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Delhi University: एडहॉक शिक्षकों की जॉइनिंग पर विवाद, प्रिंसिपल को बर्खास्त करने की मांग

दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) से संबद्ध विवेकानंद कॉलेज प्रशासन (Vivekananda College Administration) द्वारा एडहॉक शिक्षकों (Adhoc teachers) का अनुबंध खत्म किए जाने को अब एक माह बीत चुका है. पिछले एक महीने से बेरोजगार बैठे एडहॉक शिक्षक लगातार न्याय की गुहार लगा रहे हैं.

एडहॉक शिक्षकों की जॉइनिंग पर विवाद
एडहॉक शिक्षकों की जॉइनिंग पर विवाद
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Published : May 28, 2021, 4:48 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) से संबद्ध विवेकानंद कॉलेज प्रशासन (Vivekananda College Administration) द्वारा एडहॉक शिक्षकों (Adhoc teachers) का अनुबंध खत्म किए जाने को अब एक माह बीत चुका है. पिछले एक महीने से बेरोजगार बैठे एडहॉक शिक्षक लगातार न्याय की गुहार लगा रहे हैं.

एडहॉक शिक्षकों की जॉइनिंग पर विवाद

जहां एक ओर शिक्षक डीयू प्रशासन (DU Administration) से एडहॉक शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से जॉइनिंग दिए जाने की मांग कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर विवेकानंद कॉलेज के प्रिंसिपल के प्रति अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए उनके उन्हें बर्खास्त किए जाने की भी मांग कर रहे हैं. बता दें कि शिक्षक दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (University of Delhi Teachers Association) के आव्हान पर एक दिवसीय हड़ताल पर थे. प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने कहा कि अगर अभी भी उनकी मांगे नहीं मानी गई तो यह प्रदर्शन आगे उग्र होगा.

ये भी पढे़ं- DU: एडहॉक शिक्षकों को हटाए जाने पर शिक्षक बैठे हड़ताल पर, कुलपति से हस्तक्षेप की मांग


री-जॉइनिंग का शिक्षक कर रहे हैं इंतज़ार
विवेकानंद कॉलेज (Vivekananda College) की 12 एडहॉक शिक्षकों में से एक प्रीति का कहना है कि वह अभी तक न्याय की आस में बैठे हैं. तमाम शिक्षक संगठनों और आयोग की शिकायत के बाद भी विवेकानंद कॉलेज प्रशासन इन शिक्षकों की जॉइनिंग को लेकर कोई कदम नहीं उठा रहा है जबकि आज उन्हें घर बैठे एक महीना पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा कि यह उनके लिए बहुत कठिन समय है और वह यह उम्मीद करती है कि कॉलेज प्रशासन उन्हें तत्काल जॉइनिंग देगा.

ये भी पढे़ं- दिल्ली सरकार ने Black Fungus को महामारी घोषित किया, औपचारिक नोटिफिकेशन जारी

कॉलेज प्रशासन शिक्षकों के साथ कर रहा है अमानवीय व्यवहार
इस मामले पर एडहॉक शिक्षक गगन का कहना है कि इस समय जब पूरा विश्व कोरोना महामारी से पीड़ित है और अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है. ऐसे में विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल द्वारा इस तरह का असंवेदनशील व्यवहार किया जाना पूरी तरह निंदनीय है. उन्होंने कहा कि ऐसे कठिन समय में एडहॉक शिक्षकों का अनुबंध न बढ़ाकर उन्हें जो मानसिक प्रताड़ना दी गई है उसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता.

गवर्निंग बॉडी को नहीं मान रहीं प्रिसिंपल

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसमें भी दुर्भाग्य की बात यह है कि 5 शिक्षक कोरोना से संक्रमित हैं. ऐसे में उनके परिवार को आर्थिक परेशानी से जूझने के लिए छोड़ना गलत है. वहीं एडहॉक शिक्षक मनोज ने कहा कि विवेकानंद कॉलेज की गवर्निंग बॉडी (Governing Body of Vivekananda College) द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि 12 शिक्षकों को जॉइनिंग दे दी जाएगी. बाबत इसके वहां की प्रिंसिपल अपना तानाशाही रवैया दिखाते हुए शिक्षकों को जॉइनिंग देने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन (Delhi University Administration) से मांग की है कि इस पर संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई की जाए.

