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सड़क हादसों के मामले में जांच तेज करेगी दिल्ली पुलिस, कमिश्नर का आदेश - दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने अधिकारियों को दिए आदेश

दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने सड़क हादसों के मामलों को लेकर जांच करवाई थी, जिससे पता चला कि अदालत में कई मामलों में एक साल से भी ज्यादा समय से डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट दाखिल नहीं हुई है. इसे लेकर नाराजगी जताते हुए पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को केस की मॉनिटरिंग करने के आदेश दिए हैं.

road accident cases in delhi
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Published : Jun 11, 2022, 1:48 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी की सड़कों पर होने वाले एक्सीडेंट के मामलों में दिल्ली पुलिस की जांच से पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना संतुष्ट नहीं हैं. ऐसे मामलों में पुलिस की जांच बेहद ढीली है और कई मामलों में लगभग एक साल से अदालत के समक्ष रिपोर्ट दायर नहीं की गई है. इसे लेकर नाराजगी जताते हुए पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को केस की मॉनिटरिंग करने के आदेश दिए हैं.

जानकारी के अनुसार राजधानी में प्रत्येक वर्ष 5 हजार से ज्यादा सड़क हादसे दिल्ली की सड़कों पर होते हैं. इनमें औसतन 15 सौ से ज्यादा लोगों की जान चली जाती है जबकि चार हजार से ज्यादा लोग घायल होते हैं. दिल्ली पुलिस द्वारा सड़क हादसों के मामलों में FIR दर्ज करने के बाद उसकी तफ्तीश की जाती है. हाल ही में दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने जब इन सड़क हादसों के मामलों को लेकर जांच करवाई तो पता चला की अदालत में कई मामलों में एक साल से भी ज्यादा समय से डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट दाखिल नहीं हुई है. इसकी वजह से जहां पीड़ितों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो कई मामलों में उन्हें मुआवजा तक नहीं मिल पा रहा है.

ऐसे मामलों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह एक्सीडेंट के मामलों की जांच में तेजी लाएं. सड़क हादसा होने पर एक तय समय के भीतर डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट को अदालत के समक्ष दाखिल किया जाए ताकि उस पर संज्ञान लेकर अदालत अपनी कानूनी कार्रवाई आगे कर सके. उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने क्षेत्र में इस तरह के केस पर खासतौर से निगरानी रखें. उन्होंने अगली बैठक में इस पर विस्तार से रिपोर्ट मांगी है ताकि पता चल सके कि अधिकारियों की तरफ से क्या कदम उठाए गए हैं.

सूत्रों ने बताया कि पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना सड़क हादसों की जांच के लंबित मामलों से नाराज हैं. यह भी एक कारण है कि दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस के अलग थाने खोलने पर विचार किया जा रहा है. उनका मानना है कि इससे इन मामलों की जांच समय पर हो सकेगी और अदालत में उससे संबंधित तमाम जानकारी जल्द मुहैया कराई जा सकेगी.

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नई दिल्ली: राजधानी की सड़कों पर होने वाले एक्सीडेंट के मामलों में दिल्ली पुलिस की जांच से पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना संतुष्ट नहीं हैं. ऐसे मामलों में पुलिस की जांच बेहद ढीली है और कई मामलों में लगभग एक साल से अदालत के समक्ष रिपोर्ट दायर नहीं की गई है. इसे लेकर नाराजगी जताते हुए पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को केस की मॉनिटरिंग करने के आदेश दिए हैं.

जानकारी के अनुसार राजधानी में प्रत्येक वर्ष 5 हजार से ज्यादा सड़क हादसे दिल्ली की सड़कों पर होते हैं. इनमें औसतन 15 सौ से ज्यादा लोगों की जान चली जाती है जबकि चार हजार से ज्यादा लोग घायल होते हैं. दिल्ली पुलिस द्वारा सड़क हादसों के मामलों में FIR दर्ज करने के बाद उसकी तफ्तीश की जाती है. हाल ही में दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने जब इन सड़क हादसों के मामलों को लेकर जांच करवाई तो पता चला की अदालत में कई मामलों में एक साल से भी ज्यादा समय से डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट दाखिल नहीं हुई है. इसकी वजह से जहां पीड़ितों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो कई मामलों में उन्हें मुआवजा तक नहीं मिल पा रहा है.

ऐसे मामलों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह एक्सीडेंट के मामलों की जांच में तेजी लाएं. सड़क हादसा होने पर एक तय समय के भीतर डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट को अदालत के समक्ष दाखिल किया जाए ताकि उस पर संज्ञान लेकर अदालत अपनी कानूनी कार्रवाई आगे कर सके. उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने क्षेत्र में इस तरह के केस पर खासतौर से निगरानी रखें. उन्होंने अगली बैठक में इस पर विस्तार से रिपोर्ट मांगी है ताकि पता चल सके कि अधिकारियों की तरफ से क्या कदम उठाए गए हैं.

सूत्रों ने बताया कि पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना सड़क हादसों की जांच के लंबित मामलों से नाराज हैं. यह भी एक कारण है कि दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस के अलग थाने खोलने पर विचार किया जा रहा है. उनका मानना है कि इससे इन मामलों की जांच समय पर हो सकेगी और अदालत में उससे संबंधित तमाम जानकारी जल्द मुहैया कराई जा सकेगी.

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