नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद की 1265वीं बैठक का आयोजन विश्वविद्यालय के वाइसरीगल लॉज के कन्वेंशन हॉल में हुआ. विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. योगेश सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिये विश्वविद्यालय का 1886.53 करोड़ का बजट भी पारित किया गया. इसके साथ ही विश्वविद्यालय में अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा देने और अनुसंधान उन्मुख शिक्षाविदों के पुनर्नियोजन के लिए भी मसौदे को मंजूरी दी गई.
नए वित्तीय वर्ष की इस पहली बैठक में वर्ष 2023-2024 के लिये वित्तीय बजट अनुमान (संसोधित बजट अनुमान 2022-23 और बजट अनुमान 2023-2024) पेश किया गया, जिसे कि वित्तीय समिति ने अपनी 21 मार्च 2023 की बैठक में विचार के बाद अनुमोदित किया था. वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिये कुल 1886.53 करोड़ रुपए का बजट अनुमान पेश किया गया, जिसके तहत सैलरी हैड में कुल 512.34 करोड़ रुपए का अनुमान है. इसके अनुसार रेगुलर फ़ैकल्टि सैलरी के तहत 267.33 करोड़ और रेगुलर नॉन फ़ैकल्टि सैलरी के लिये 127.01 करोड़ रुपए तथा अन्य विषयों जैसे कि लीव एनकैशमेंट, एलटीसी, चिलड्रन एजुकेशन एलाउंस, मेडिकल रिइमबर्समेंट और अन्य सेवानिवृति लाभ आदि के लिये 118.00 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है.
इसके अतिरिक्त शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक रिक्त पदों के खर्च को भी बजट में शामिल किया गया है, जिसके तहत 876.34 करोड़ रुपए का अनुमान पेश किया गया है. आवर्ती खर्चों के तहत पेंशन, नॉन सैलरी आइटम्स, नॉन-नेट फैलोशिप और हायर एजुकेशनल फाइनन्सिंग एजेंसी हेतु कुल 582.19 करोड़ रुपए का अनुमान पेश किया गया है. इसके साथ ही बिल्डिंग, पुस्तकें और जर्नाल्स, प्र्योगशाला उपकरण, क्लास रूम उपकरण एवं फर्नीचर, कम्प्युटर और कैम्पस विकास आदि पूंजीगत आस्तियों के लिये 428 करोड़ रुपए का अनुमान पेश किया गया है.
इसे भी पढ़ें: Sedition Case: दिल्ली हाईकोर्ट में शरजील इमाम की जमानत पर सुनवाई टली, अब चार मई को होगी
इन पर भी हुई चर्चा: बैठक के दौरान 3 फरवरी 2023 को हुई ईसी की 1264वीं बैठक के मिनट्स की पुष्टि भी की गई. विश्वविद्यालय में अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा देने और अनुसंधान उन्मुख शिक्षाविदों के पुनर्नियोजन के लिए विभिन्न विषयों पर दिशानिर्देश तैयार करने के लिए गठित समिति की सिफारिशों पर विचार के उपरांत उन्हें भी इस बैठक में पारित कर दिया गया. इसके तहत सेवानिवृत्त अनुसंधान उन्मुख शिक्षाविदों का पुनर्नियोजन किया जा सकेगा. यह नियम केवल दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय शिक्षण विभागों/ केंद्रों/ स्कूलों/ संस्थानों में ही लागू होगा. इसे विश्वविद्यालय के कॉलेजों में लागू नहीं किया गया है.
इसे भी पढ़ें: Delhi Mayor Election: मेयर, डिप्टी मेयर चुनाव के लिए 18 अप्रैल तक भर सकते हैं नामांकन, 26 को चुनाव