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Delhi riots: पान का खोखा जलाने के मामले में दो आरोपी बरी

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Published : Mar 19, 2023, 8:39 PM IST

कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगे में पान का खोखा जलाने के मामले में दो आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि पुलिस मामले में आरोपितों की संलिप्तता साबित करने में विफल रही है.

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नई दिल्ली: राजधानी के उत्तर-पूर्वी इलाके में वर्ष 2020 में हुए दंगे में पान का खोखा जलाने के मामले में कोर्ट ने दो आरोपितों को बरी कर दिया है. कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल की कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस ने घटना को स्थापित किया है, लेकिन उसमें आरोपितों की संलिप्तता साबित करने में विफल रही है.

दंगे के दौरान करावल नगर इलाके के शिव विहार तिराहे पर 24 फरवरी 2020 को दंगाइयों ने मोहम्मद राशिद के पान के खोखे में आग लगा दी थी. मामले में इंदिरा पार्क निवासी अशरफ अली और बाबू नगर महालक्ष्मी विहार निवासी परवेज के खिलाफ पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया था. सितंबर 2021 में इनके खिलाफ कोर्ट ने आरोप तय किए थे, लेकिन दोनों ने खुद को बेगुनाह बताया था.

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मामले में ट्रायल शुरू किया गया और गवाह पेश किए गए. ट्रायल के दौरान कोर्ट ने पाया कि जिस गवाह पर अभियोजन भरोसा कर आरोपितों की घटना में मौजूदगी बता रहा था, उसने इस बात से इन्कार कर दिया कि दोनों खोखा जलाने वाली भीड़ में शामिल थे. इसके अलावा इस मामले में कोई दूसरा गवाह नहीं था जो आरोपितों की घटना के दौरान मौजूदगी को साबित कर सके. इसलिए दोनों को बरी किया जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि 23 से 25 फरवरी 2020 तक तीन दिन तक चले दिल्ली दंगे में 53 लोग मारे गए थे और 500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. दंगा, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ मुस्लिमों द्वारा रास्ता बंद करके किए जा रहे प्रदर्शन के खिलाफ भड़का था. इसमें दिल्ली पुलिस के हवलदार रतनलाल और आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की भी हत्या हुई थी.

यह भी पढ़ेंः एनटीपीसी के महाप्रबंधक का घेराव करेंगे छात्र और अभिभावक, केंद्रीय विद्यालय को प्रबंधन ने नहीं दिया अनुदान



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दंगे के दौरान करावल नगर इलाके के शिव विहार तिराहे पर 24 फरवरी 2020 को दंगाइयों ने मोहम्मद राशिद के पान के खोखे में आग लगा दी थी. मामले में इंदिरा पार्क निवासी अशरफ अली और बाबू नगर महालक्ष्मी विहार निवासी परवेज के खिलाफ पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया था. सितंबर 2021 में इनके खिलाफ कोर्ट ने आरोप तय किए थे, लेकिन दोनों ने खुद को बेगुनाह बताया था.

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उल्लेखनीय है कि 23 से 25 फरवरी 2020 तक तीन दिन तक चले दिल्ली दंगे में 53 लोग मारे गए थे और 500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. दंगा, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ मुस्लिमों द्वारा रास्ता बंद करके किए जा रहे प्रदर्शन के खिलाफ भड़का था. इसमें दिल्ली पुलिस के हवलदार रतनलाल और आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की भी हत्या हुई थी.

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