नई दिल्ली: कहते हैं अगर भगवान में आस्था हो तो हर कार्य संभव हो जाता है. इसका उदाहरण सिद्ध पीठ श्री साईं कालका मंदिर से निकली यात्रा में देखने को मिला. यात्रा में भक्तों ने 24 घंटों में दिल्ली के सिद्धपीठ श्री साईं कालका मंदिर से कालकाजी मंदिर तक का सफर दंडवत करते हुए किया. जहां एक तरफ लोग मंदिर की यात्रा या फिर धर्म स्थान की यात्रा करने के लिए आसान और आरामदायक साधन ढूंढते हैं ताकि उनकी आंतरिक ऊर्जा कम ना हो और भगवान के दर्शान भी सरल तरीके से हो जाए, लेकिन इसके ठीक विपरीत सिद्ध पीठ श्री साईं कालका मंदिर से जुड़े भक्तों ने अपने ईश्वर को मनाने के लिए 21 किलोमीटर की लंबी दंडवत दी.
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए असोला कालका मंदिर की प्रमुख राजेश्वरी देवी ने बताया कि जहां आजकल भगवान की पूजा करना आसान होता जा रहा है. वहीं कहीं न कहीं इंसान अपने सनातन धर्म की पद्धतियों से भी दूर होता जा रहा है. उन्होंने बताया कि पहले लोग तीर्थयात्रा पैदल चलकर करते थे, लेकिन अब इस तरह की चीजें देखने को नहीं मिलती हैं. ये यात्रा आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक शुरुआत है.
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उन्होंने यह भी बताया कि लोग तरह-तरह की भ्रांतियों के कारण मां कालका जी से डरते हैं, लेकिन इसकी कोई जरूरत नहीं है. मां कालका जी दुर्गा मां का ही स्वरूप हैं. दिल्ली का मां कालकाजी मंदिर इतना चमत्कारी मंदिरा है कि यहां मन से मांगी गई हर मनोकामना निश्चित ही पूरी होती है. इस यात्रा में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया और मां कालका जी के जयकारे लगाए. यात्रा असोला के कालका मंदिर से मंगलवार रात 9 बजे से शुरू होकर बुधवार रात 10 बजे मां कालका मंदिर पहुंची. यह यात्रा 21 किलोमीटर लंबी रही, जिसमें भक्तों का उत्साह देखते ही बना.
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