नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन ‘एकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन’ के प्रतिनिधि मंडल ने शिक्षा मंत्री आतिशी से मुलाकात की है. इसी बीच एएडीटीए के अध्यक्ष प्रो. आदित्य नारायण मिश्रा ने डीयू के कुलपति पर फैसलों की अवमानना करने का आरोप लगाया है.
मंगलवार को हुई बैठक में एएडीटीए के अध्यक्ष प्रो. आदित्य नारायण मिश्रा ने बताया कि लोकतांत्रिक तरीके से लिए गए फैसलों की डीयू कुलपति अवमानना कर रहे हैं. दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों में गवर्निंग बॉडीज के बगैर किसी भी व्यक्ति का अपॉइंटमेंट पूरी तरह गैर-कानूनी है. उपकुलपति के इशारे पर दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों में एडहॉक शिक्षकों को समायोजित करने के बजाय प्रिंसिपल अपनी मनमानी थोप रहे हैं. कॉलेजों में प्रिंसिपल अपॉइंटमेंट्स व एडॉहक टीचर्स को परमानेंट कराने की जिम्मेदारी गवर्निंग बॉडी की होती है न की उपकुलपति की. ये पूरी तरह राजनीति से प्रेरित कदम है.
मिश्रा ने बताया कि दिल्ली सरकार के वित्तपोषित कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी के गठन के लिए नामांकित लोगों की सूची उपकुलपति कार्यालय को भेजे हुए महीने भर से ज्यादा हो चुका है, लेकिन अभी तक उपकुलपति जानबूझकर देरी कर रहे हैं. दिल्ली सरकार द्वारा 28 जनवरी को ही उपकुलपति कार्यालय को ये लिस्ट भेजी जा चुकी थी और इस बाबत तत्कालीन उपमुख्यमंत्री द्वारा उपकुलपति को 21 फरवरी 2023 को एक रिमाइंडर भी भेजा गया था, लेकिन इतना समय बीतने के बावजूद इस प्रक्रिया को उपकुलपति ने ठंडे बस्ते में डाल रखा है. ये पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है और इससे इन कॉलेजों में बहुत सी प्रशासनिक दिक्कतें आ रही हैं.
उन्होंने कहा कि जीबी गठन में देरी का सीधा उद्देश्य इन कॉलेजों में एडहॉक और अस्थायी शिक्षकों के एबसोर्व करने के दिल्ली सरकार के नीति को उलटना है. उपकुलपति द्वारा मनमाने ढंग से और राजनीति से प्रेरित होकर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. इसका ताजा मामला भारती कॉलेज में देखने को मिला है, जहां कॉलेज के असिस्टेंट रजिस्ट्रार द्वारा 15 फरवरी 2023 को जीबी के लिए 3 लोगों का नामांकन भेजा गया, जो कानून 30 (1) का पूरी तरह उल्लंघन है, क्योंकि दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित होने के नाते इन कॉलेजों में जीबी के लिए सरकार द्वारा नामांकन भेजा जाता है.
बता दें, एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्यों ने 3 फरवरी 2023 को अपनी बैठक में 28 फरवरी को दिल्ली सरकार द्वारा भेजी गई सूची को पटल पर रखने की मांग की, तो उपकुलपति ने कहा कि सूची में कुछ तकनीकी समस्याएं हैं. अगर कोई तकनीकी समस्या थी तो असिस्टेंट रजिस्ट्रार ने ये तीन नाम कैसे भेजे? इसके अलावा उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन वर्तमान कार्यवाहक प्रिंसिपलों को स्थायी करने के एकमात्र मकसद से प्रधानाध्यापक के लिए साक्षात्कार का आयोजन करने की जल्दबाजी कर रहा है, ताकि दिल्ली सरकार के नामिती जीबी के सदस्य बनने से पहले राजनीतिक रूप से जुड़े लोगों को इस पद पर स्थापित किया जा सके.
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