नई दिल्ली: साफ हो रही दिल्ली पर एक बार फिर से प्रदूषण का खतरा बढ़ने लगा है. कोरोना महामारी के बीच राजधानी दिल्ली के प्रदूषण स्तर में भी लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. अनलॉक 1 में मिली छूट के बाद दिल्ली की सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ गया है और सभी कल कारखाने अपनी पूरी क्षमता से चल रहे हैं.
कल कारखाने से निकलने वाले धुएं के कारण प्रदूषण के स्तर में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. आज सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 135 दर्ज किया गया, जिसे खराब की श्रेणी में माना जाता है. वहीं कभी निर्मल हो चली यमुना पर फिर से प्रदूषित होने लगी है.
अभी और बढ़ेगा प्रदूषण
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि अनलॉक 1 में मिली छूट के बाद अचानक से दिल्ली की सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ गया है. जिनसे निकलने वाले धुएं के कारण प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
इसके साथ ही दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में चलने वाले सभी कल कारखाने भी अपनी पूरी क्षमता से चल रहे हैं. जिस कारण भी प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. अधिकारियों का यह भी कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में प्रदूषण के स्तर में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.
क्षेत्रवार प्रदूषण की स्थिति
आनंद विहार 177, आया नगर 115, बवाना 150, डीटीयू 172, द्वारका 134, दिलशाद गार्डन 142, आईटीओ 242, लोधी रोड 181, मुंडका 129, नॉर्थ केंपस 121, सोनिया विहार 123, वजीरपुर 145
लॉकडाउन का पड़ा था जोरदार असर
ज्ञात रहे कि लॉकडाउन की वजह से प्रकृति अपने असली स्वरूप में आने लगी थी. देश के सभी राज्यों और शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ था. वहीं गंगा और यमुना जैसी बेहद प्रदूषित हो चुकी नदियां भी साफ दिखने लगी थी.
अब निर्मल यमुना का रूप स्थाई नहीं रहा और सरकार ने जैसे ही लॉकडाउन में उद्योग धंधों में राहत दी, जैसे कल कारखानों की चिमनियों ने धुआं उगलना शुरू किया, यमुना का विशुद्ध रूप भी फिर से मानवीय जरूरतों की भेंट चढ़ने लगा है.
देखते-देखते यमुना आज फिर से अपनी उसी पहचान में ढलने लगी है, जिसे बदलने के दावे वादे तो खूब हुए, लेकिन जब कोरोना ने उसका असली कारण और उपाय बताया, तो सरकार और व्यवस्था उसे भी नहीं समझ सकी.