैं.
  • कंस्ट्रक्शन के काम में लगी सभी गाड़ियों के पास प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र है या नहीं.
  • निर्माण सामग्री को ढंक कर ले जाया जा रहा है या नहीं.
  • कंस्ट्रक्शन साइटों से पानी का छिड़काव किया जा रहा है या नहीं.
  • जमीन की खुदाई या मलबा उठाने एवं धूल पैदा करने वाली गतिविधियों के दौरान धूल बैठाने के लिए पानी के छिड़काव का काम हो रहा है या नहीं.
  • यदि किसी आवासीय व्यवसायिक संपत्ति के आसपास कंस्ट्रक्शन का काम हो रहा है तो बैरिकेड की ऊंचाई बढ़ाकर 10 मीटर की जानी चाहिए.
  • मौके पर रखी गई निर्माण सामग्री को ढककर रखा गया है या नहीं.
  • एमआरसी की तरफ से निर्माण कर्मियों के लिए धूल से बचाव करने के लिए उन्हें मास्क उपलब्ध करवाए गए हैं, इसकी भी जांच की जा रही है.
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