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सोशल मीडिया एक बड़ी चुनौती, कुछ भी फॉरवर्ड करने से बचें: प्रोफेसर संजय द्विवेदी - सशक्त एवं समृद्ध समाज के निर्माण में मीडिया

Director General of IIMC Sanjay Dwivedi भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली, IIMC के महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी कोरबा के दौरे पर रहे. उन्होंने यहां सोशल मीडिया को आज के दौर में सबसे बड़ी चुनौती बताया. उन्होंने लोगों से सोशल मीडिया पर कुछ भी फॉरवर्ड करने से बचने की सलाह दी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में समाज को न्याय दिलाने के लिए मीडिया की एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है. Sanjay Dwivedi Korba visit

संजय द्विवेदी
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Published : Nov 5, 2022, 9:18 PM IST

कोरबा: भारतीय जनसंचार संस्थान(IIMC) नई दिल्ली के महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी शनिवार को कोरबा प्रवास पर थे. वह प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. कार्यक्रम इंदिरा गांधी स्टेडियम स्थित राजीव इंडोर ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया. जहां "सशक्त एवं समृद्ध समाज के निर्माण में मीडिया और जनता के योगदान" विषय पर प्रोफेसर द्विवेदी को मुख्य वक्ता के तौर पर आमंत्रित किया गया था. उन्होंने इस विषय पर अपने विचार प्रकट किए.


मीडिया स्वतंत्र नहीं तो लोगों को नहीं मिल सकेगा न्याय: ईटीवी भारत से खास बातचीत में प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने कहा कि "लोकतंत्र में समाज को न्याय दिलाने के लिए मीडिया की एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है. लोकतंत्र में मीडिया यदि सशक्त नहीं है, स्वतंत्र नहीं है और सच पक्षधर नहीं है. तो लोगों को न्याय नहीं मिल सकता.Sanjay Dwivedi opinion on use of social media

सोशल मीडिया पर फेक न्यूज का संकट: प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने कहा कि "सोशल मीडिया ने डिजिटल क्रांति को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका अदा की है. लेकिन इस दौर में सबसे ज्यादा संकट फेक न्यूज और फेक सूचनाओं को लेकर खड़ा हो गया है. आज के दौर में सूचना ही समाचार नहीं है. सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर कोई भी सूचना दे सकता है. लेकिन यह सूचना समाचार नहीं हो सकता. ऐसे में समाचार बनाने की पूरी प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया के दौरान सूचना की सच्चाई को कसौटी पर कसा जाता है. तब जाकर समाचार बनता है."

भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली, IIMC के महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी.

ये भी पढ़ें: National Unity Day: कोरबा में एकता दिवस पर रन फॉर यूनिटी



समाधान मूलक पत्रकारिता पर रखी राय: उन्होंने समाधान मूलक पत्रकारिता का जिक्र किया और कहा कि "दुनिया के तमाम देशों में अब रिपोर्टिंग समाधान मूलक हो रही है. मीडिया सिर्फ सवाल ना उठाए, बल्कि उसका समाधान भी सुझाये. इसे फॉलो भी करना चाहिए. प्रोफेसर द्विवेदी ने सोशल मीडिया को मेनस्ट्रीम मीडिया के लिए एक बड़ी चुनौती बताया और कहा कि यह एक अचानक से आया हुआ माध्यम है. लोगों को कुछ भी फॉरवर्ड करने से बचना चाहिए. मैं हमेशा कहता हूं. बुरा मत लाइक करो, बुरा मत शेयर करो और बुरा मत टाइप करो".

कोरबा: भारतीय जनसंचार संस्थान(IIMC) नई दिल्ली के महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी शनिवार को कोरबा प्रवास पर थे. वह प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. कार्यक्रम इंदिरा गांधी स्टेडियम स्थित राजीव इंडोर ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया. जहां "सशक्त एवं समृद्ध समाज के निर्माण में मीडिया और जनता के योगदान" विषय पर प्रोफेसर द्विवेदी को मुख्य वक्ता के तौर पर आमंत्रित किया गया था. उन्होंने इस विषय पर अपने विचार प्रकट किए.


मीडिया स्वतंत्र नहीं तो लोगों को नहीं मिल सकेगा न्याय: ईटीवी भारत से खास बातचीत में प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने कहा कि "लोकतंत्र में समाज को न्याय दिलाने के लिए मीडिया की एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है. लोकतंत्र में मीडिया यदि सशक्त नहीं है, स्वतंत्र नहीं है और सच पक्षधर नहीं है. तो लोगों को न्याय नहीं मिल सकता.Sanjay Dwivedi opinion on use of social media

सोशल मीडिया पर फेक न्यूज का संकट: प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने कहा कि "सोशल मीडिया ने डिजिटल क्रांति को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका अदा की है. लेकिन इस दौर में सबसे ज्यादा संकट फेक न्यूज और फेक सूचनाओं को लेकर खड़ा हो गया है. आज के दौर में सूचना ही समाचार नहीं है. सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर कोई भी सूचना दे सकता है. लेकिन यह सूचना समाचार नहीं हो सकता. ऐसे में समाचार बनाने की पूरी प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया के दौरान सूचना की सच्चाई को कसौटी पर कसा जाता है. तब जाकर समाचार बनता है."

भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली, IIMC के महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी.

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समाधान मूलक पत्रकारिता पर रखी राय: उन्होंने समाधान मूलक पत्रकारिता का जिक्र किया और कहा कि "दुनिया के तमाम देशों में अब रिपोर्टिंग समाधान मूलक हो रही है. मीडिया सिर्फ सवाल ना उठाए, बल्कि उसका समाधान भी सुझाये. इसे फॉलो भी करना चाहिए. प्रोफेसर द्विवेदी ने सोशल मीडिया को मेनस्ट्रीम मीडिया के लिए एक बड़ी चुनौती बताया और कहा कि यह एक अचानक से आया हुआ माध्यम है. लोगों को कुछ भी फॉरवर्ड करने से बचना चाहिए. मैं हमेशा कहता हूं. बुरा मत लाइक करो, बुरा मत शेयर करो और बुरा मत टाइप करो".

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