नई दिल्ली: बारिश के कारण अक्सर राजधानी के अंडरपासों में पानी भर जाता है, जिससे यातायात ठप हो जाता है. इस बार मानसून के दौरान ही सितंबर में राजधानी में जी-20 की प्रमुख बैठक होनी है. उस दौरान ऐसी कोई समस्या उत्पन्न न हो, इसके लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने तैयारी शुरू कर दी है. दरअसल, पिछले सालों में मिंटो ब्रिज और पुलप्रहलादपुर अंडरपास में भरे पानी में डूबकर दो लोगों की मौत तक हो चुकी है.
अब पीडब्ल्यूडी ने तय किया है कि अधिक जलभराव वाली जगहों की सीसीटीवी कैमरों से 24 घंटे निगरानी की जाएगी. सभी जगह 24 घंटे काम करने वाले वाटर लेवल अलार्म सिस्टम लगाए जाएंगे. पीडब्ल्यूडी का प्रयास है कि इन अंडरपास तक पानी को पहुंचने से ही रोक दिया जाए. पीडब्ल्यूडी ने मिंटो ब्रिज व पुलप्रहलादपुर अंडरपास में जलभराव को पूरी तरह से रोक दिया है. आइपी एस्टेट के पास जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान किया जा रहा है.
पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने बताया कि रिंग रोड पर डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग के सामने आईपी एस्टेट पर जलभराव से बचाव के लिए नौ पंप लगाए जा रहे हैं. यहां डेढ़ लाख लीटर का भूमिगत टैंक और पुराने आइपी पावर प्लांट से यमुना तक स्टार्म वाटर ड्रेन बनाया गया है. यहां बारिश के दौरान पुरानी दिल्ली के सीवर से आने वाला पानी भी भर जाता है. जखीरा अंडरपास में कचरा के कारण वाटर पंप जाम हो जाते हैं, जिससे यहां बारिश का पानी भर जाता है. यहां रेलवे लाइन के कचरे को रोकने के लिए जाल लगाया गया है. आसपास के क्षेत्र में ड्रेन का माडिफिकेशन किया गया है. इस अंडरपास में लगे पंप की क्षमता बढ़ाकर 370 हार्स पावर की जा रही है. वहीं, जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन रोड पर सर्विस रोड के साथ एक नाला बनाया जाएगा. मुकरबा चौक से मुख्य सड़क के बीच पुराने एसडब्ल्यू ड्रेन को फिर से बनाया जाएगा. रामगढ़ और महेंद्र पार्क की ओर मुख्य सड़क पर पंप हाउस बनाया जाएगा.
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पुलप्रह्लादपुर अंडरपास को हॉटस्पॉट की सूची से हटाया गयाः पुलप्रह्लादपुर अंडरपास में 7.5 लाख लीटर क्षमता का भूमिगत टैंक बनाया गया है. यहां 600 हार्स पावर का एक स्थायी पंप हाउस बनाया गया है. दिल्ली सरकार ने पुलप्रह्लादपुर अंडरपास को जलभराव वाले हॉटस्पॉट की सूची से हटा दिया है. वहीं, मिंटो ब्रिज अंडरपास पर अल्टरनेट ड्रेनज सिस्टम व आटोमेटिक वाटर पंप हाउस बनाये जाने के बाद यहां भी जलभराव नहीं होता है.
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