नई दिल्ली: देश भर में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लेकर चर्चा चल रही है. पिछले दिनों इसी मुद्दे को लेकर शिरोमणि अकाली दल के परमजीत सिंह सरना ने बयान दिया था कि वह यूसीसी का देशभर में विरोध करेंगे. वहीं, आज दिल्ली के रकाबगंज गुरुदारे में देशभर से कुल 13 सिख संगति ने यूसीसी के मुद्दे पर गहन विचार विमर्श किया. इसके बाद 13 राज्यों के सिख समुदाय के संगति ने एक साझा बयान जारी किया. बयान जारी कर उन्होंने कहा कि जब तक यूसीसी का ड्राफ्ट सामने नहीं आ जाता इस बिल का विरोध करना बेइमानी है.
इस मौके पर सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जनरल सेक्रेटरी जगदीप सिंह कहलो ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस मुद्दे को लेकर हमने 11 मेंबर की कमेटी बनाई है, जो हमारे हितों को लेकर एक ड्राफ्ट लॉ कमेटी भारत सरकार को भेजेगी. उन्होंने कहा कि हमें पहले से 1951 में दिए गए विशेष छूट का इस बिल में शामिल होने को लेकर भरोसा है, जब तक हमारे सामने बिल नहीं आ जाता इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है.
ये लोग हुए शामिल: इस मीटिंग में यूपी, कर्नाटक, हरियाणा, कोलकाता, जयपुर, पंजाब, हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के प्रमुख सहित देश भर से कुल 13 गुरुद्वारा से सिख प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इसमें प्रमुख रूप से हरमीत सिंह कालका प्रेसिडेंट डीएसजीएमजी, आरएस आहूजा प्रेसिडेंट सिख फोरम सहित सभी प्रतिनिधियों ने सहमति से एक ज्वाइंट बयान जारी किया.
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समान नागरिक संहिता क्या है?: यूनिफॉर्म सिविल कोड का अर्थ हर नागरिक के लिए एक समान कानून. चाहे वो किसी भी संप्रदाय, धर्म या जाति विशेष का क्यों न हो, सभी पर एक ही तरह कानून लागू होगा. आसान भाषा में यह भी कह सकते हैं कि शादी, तलाक और जमीन जायदाद आदि के बंटवारे से जुड़े मामलों में सभी धर्मों के लिए एक ही तरह का कानून लागू होगा. यह एक निष्पक्ष कानून होगा.
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