नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार के बेटे पर भूमि अधिग्रहण मामले में घोटाले को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इस मामले पर दिल्ली के डिविजनल कमिश्नर अश्विनी कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. कुमार ने कहा कि चीफ सेक्रेटरी पर पिछले कुछ दिनों से जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वह सब बेबुनियाद हैं. चीफ सेक्रेटरी का कैरेक्टर एसेसिनेशन किया गया है, जिसको लेकर सख्त कार्रवाई की गई.
उन्होंने कहा कि चीफ सेक्रेटरी ने पिछले कुछ टाइम से कई मामले उठाए हैं, जिसमें शराब घोटाला, जल बोर्ड घोटाला हो या मुख्यमंत्री के घर का रिनोवेशन का मामला शामिल है. इसे लेकर जांच एजेंसी का एक्शन भी देखने को मिला है. यही वजह है कि उनकी छवि को खराब किया जा रहा है और उनके खिलाफ राजनीति ही नहीं, बल्कि गंदी राजनीति की जा रही है.
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#WATCH | Ashwani Kumar, Delhi Additional Chief Secretary (Revenue)/Divisional Commissioner holds a press conference on reports of a complaint alleging links between Delhi Chief Secretary Naresh Kumar and owners of a piece of land acquired for the Dwarka Expressway and gives… pic.twitter.com/hLhwisnRXo
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— ANI (@ANI) November 13, 2023
अश्विनी कुमार ने कहा कि पहले स्टेट डिसीजन मेकिंग का काम एडीएम करते हैं, जो जमीन एक्वायर की जाती है और किसके लिए एक्वायर की जाती है. इसे दोनों पक्षों को सुना जाता है. सभी रिकॉर्ड्स और डिटेल देखी जाती है, उसके बेसिस पर फैसला किया जाता है. इसी तरीके से आर्बिट्रेशन की कार्रवाई कलेक्टर करते हैं, इसमें भी दोनों पक्षों को सुना जाता है. दोनों पक्षों को सुनकर फैसला किया जाता है. इस पूरे मामले में चीफ सेक्रेटरी का कोई रोल नहीं है.
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मुआवजा बढ़ाने से इनकार: उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार का कोई लेना देना नहीं है. बता दें, मुख्य सचिव नरेश कुमार के बेटे पर आरोप है. मुआवजा बढ़ाए जाने के संबंध में पिछले तीन जिलाधिकारियों ने मुआवजा बढ़ाने से इनकार कर दिया, लेकिन नरेश कुमार के मुख्य सचिव बनने के 40 दिन के बाद हेमंत कुमार साउथ वेस्ट जिले के डीएम बने. उन्होंने इसी जमीन की मुआवजा राशि 41.50 करोड़ से बढ़ाकर 353 करोड़ रुपये करने के आदेश कर दिए थे.
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