नई दिल्ली: कोरोना काल में किए गए अपने जिन कार्यों को लेकर केजरीवाल सरकार अपनी पीठ थपथपाती है, उनमें सबसे प्रमुख है, प्लाज्मा थेरेपी की व्यवस्था और मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की सुविधा. 2 जुलाई 2020 को दिल्ली में पहला प्लाज्मा बैंक खुला था और अब तक 4929 कोरोना मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी जा चुकी है.
'होम आइसोलेशन में 3 लाख से ज्यादा का इलाज'
दुनियाभर में जब कोरोना मरीजों की बड़ी संख्या से अस्पतालों की व्यवस्था बिगड़ती दिखी, तब दिल्ली सरकार ने होम आइसोलेशन की सुविधा शुरू की. इसके तहत सामान्य कोरोना मरीजों का उनके घर पर ही इलाज किया गया. यह व्यवस्था अब भी जारी है. अब तक 3,12,425 मरीजों का होम आइसोलेशन में इलाज किया जा चुका है.
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'बड़ी संख्या में बने अस्थायी कोरोना अस्पताल'
कोरोना की शुरुआती लहर में अस्पतालों की व्यवस्था को लेकर सवाल उठे थे. दिल्ली के सबसे बड़े कोरोना अस्पताल लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल से भी हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आईं. उसके बाद दिल्ली सरकार कोरोना के मद्देनजर अस्पतालों की व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर सक्रिय हुई. बड़ी संख्या में अस्थायी कोरोना अस्पताल बनाए गए.
'उत्तराखंड के मंत्री ने की दिल्ली सरकार की तारीफ'
उस दौरान यह भी दिखा कि दिल्ली सरकार के जीटीबी अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए उत्तराखंड के मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी भर्ती हुए और स्वस्थ होकर लौटते समय अस्पताल प्रबंधन और केजरीवाल सरकार की तारीफ की. हालांकि इस साल दिल्ली ने कोरोना काल में कई कोरोना वॉरियर्स को खोने का गम भी झेला. इनके लिए दिल्ली सरकार ने एक करोड़ के सहयोग राशि की घोषणा की.
'9 कोरोना वॉरियर्स की शहादत पर सहयोग राशि'
9 कोरोना वॉरियर्स के परिजनों को अब तक दिल्ली सरकार की तरफ से एक करोड़ की सहयोग राशि दी जा चुकी है. दिल्ली सरकार की एक योजना पुलिसकर्मियों या सैनिकों की शहादत पर उनके परिजनों को एक करोड़ की सम्मान राशि देने की भी है. इस योजना के तहत अब तक दिल्ली पुलिस के 19 और दिल्ली फायर सर्विस के 6 शहीदों के परिजनों को एक करोड़ की राशि दी गई है.
'43 हजार निर्माण मजदूरों को 10-10 हजार'
भारतीय सेना के एक सैनिक, बीएसएफ के एक जवान और एक आईबी ऑफिसर की शहादत के बाद उनके परिजनों को भी दिल्ली सरकार ने एक करोड़ की सम्मान राशि दी है. कोरोना के शुरुआती दिनों में जब लॉकडाउन हुआ और खासतौर पर कामगार और मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया, तब दिल्ली सरकार ने 43,945 निर्माण मजदूरों को प्रति मजदूर 10 हजार की राशि दी.
'डेढ़ लाख से ज्यादा ड्राइवर्स को 5-5 हजार'
निर्माण मजदूरों से लेकर ऑटो टैक्सी ड्राइवर्स तक को इसका फायदा मिला. दिल्ली के 1,56,875 ऑटो-टैक्सी ड्राइवर्स को 5-5 हजार रुपये दिए गए हैं. कोरोना और लॉकडाउन से सामने आई आर्थिक तंगी के बावजूद दिल्ली सरकार ने दिल्ली वालों के लिए फ्री बिजली पानी की सुविधा जारी रखी.
'73% उपभोक्ताओं के आए जीरो बिजली बिल'
दिल्ली में घरेलू बिजली बिल उपभोक्ताओं की संख्या 51,98,533 है. इसमें से 38,23,232 यानी 73.54 फीसदी लोगों के बिजली बिल जीरो आए हैं. वहीं, 24.7 लाख घरेलू पानी उपभोक्ताओं में से 13.66 लाख लोगों के पानी बिल जीरो आए हैं. यह अक्टूबर-नवम्बर 2020 का आंकड़ा है. बीते पूरे साल में कम से कम एक बार जीरो बिल वाले उपभोक्ताओं की संख्या 14.75 लाख है.
'तरक्की के 6 साल' का प्रचार-प्रसार
इन तमाम उपलब्धियों को दिल्ली सरकार ने तरक्की के 6 साल का नाम दिया है और इससे जुड़े होर्डिंग्स बैनर दिल्ली की सड़कों से लेकर दिल्ली मेट्रो तक देखे जा सकते हैं. एक साल पहले, 'अच्छे होंगे 5 साल' के नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी सरकार में तीसरे कार्यकाल का एक साल पूरा करने के बाद कोरोना काल की लड़ाई से लेकर अपने तमाम कार्यों को जनता के बीच रख रही है.