नई दिल्लीः संसद में महिला आरक्षण बिल को लेकर मांग एक बार फिर तेज़ हो गई है. महिला अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने वाली डॉ. रंजना कुमारी के नेतृत्व में दिल्ली के एक महिला समूह ने जल्द महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए बिल को पारित करने पर ज़ोर दिया है. इसको लेकर जल्द आंदोलन किया जाएगा.
महिलाओं की बराबरी और बिल को लेकर साल 2016 में रंजना कुमारी और उनके साथियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में सैकड़ों गुलाबी चिट्ठियां भेजी थीं. वो कहती हैं कि एक बार फिर इस मुहिम को शुरू किया जा रहा है. कोशिश होगी कि संसद तक आवाज़ पहुंचाई जाए.
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हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा था कि बहुत कम महिलाओं को शीर्ष पर प्रतिनिधित्व मिलता है. आजादी के 75 सालों के बाद भी सभी स्तरों पर महिलाओं के लिए कम से कम 50 फीसदी प्रतिनिधित्व की उम्मीद की जानी चाहिए. न सिर्फ़ न्यायपालिका, बल्कि अन्य क्षेत्रों में महिलाओं की पुरुषों से बराबरी के लिए महिला समूह इस बिल को ज़रूरी बता रहा है.
महिला समूह का कहना है कि दिल्ली विधानसभा में महिलाओं की सीमित संख्या के साथ ही कैबिनेट में एक भी महिला मंत्री का ना होना असल स्थिति दर्शाता है. राजनीतिक पार्टियाँ या तो टिकट देती ही नहीं हैं और अगर महिलाओं को टिकट मिल जाए और वो जीत जाएं, तो बेहतर ज़िम्मेदारी नहीं मिलती. आने वाले दिनों में इसे लेकर आवाज़ बुलंद की जाएगी. मांग है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में इस बिल का ज़मीनी असर देखने मिले.