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दिल्ली पुलिस ने अपने एक ऐप के लिए एक शख्स को दिए करीब 35 लाख- हरपाल राणा - दिल्ली पुलिस की टेक्नोलॉजी व्यवस्था

दिल्ली पुलिस को देश की सबसे हाईटेक पुलिस माना जाता है. पुलिस व्यवस्था को करीब दो करोड़ लोगों के एक क्लिक तक पहुंचाने के लिए इसने दो ऐप भी बनाए हैं. अपने एक ऐप के लिए एक शख्स को करीब 35 लाख रुपये दिए.

delhi police spent about 35 lakh on his one app
आरटीआई कार्यकर्ता ने मांगी थी ऐप की जानकारी
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Published : Dec 17, 2020, 4:45 PM IST

Updated : Dec 17, 2020, 6:07 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस को देश की सबसे हाई टेक पुलिस माना जाता है. टेक्नोलॉजी के दौर में पुलिस व्यवस्था को करीब दो करोड़ लोगों के एक क्लिक तक पहुंचाने के लिए इसने दो ऐप भी बनाए हैं, लेकिन आरोप लगे हैं कि सूचना की पारदर्शिता के मामले में दिल्ली पुलिस अभी भी कमतर ही साबित हो रही है और आधी-अधूरी जानकारी दे रही है.

आरटीआई कार्यकर्ता ने मांगी थी ऐप की जानकारी

एक ऐप के लिए एक व्यक्ति दिए 35 लाख

आरटीआई कार्यकर्ता हरपाल राणा ने बताया कि दिल्ली क्षेत्र में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को जनता के इस्तेमाल के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए दिल्ली पुलिस का एक ऐप है एमवी थेफ्ट, थेफ्ट ई एफआईआर, लॉस्ट एंड फाउंड एंड सीनियर सिटीजन सेल नाम का. आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार इस ऐप को एक ही इंसान ने डेवलप और मॉडिफाई किया है.

delhi police spent about 35 lakh on his one app
आरटीआई कार्यकर्ता ने मांगी थी ऐप की जानकारी

ये भी पढ़ें:-विजयवर्गीय बोले- किसी को बताना मत, मोदी ने गिराई थी कमलनाथ की सरकार

इसके लिए दिल्ली पुलिस ने ऐप के अलग अलग सेक्शन के लिए इस शख्स को 34,54,240 रुपए दिए हैं. इनमे सबसे ज्यादा सीनियर सिटीजन सेल के मोबाइल ऐप के डेवलपमेंट पर 5,80,000 रुपए खर्च हुए.

delhi police spent about 35 lakh on his one app
आरटीआई कार्यकर्ता ने मांगी थी ऐप की जानकारी

हिम्मत ऐप की नहीं दी जानकारी

आरटीआई कार्यकर्ता हरपाल राणा बताते हैं कि उन्होंने दिल्ली पुलिस से उनके सभी ऐप की जानकारी मांगी थी. पुलिस ने सिर्फ एक ऐप की जानकारी दी. लेकिन वो जानकारी कितने समय की है ना ये बताया और ना ही महिलाओं के लिए बनाए हिम्मत एप से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी.

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस को देश की सबसे हाई टेक पुलिस माना जाता है. टेक्नोलॉजी के दौर में पुलिस व्यवस्था को करीब दो करोड़ लोगों के एक क्लिक तक पहुंचाने के लिए इसने दो ऐप भी बनाए हैं, लेकिन आरोप लगे हैं कि सूचना की पारदर्शिता के मामले में दिल्ली पुलिस अभी भी कमतर ही साबित हो रही है और आधी-अधूरी जानकारी दे रही है.

आरटीआई कार्यकर्ता ने मांगी थी ऐप की जानकारी

एक ऐप के लिए एक व्यक्ति दिए 35 लाख

आरटीआई कार्यकर्ता हरपाल राणा ने बताया कि दिल्ली क्षेत्र में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को जनता के इस्तेमाल के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए दिल्ली पुलिस का एक ऐप है एमवी थेफ्ट, थेफ्ट ई एफआईआर, लॉस्ट एंड फाउंड एंड सीनियर सिटीजन सेल नाम का. आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार इस ऐप को एक ही इंसान ने डेवलप और मॉडिफाई किया है.

delhi police spent about 35 lakh on his one app
आरटीआई कार्यकर्ता ने मांगी थी ऐप की जानकारी

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इसके लिए दिल्ली पुलिस ने ऐप के अलग अलग सेक्शन के लिए इस शख्स को 34,54,240 रुपए दिए हैं. इनमे सबसे ज्यादा सीनियर सिटीजन सेल के मोबाइल ऐप के डेवलपमेंट पर 5,80,000 रुपए खर्च हुए.

delhi police spent about 35 lakh on his one app
आरटीआई कार्यकर्ता ने मांगी थी ऐप की जानकारी

हिम्मत ऐप की नहीं दी जानकारी

आरटीआई कार्यकर्ता हरपाल राणा बताते हैं कि उन्होंने दिल्ली पुलिस से उनके सभी ऐप की जानकारी मांगी थी. पुलिस ने सिर्फ एक ऐप की जानकारी दी. लेकिन वो जानकारी कितने समय की है ना ये बताया और ना ही महिलाओं के लिए बनाए हिम्मत एप से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी.

Last Updated : Dec 17, 2020, 6:07 PM IST
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