नई दिल्ली: कोरोना के कारण दिल्ली में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान दिल्ली पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया था. इस दौरान पीसीआर कर्मचारी भी पूरी सजगता से आम लोगों की मदद के लिए सामने आए. अनलॉक के शुरुआत से ही दिल्ली में क्राइम का ग्राफ दोबारा से बढ़ने लगा और अपराधी अपराध को अंजाम देकर आसानी से फरार होने लगे.
पीसीआर ने दिखाया पराक्रम
अपराध दर में बढ़ोतरी को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने पीसीआर को पूरी छूट दी, जिसका सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगा है. खुली छूट मिलने के बाद पीसीआर ने अपना पराक्रम दिखाया है. 1 जनवरी से 31 जुलाई 2020 तक पीसीआर कर्मचारियों की सजगता से 37 लुटेरे, 45 स्नैचर्स, 55 कार चोर, 8 चोर, 58 शराब तस्कर और 140 अन्य अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है.
इनकी निशानदेही पर पीसीआर स्टाफ ने कुल 440 चोरी की गाड़ियां भी बरामद की है. इस दौरान पीसीआर ने 10 पिस्टल, 17 कारतूस समेत 19 चाकू भी अपराधियों के पास से बरामद किए हैं. इतना ही नहीं लॉकडाउन के दौरान पीसीआर कर्मचारियों का मानवीय रूप भी सामने आया था. जब पीसीआर कर्मचारियों ने 12 सौ से भी ज्यादा प्रसव पीड़ा से जूझ रही गर्भवती महिलाओं को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया था.
चप्पे-चप्पे पर तैनात रही पीसीआर
अनलॉक के बाद दिल्ली में बढ़ते क्राइम को देखते हुए दिल्ली के प्रत्येक इलाके में पीसीआर यूनिट को तैनात किया गया है. अब पीसीआर सड़क पर होने वाले किसी भी क्राइम की सूचना मिलते ही अपराधियों को पकड़ने निकल पड़ती है. फिर चाहे मोबाइल स्नैचिंग का मामला हो या कोई दूसरा क्राइम.
गर्भवती महिलाओं को पहुंचाया अस्पताल
पीसीआर के डीसीपी शरत कुमार सिन्हा के मुताबिक कोरोना काल के दौरान पीसीआर कंट्रोल रूम ने लगभग 12 सौ से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया है. इन महिलाओं को एम्बुलेंस नहीं मिलने की स्थिति में पीसीआर ने तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया. इस दौरान कई गर्भवती महिलाओं ने पीसीआर वैन में ही सुरक्षित बच्चे को जन्म भी दिया है.