नई दिल्ली: दिल्ली के बहुचर्चित श्रद्धा हत्याकांड मामले में दिल्ली पुलिस इसी हफ्ते आरोप पत्र दाखिल कर सकती है. इसकी पूरी तैयारियां हो चुकी है. जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि करीब 3,000 पेज की चार्जशीट साकेत स्थित सत्र न्यायाधीश की अदालत में दाखिल की जाएगी. इसमें करीब 100 लोगों के बयान को आधार बनाया गया है. साथ ही विधि विशेषज्ञों के सुझाव भी शामिल किए गए हैं.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, इस पूरे आरोप पत्र में आफताब अमीन पूनावाला के मोबाइल सीडीआर रिपोर्ट, श्रद्धा के मोबाइल नंबर की सीडीआर, साथ ही श्रद्धा और आस्था द्वारा अलग-अलग दोस्तों को किए गए व्हाट्सएप चैट, आफताब की नारको टेस्ट रिपोर्ट, पॉलीग्राफ टेस्ट और डीएनए मैपिंग इत्यादि की रिपोर्ट भी शामिल की गई हैं. पुलिस इस मामले में अलग-अलग लैब की जांच रिपोर्ट भी शामिल कर रही है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वह पूरे साक्ष्यों के साथ इस केस में आगे बढ़ रहे हैं. ताकि आफताब को सजा दिलाई जा सके.
100 से अधिक गवाह, लीगल एक्सपर्ट की भी रायः आरोप पत्र में 100 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं. इसमें सबसे पहले शिकायत देने वाले श्रद्धा के दोस्तों, आफताब के घर के आसपास रहने वाले पड़ोसियों, फ्रिज इत्यादि के विक्रेताओं और इस मामले से जुड़े कई लोगों के बयान शामिल किए गए हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस केस की पैरवी कर रहे लीगल एक्सपर्ट की राय को भी आरोप पत्र में शामिल किया गया है.
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ऑटोप्सी रिपोर्ट में धारदार हथियार से काटने के सबूतः महरौली के जंगलों से मिले अवशेषों की ऑटोप्सी रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को मिल गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हड्डियों को किसी धारदार हथियार से रेत कर काटा गया है. हड्डियों के DNA मिलान तथा बालों की लेबोरेटरी जांच में भी पुष्टि हुई है कि जंगल से मिली हड्डियां श्रद्धा की हैं. आफताब ने भी इलेक्ट्रिक आरी से बॉडी काटने की बात कबूली थी.
18 मई को ही कर दी थी हत्याः दिल्ली पुलिस के अनुसार, 18 मई को आफताब ने श्रद्धा की हत्या की थी. इसका खुलास तब हुआ जब 18 नवंबर को आफताब को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद महरौली जंगल और गुरुग्राम में उसकी निशानदेही पर पुलिस ने शव के कई टुकड़े हड्डियों के रूप में बरामद किए थे. पुलिस ने इन सबकी जांच के लिए सीएफएसएल लैब भेजा था. DNA टेस्ट के लिए पिता का सैंपल भी लिया था. डीएनए रिपोर्ट को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया है.
क्या है आरोप पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया: अधिवक्ता रवि दराल बताते हैं कि किसी भी आपराधिक मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के बाद से 90 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया है. यदि जांच एजेंसी ऐसा करने में असफल रहती है तो आरोपी को कोर्ट जमानत पर रिहा कर देती है. हालांकि, इस मामले में अभी पुलिस के पास करीब एक माह का समय और है. पुलिस ने आरोपी को 18 नवंबर को गिरफ्तार किया था, ऐसे में पुलिस फरवरी तक इस आरोप पत्र को दाखिल कर सकती है.