ETV Bharat / state

सरकार ने दालों की स्टॉक सीमा तय की, नया बाजार के व्यापारियों ने बताया-काला कानून

author img

By

Published : Jul 5, 2021, 10:11 PM IST

केंद्र सरकार ने दाल व्यापारियों के लिए स्टॉक की लिमिट (Stock Limit on Pulses) तय कर दी है. अब थोक व्यापारी 200 टन से ज्यादा दाल का स्टॉक नहीं कर सकते हैं. व्यापारी केंद्र के इस नियम का विरोध कर रहे हैं. अनाज मंडी नया बाजार के व्यापारियों ने सोमवार को सड़क पर उतरकर इसका विरोध (Protest Against Fixing Stock Limit For Pulses) किया. जानिए क्या है पूरा मामला और क्या कह रहे हैं व्यापारी.

Delhi traders protest against fixing stock limit for pulses
अनाज मंडी नया बाजार

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने व्यापारियों के लिए दाल पर स्टॉक की लिमिट (Stock Limit on Pulses) तय कर दी है. थोक व्यापारियों के लिए यह लिमिट 200 टन रखी गई है. यानी 1 दिन में कोई भी व्यापारी अपने गोदाम में 200 टन से ज्यादा दाल का स्टॉक नहीं रख सकेगा. दाल के व्यापारी केंद्र सरकार के इस नियम के खिलाफ हैं. एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी नया बाजार के व्यापारियों ने सोमवार को सड़क पर उतरकर केंद्र के इस नियम का विरोध (Protest Against Fixing Stock Limit For Pulses) किया.

पल्स एंड बीन्स इम्पोर्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट प्रदीप जिंदल ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि जिस देश में 256 लाख टन दाल की पैदावार होती है, वहां 200 टन दाल कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने यह फैसला बिना सोचे विचारे किया है. इससे न सिर्फ व्यापारियों का बल्कि किसानों का भी नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि ऐसा भी नहीं है कि अभी दाल बहुत महंगी हो और इसलिए यह फैसला हुआ हो.

सरकार ने दालों की स्टाक सीमा तय की,

प्रदीप जिंदल ने बताया कि मसूर को छोड़कर बाकी सभी दाल MSP से कम कीमत पर बिक रही हैं. उन्होंने इसका विकल्प भी बताया कि केंद्र सरकार चाहती तो केवल मसूर पर ड्यूटी कम कर सकती थी, लेकिन व्यापारियों को नुकसान में डाला जा रहा है. दिल्ली ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट आनंद गर्ग का कहना था कि यह 1957 का कानून है, जिसे सरकार अब लागू करके व्यापारियों को परेशान कर रही है. आनंद गर्ग ने कहा कि 1957 में देश की आबादी 25 लाख थी, तब स्टॉक लिमिट 200 टन हुआ करता था, लेकिन आज देश की आबादी सवा सौ करोड़ को पार कर रही है. ऐसे में एक थोक व्यापारी 200 टन में कैसे काम कर पाएगा. उन्होंने कहा कि एक मध्यम व्यापारी भी आज हर दिन 100 टन के करीब का व्यापार करता है, 100-200 टन माल हमारा रास्ते में ही रहता है.


ये भी पढ़ें-Naya Bazar Anaz Mandi: कोरोना की मार से नहीं बच पाई एशिया की सबसे बड़ी मंडी

दिल्ली ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के संयुक्त मंत्री सचिन शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि हमारी तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल तैयार हुआ है, जो लीगल एक्सपर्ट से बातचीत करेगा और जरूरत पड़ी तो हम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएंगे. पल्स एंड बीन्स इम्पोर्ट एसोसिएशन के एक्स वाइस प्रेसिडेंट कुलभूषण गुप्ता का कहना था कि अभी प्राइस तेज नहीं है. ऐसे में स्टॉक लिमिट की कोई जरूरत ही नहीं है.


ये भी पढ़ें-अनाज मंडी में दुकानें नहीं मिलने से व्यापारी नाराज, गिनाई परेशानी

कुलभूषण गुप्ता ने यह भी कहा कि जब अप्रैल में लॉकडाउन लगा, तब व्यापारियों ने अपनी चिंता नहीं की और सप्लाई बनाए रखी. अगर उस समय सरकार ने स्टॉक लिमिट लगाई होती, तो देश भर में हाहाकार मच जाता. उनका यह भी कहना था कि कुल पैदावार का 7-8 फीसदी माल ही केंद्र सरकार खरीदती है, बाकी किसानों से डायरेक्ट थोक व्यापारी ही खरीदते हैं, केंद्र का यह नियम किसानों के लिए भी नुकसानदेह है.