ये भी पढे़ं- Corona Third Wave: एक्शन प्लान के लिए दिल्ली सरकार ने गठित की 13 सदस्यीय कमेटी


वहीं शिक्षकों ने कहा कि इस तरह एडहॉक शिक्षकों को जॉइनिंग न देना विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल का तानाशाह रवैया दर्शाता है. ऐसे में उन्होंने प्रिंसिपल पर कार्रवाई कर उन्हें तत्काल पद से हटाए जाने की मांग की है.

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) से संबद्ध विवेकानंद कॉलेज प्रशासन (Vivekananda College Administration) द्वारा एडहॉक शिक्षकों (Adhoc teachers) का अनुबंध खत्म किए जाने को अब एक माह बीत चुका है. पिछले एक महीने से बेरोजगार बैठे एडहॉक शिक्षक लगातार न्याय की गुहार लगा रहे हैं.

एडहॉक शिक्षकों की जॉइनिंग पर विवाद

जहां एक ओर शिक्षक डीयू प्रशासन (DU Administration) से एडहॉक शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से जॉइनिंग दिए जाने की मांग कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर विवेकानंद कॉलेज के प्रिंसिपल के प्रति अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए उनके उन्हें बर्खास्त किए जाने की भी मांग कर रहे हैं. बता दें कि शिक्षक दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (University of Delhi Teachers Association) के आव्हान पर एक दिवसीय हड़ताल पर थे. प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने कहा कि अगर अभी भी उनकी मांगे नहीं मानी गई तो यह प्रदर्शन आगे उग्र होगा.

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री-जॉइनिंग का शिक्षक कर रहे हैं इंतज़ार
विवेकानंद कॉलेज (Vivekananda College) की 12 एडहॉक शिक्षकों में से एक प्रीति का कहना है कि वह अभी तक न्याय की आस में बैठे हैं. तमाम शिक्षक संगठनों और आयोग की शिकायत के बाद भी विवेकानंद कॉलेज प्रशासन इन शिक्षकों की जॉइनिंग को लेकर कोई कदम नहीं उठा रहा है जबकि आज उन्हें घर बैठे एक महीना पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा कि यह उनके लिए बहुत कठिन समय है और वह यह उम्मीद करती है कि कॉलेज प्रशासन उन्हें तत्काल जॉइनिंग देगा.

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कॉलेज प्रशासन शिक्षकों के साथ कर रहा है अमानवीय व्यवहार
इस मामले पर एडहॉक शिक्षक गगन का कहना है कि इस समय जब पूरा विश्व कोरोना महामारी से पीड़ित है और अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है. ऐसे में विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल द्वारा इस तरह का असंवेदनशील व्यवहार किया जाना पूरी तरह निंदनीय है. उन्होंने कहा कि ऐसे कठिन समय में एडहॉक शिक्षकों का अनुबंध न बढ़ाकर उन्हें जो मानसिक प्रताड़ना दी गई है उसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता.

गवर्निंग बॉडी को नहीं मान रहीं प्रिसिंपल

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसमें भी दुर्भाग्य की बात यह है कि 5 शिक्षक कोरोना से संक्रमित हैं. ऐसे में उनके परिवार को आर्थिक परेशानी से जूझने के लिए छोड़ना गलत है. वहीं एडहॉक शिक्षक मनोज ने कहा कि विवेकानंद कॉलेज की गवर्निंग बॉडी (Governing Body of Vivekananda College) द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि 12 शिक्षकों को जॉइनिंग दे दी जाएगी. बाबत इसके वहां की प्रिंसिपल अपना तानाशाही रवैया दिखाते हुए शिक्षकों को जॉइनिंग देने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन (Delhi University Administration) से मांग की है कि इस पर संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई की जाए.

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वहीं शिक्षकों ने कहा कि इस तरह एडहॉक शिक्षकों को जॉइनिंग न देना विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल का तानाशाह रवैया दर्शाता है. ऐसे में उन्होंने प्रिंसिपल पर कार्रवाई कर उन्हें तत्काल पद से हटाए जाने की मांग की है.

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