नई दिल्ली: दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 से 27 नवम्बर 2023 तक चले 42वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार के मशहूर लिट्टी चोखा का भी लोगों ने जमकर आनंद उठाया. मिस्टर लिट्टी बाले ने 14 दिन में 8 लाख की बिक्री कर दी. मेला के साझेदार राज्य बिहार के बिहार पेवेलियन में हैंडलूम एवं हैंडीक्राफ्ट के स्टाल लगाए गए थे. लेकिन बिहार सरकार द्वारा बिहार के व्यंजनों का स्वाद चखाने के लिए फूड स्टॉल नहीं लगाया गया था. निजी स्तर पर मिस्टर लिट्टीवाला नाम से मशहूर लिट्टी चोखा बेचने वाले देवेंद्र सिंह ने मेले में अपना स्टाल लगाया था. जिससे उन्होंने 8 लाख रुपये की कमाई की.
देश और विदेश में लोकप्रिय लिट्टी-चोखा: वैसे तो लिट्टी-चोखा बिहार का लोकप्रिय व्यंजन है, लेकिन यह व्यंजन बिहार ही नहीं बल्कि देश और विदेशों में भी पसंद किया जाता है. लिट्टी-चोखा एक ऐसा व्यंजन है, जो बिहार की परंपरा, स्वाद और सांस्कृतिक विरासत की कहानी को दर्शाता है. देवेंद्र सिंह ने बताया कि वह प्रगति मैदान में आयोजित होने वाले व्यापार मेले में पिछले 10 साल से लिट्टी-चोखा बेच रहे हैं. इस बार पहली बार ऐसा हुआ है जब बिहार सरकार ने फूड कोर्ट नहीं लिया. जिसके कारण बिहार की संस्कृति का अभिन्न हिस्से बन चुके व्यंजन लिट्टी-चोखा, खाजा, अनरसा और लौंगलत्ती का स्वाद लेने के लिए लोगों को निजी स्टॉल पर निभार रहना पड़ा.
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लिट्टी-चोखा के प्रति लोगों की दिवानगी: देवेंद्र सिंह का कहना है कि कमाई का एक बड़ा हिस्सा उन्हें फूड कोर्ट को कमीशन के रूप में देना पड़ा, जिससे उनको नुकसान उठाना पड़ा यदि बिहार सरकार की ओर से स्टॉल लगाया जाता तो उन्हें मुफ्त में जगह मिलती. उन्होंने बताया कि इस बार लिट्टी-चोखा के प्रति लोगों की दिवानगी के कारण ऐतिहासिक बिक्री हुई है.