नई दिल्ली: दिल्ली के जिन चुनिंदा जगहों पर गंदा पानी आने की समस्या है, उसका जल्द ही स्थायी समाधान कर दिया जाएगा और लोगों को बिल्कुल साफ पानी मिलेगा. इसे लेकर सोमवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने डीजेबी के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने डीजेबी के अधिकारियों को गंदे पानी की समस्या का स्थायी समाधान निकालने और दिल्ली में पानी की जरूरतों को पूरा करने को लेकर अफसरों को कड़े निर्देश दिए.
खराब फ्लोमीटर को दोबारा चालू करने के निर्देश: प्राइमरी और सेकेंडरी यूजीआर पर फ्लोमीटर लगाए जा रहे हैं. सीएम अरविंद केजरीवाल ने खराब फ्लोमीटर को ठीक कर दोबारा सुचारू रूप से चालू करने का निर्देश दिया है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि फ्लोमीटर लगाने के काम में तेजी लाई जाए. सभी प्राइमरी यूजीआर पर फ्लोमीटर अवश्य लगाया जाए और यह काम जल्द पूरा कर लिया जाए. इसके बाद सेकेंडरी यूजीआर पर फ्लोमीटर लगाने का काम शुरू किया जाए.
सीएम ने कहा कि सभी टैपिंग, इनपुट और आउटपुट पर फ्लोमीटर लगाया जाए. इस काम को जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि सभी 2700 फ्लोमीटर की अपडेट मोबाइल पर मिलनी चालू हो जाए. सीएम ने फ्लोमीटर को लेकर बुधवार को भी बैठक बुलाई है. उन्होंने कहा कि 1428 ट्यूबवेल्स लगाने का काम छह माह में पूरा करें.
पानी की क्वालिटी को बेहतर करने का निर्देश: सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पानी की उपलब्धता को बढाने के साथ ही उसकी क्वालिटी को भी बेहतर करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि ट्यूबवेल्स से निकलने वाले पानी का टेस्ट भी अच्छा होना चाहिए. ऐसा न हो कि पानी निकाल लें, लेकिन वो इस्तेमाल करने योग्य न हो. पानी की क्वालिटी अच्छा करने के लिए जो भी आवश्यक कदम उठाने हैं, वो उठाए जाएं, लेकिन लोगों को अच्छी क्वालिटी का पानी मिलना चाहिए. अगर आरओ या अमोनिया रिमूवल प्लांट लगाने की जरूरत है तो उसे लगाया जाए.
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बडे स्तर पर चल रहा काम: दिल्ली के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर काम चल रहा है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली जल बोर्ड एक बड़े प्लान पर काम कर रहा है. दिल्ली के जिन इलाकों में भू-जल स्तर ऊपर है, वहां पर दो तरह से काम कर पानी के उत्पादन को बढ़ाया जाएगा.
पहला, भू-जल स्तर ऊपर वाले इलाकों में इसका स्तर और ऊपर उठाने का प्रयास किया जाएगा. ऐसे इलाकों में कुछ उपकरण लगाए जाएंगे, जिनकी मदद से भू-जल स्तर को और ऊपर उठाया जा सकेगा. इसके बाद यहां से भू-जल को निकाल कर तकनीक की मदद से ट्रीट कर पीने योग्य बनाया जाएगा. दिल्ली के विभिन्न इलाकों में करीब 2500 ट्यूबवेल्स लगाकर इस पर काम किया जाएगा.
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