नई दिल्ली: कोरोना वायरस का मुद्दा दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के एक्सक्यूटिव काउंसिल (EC ) की बैठक में छाया रहा. वहीं ईसी के सदस्य राजेश झा ने कहा कि बैठक में नोटिफिकेशन पर चर्चा करने की मांग की गई. उन्होंने कहा कि प्रशासन के जरिये जारी किए गए नोटिफिकेशन में स्पष्टता नहीं है कि विश्वविद्यालय लाइब्रेरी खुली रहेगी या बंद जिसके कारण छात्र परेशान हैं. इसके अलावा कहा गया है कि क्लास रूम टीचिंग का ऑनलाइन मिडीयम रिप्लेसमेंट नहीं हो सकता है.
'क्लासरूम का रिप्लेसमेंट नहीं हो सकता ऑनलाइन मीडियम'
वहीं ईसी के सदस्य राजेश झा ने कहा कि एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में कोरोना वायरस पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि 12 मार्च को जारी किए गए नोटिफिकेशन में यह कहा गया है कि छात्रों को ऑनलाइन रिसोर्स मेटेरियल दिया जाएगा पर क्लासरूम टीचिंग तरीके का ऑनलाइन रिप्लेसमेंट नहीं हो सकता है.
'ऑनलाइन टीचिंग मेथड में हो सकता है कॉपीराइट'
इसके अलावा उन्होंने कहा कि ऑनलाइन टीचिंग मेथड में कॉपीराइट का मामला भी सामने आ सकता है. यह सभी बात ईसी की बैठक में प्रशासन के समक्ष रखी गई है. ईसी सदस्य राजेश झा ने कहा कि इस दौरान पटेल चेस्ट के डॉक्टर राज ने कहा कि इस वायरस से बचने के लिए लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है.
'स्थिति सामान्य होने पर सब कार्यक्रम हो आयोजित'
फंड खर्च करने के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग भी रखी गई है. वहीं राजेश झा ने कहा कि ईसी बैठक में यह मुद्दा भी उठाया गया कि सेमिनार सहित अन्य गतिविधियों के लिए सरकार या अन्य एजेंसी से जो आर्थिक सहायता मिलती है, उसे वित्तीय वर्ष तक खर्च कर बताना होता है. इस आपदा के चलते इस दौरान आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा. इसके कारण भारत सरकार, यूजीसी सहित विभिन्न संस्थाओं से समय सीमा बढ़ाने की मांग की जाएगी. जिससे कि जब स्थिति सामान्य हो कार्यक्रम उस दौरान आयोजित कर लिया जाए.
बता दें कि 31 मार्च तक कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय में सभी तरह के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है.