नई दिल्ली: राजधानी में आतंकी घटनाओं के खतरे के मद्देनजर दिल्ली पुलिस, भारतीय सेना के कमांडो जैसी दक्षता रखेगी. इसके लिए उसने अपनी तरह का पहला अत्याधुनिक आवासीय कमांडो प्रशिक्षण केंद्र दिल्ली से करीब 160 किमी दूर राजस्थान के अलवर जिले में तैयार किया है. इस केंद्र में एक साथ सात हजार से अधिक जवानों को कमांडो का प्रशिक्षण दिया जा सकेगा. इस केंद्र के तैयार होने के बाद दिल्ली पुलिस ऐसी फोर्स बन गई है, जिसका प्रशिक्षण केंद्र उस राज्य से बाहर है.
इस प्रशिक्षण केंद्र में केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों के साथ ही अन्य राज्यों की पुलिस भी प्रशिक्षण हासिल कर सकेगी. दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा गुरुवार को दोपहर तीन बजे इस केंद्र का उद्धाटन करेंगे.
अलवर जिले के अभानपुर गांव के पास करीब 91 एकड़ भूमि पर तैयार किया गया यह आवासीय कमांडो प्रशिक्षण केंद्र विश्वस्तरीय है. यहां पर दिल्ली पुलिस के जवानों को शारीरिक और मानसिक तौर पर मजबूत बनाने संबंधी सभी प्रकार का तीन माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा. दिल्ली पुलिस को वर्ष 2013 में अलवर में प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए जमीन अवांटित हुई थी. दिल्ली पुलिस के पास राजधानी में ऐसा प्रशिक्षण केंद्र नहीं था, जिसमें पर्याप्त दूरी की फायरिंग रेंज हो. अलवर में पर्याप्त जमीन उपलब्ध होने और आबादी वाला क्षेत्र न होने के कारण दिल्ली पुलिस ने वहां प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया था. इसके तैयार हो जाने के बाद अब दिल्ली पुलिस के जवानों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण मिल सकेगा.
इस प्रशिक्षण केंद्र को विशेष पुलिस आयुक्त मुकेश कुमार मीणा की देखरेख में तैयार किया गया है. उनका कहना है कि यह केंद्र दिल्ली पुलिस के जवानों के प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह दिल्ली पुलिस का पहला आवासीय अत्याधुनिक कमांडो प्रशिक्षण केंद्र है. यहां प्रशिक्षण के लिए पहली बार में दो हजार से अधिक स्वस्थ और युवा पुलिसकर्मियों का चयन किया गया है.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली पुलिस के पास करीब 90 हजार अधिकारी व जवान हैं. सभी अधिकारियों व जवानों को वर्ष में दो बार फायरिंग का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, ताकि वे जरूरत के समय अपनी इस दक्षता का उचित इस्तेमाल कर सकें. लेकिन वास्तविकता यह है कि अधिकतर जवानों को पर्याप्त प्रशिक्षण नहीं मिल पाता. ऐसे में यह केंद्र बनने से इस समस्या का भी समाधान हो सकेगा.
प्रशिक्षण केंद्र की विशेषताएं...
- दिल्ली पुलिस का पहला आवासीय अत्याधुनिक कमांडो ट्रेनिंग सेंटर
- महिला और पुरुष दोनों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
- महिला प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण के लिए महिला प्रशिक्षकों की तैनाती
- लॉन्ग फायरिंग रेंज की सुविधा
- एक साथ सात हजार से अधिक प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण देने की क्षमता
- राष्ट्रीय स्तर की कमांडो प्रतियोगिता भी होगी आयोजित
- सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षुओं को सुरक्षा यूनिट के साथ ही जिलों में भी किया जाएगा तैनात
इसका दिया जाएगा प्रशिक्षण....
- शुरू में दो हजार लोगों को दिया जाएगा प्रशिक्षण, इसमें महिला प्रशिक्षु भी शामिल हैं
- रस्सी पर चढ़ना, रेत के गड्ढे, टायर की दीवार, कैटरपिलर, पानी में डुबकी लगाना, चेन ड्रैग, टार्जन स्विंग, कांटेदार तार पार करना, तेज रफ्तार में तैरना, ऊंचाई से कूदना और चढ़ना, इत्यादि
- ग्लाक 9 एमएम पिस्टल, ब्राउनिंग 9 एमएम पिस्टल, इंसास राइफल, एके-47 राइफल, 7.62 राइफल, हेकलर एंड कोच एमपी-5 गन व स्नाइपर राइफल से निशाना लगाने का प्रशिक्षण.
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