नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर-मंतर पर दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के बैनर तले टैक्सी यूनियन से जुड़े मालिक और ड्राइवर ने सोमवार को प्रदर्शन किया. ड्राइवर्स द्वारा दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग एवं दिल्ली परिवहन विभाग एवं कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के फैसले के बाद प्रदर्शन किया जा रहा है. विभाग द्वारा प्रदूषण के रोकथाम के लिए हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की डीजल बीएस 4 बसों की 1 नवम्बर 2023 से दिल्ली में एंट्री बैन करने का फरमान जारी किया गया है.
डीजल बसों की एंट्री पूरी तरह होगी बैन: ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट का कहना है कि अभी इन्होंने दिल्ली एनसीआर की बीएस 4 डीजल बसें पूरी तरह बंद की हैं और बाद में पूरे भारत के डीजल बीएस4 टैक्सी बसों को यें बंद करने वाले हैं. पूरे भारत के टैक्सी और बस मालिक अभी हाल में ही 2 सालों से करोना महामारी से पीड़ित रहे हैं. दिल्ली सरकार एवं दिल्ली परिवहन विभाग और सीएक्यूएम काफी समय से दूसरे राज्यों की सरकारी डिपो की परिवहन बसों को बीएस 6 डीजल या इलेक्ट्रिक अथवा सीएनजी गाड़ियों की एंट्री दिल्ली में दे रहे हैं.
26 अक्टूबर, 2023 को दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की सूचना के तहत बीएस 4 डीजल बसों की एंट्री एक नवम्बर 2023 से बंद करने के आर्डर दिए गए हैं. ये बसें सिर्फ राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की होंगी. ट्रांसपोर्टर्स की भी काफी बसें जो हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश नंबर की डीजल बसें है, उनको भी इन्होने बस डिपो की तरह बंद करने का फरमान जारी कर दिया. सम्राट का कहना है कि हमारी डीजल बसों के पास ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट है, जिसका जिक्र अलग से दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग ने नहीं किया है. जबकि इस से पहले एनसीआर दिल्ली की किसी भी ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन को इस बारे में नहीं बताया गया.
ये भी पढ़ें: Civil defense employees protest: बकाया वेतन की मांग को लेकर फिर से धरने पर बैठे सिविल डिफेंस कर्मचारी
पिछले साल भी हुआ था बैन: सम्राट ने कहा कि पहले भी दिल्ली सरकार ने कमिसन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट द्वारा प्रदूषण के नाम पर डीजल से चलने वाली टूरिस्ट टैक्सी को पिछले साल ग्रेप लगाकर बंद किया गया और उन पर 20 हजार तक का जुर्माना भी किया गया था. ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट का कहना है कि पिछले साल भी इन्होंने 4 पहिया की डीजल बीएस 4 टैक्सी को बंद करा दिया था, लेकिन डीजल के ट्रक को खुले आम चलने की इजाजत दी थी.
ये भी पढ़ें: चालान के झगड़े में सिविल डिफेंस वालों ने कार चालक की बेल्ट से पिटाई की