नया बाजार अनाज मंडी में अलग अलग दालों के थोक दाम:

उड़द 75 से 90 रुपये प्रति किलो
मसूर 68 से 76 रुपये प्रति किलो
मूंग 69 से 80 रुपये प्रति किलो
अरहर80 से 90 रुपये प्रति किलो
चना54 से 59 रुपये प्रति किलो

5 जुलाई को खुदरा बाजार में दाल के दाम (स्त्रोत - उपभोक्ता मंत्रालय)

उड़द 113 रुपये प्रति किलो
मसूर87 रुपये प्रति किलो
मूंग100 रुपये प्रति किलो
अरहर110 रुपये प्रति किलो
चना73 रुपये प्रति किलो

ये भी पढ़ें-अनाज के दामों को लेकर हरेंद्र सिंघल ने दिल्ली सरकार पर साधा निशाना

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने व्यापारियों के लिए दाल पर स्टॉक की लिमिट (Stock Limit on Pulses) तय कर दी है. थोक व्यापारियों के लिए यह लिमिट 200 टन रखी गई है. यानी 1 दिन में कोई भी व्यापारी अपने गोदाम में 200 टन से ज्यादा दाल का स्टॉक नहीं रख सकेगा. दाल के व्यापारी केंद्र सरकार के इस नियम के खिलाफ हैं. एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी नया बाजार के व्यापारियों ने सोमवार को सड़क पर उतरकर केंद्र के इस नियम का विरोध (Protest Against Fixing Stock Limit For Pulses) किया.

पल्स एंड बीन्स इम्पोर्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट प्रदीप जिंदल ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि जिस देश में 256 लाख टन दाल की पैदावार होती है, वहां 200 टन दाल कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने यह फैसला बिना सोचे विचारे किया है. इससे न सिर्फ व्यापारियों का बल्कि किसानों का भी नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि ऐसा भी नहीं है कि अभी दाल बहुत महंगी हो और इसलिए यह फैसला हुआ हो.

सरकार ने दालों की स्टाक सीमा तय की,

प्रदीप जिंदल ने बताया कि मसूर को छोड़कर बाकी सभी दाल MSP से कम कीमत पर बिक रही हैं. उन्होंने इसका विकल्प भी बताया कि केंद्र सरकार चाहती तो केवल मसूर पर ड्यूटी कम कर सकती थी, लेकिन व्यापारियों को नुकसान में डाला जा रहा है. दिल्ली ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट आनंद गर्ग का कहना था कि यह 1957 का कानून है, जिसे सरकार अब लागू करके व्यापारियों को परेशान कर रही है. आनंद गर्ग ने कहा कि 1957 में देश की आबादी 25 लाख थी, तब स्टॉक लिमिट 200 टन हुआ करता था, लेकिन आज देश की आबादी सवा सौ करोड़ को पार कर रही है. ऐसे में एक थोक व्यापारी 200 टन में कैसे काम कर पाएगा. उन्होंने कहा कि एक मध्यम व्यापारी भी आज हर दिन 100 टन के करीब का व्यापार करता है, 100-200 टन माल हमारा रास्ते में ही रहता है.


ये भी पढ़ें-Naya Bazar Anaz Mandi: कोरोना की मार से नहीं बच पाई एशिया की सबसे बड़ी मंडी

दिल्ली ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के संयुक्त मंत्री सचिन शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि हमारी तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल तैयार हुआ है, जो लीगल एक्सपर्ट से बातचीत करेगा और जरूरत पड़ी तो हम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएंगे. पल्स एंड बीन्स इम्पोर्ट एसोसिएशन के एक्स वाइस प्रेसिडेंट कुलभूषण गुप्ता का कहना था कि अभी प्राइस तेज नहीं है. ऐसे में स्टॉक लिमिट की कोई जरूरत ही नहीं है.


ये भी पढ़ें-अनाज मंडी में दुकानें नहीं मिलने से व्यापारी नाराज, गिनाई परेशानी

कुलभूषण गुप्ता ने यह भी कहा कि जब अप्रैल में लॉकडाउन लगा, तब व्यापारियों ने अपनी चिंता नहीं की और सप्लाई बनाए रखी. अगर उस समय सरकार ने स्टॉक लिमिट लगाई होती, तो देश भर में हाहाकार मच जाता. उनका यह भी कहना था कि कुल पैदावार का 7-8 फीसदी माल ही केंद्र सरकार खरीदती है, बाकी किसानों से डायरेक्ट थोक व्यापारी ही खरीदते हैं, केंद्र का यह नियम किसानों के लिए भी नुकसानदेह है.

नया बाजार अनाज मंडी में अलग अलग दालों के थोक दाम:

उड़द 75 से 90 रुपये प्रति किलो
मसूर 68 से 76 रुपये प्रति किलो
मूंग 69 से 80 रुपये प्रति किलो
अरहर80 से 90 रुपये प्रति किलो
चना54 से 59 रुपये प्रति किलो

5 जुलाई को खुदरा बाजार में दाल के दाम (स्त्रोत - उपभोक्ता मंत्रालय)

उड़द 113 रुपये प्रति किलो
मसूर87 रुपये प्रति किलो
मूंग100 रुपये प्रति किलो
अरहर110 रुपये प्रति किलो
चना73 रुपये प्रति किलो

ये भी पढ़ें-अनाज के दामों को लेकर हरेंद्र सिंघल ने दिल्ली सरकार पर साधा निशाना

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.