नई दिल्ली: राजधानी में जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, दिल्ली पुलिस की तैयारियों में भी तेजी आ रही है. इस पूरे आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस के कंधों पर है. सम्मेलन से संबंधित कार्यक्रमों के आयोजन के लिए पुलिस के 18 हजार जवानों को तैनात किया जाएगा. इसके लिए पुलिस कर्मचारियों को रूटीन प्रशिक्षण के अलावा सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग भी दी जा रही है और मुख्यालय में अलग-अलग बैच बनाकर उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रशिक्षण में इन बातों का भी ध्यान रखा जा रहा है कि विभिन्न देशों से आने वाले मेहमानों की सुरक्षा के साथ, उन्हें किसी अन्य तरह की परेशानी से भी बचाया जा सके. वहीं पुलिस की 20 महिला कमांडो को विशेष ट्रेनिंग भी दी गई है, जो महिला अतिथियों की सुरक्षा व सुविधा का ध्यान रखेंगी.
ड्रोन हमलों को नाकाम करने का प्रशिक्षण: कार्यक्रम स्थल के आसपास दिल्ली पुलिस सुरक्षा का कड़ा पहरा रखेगी. इसके लिए पुलिस के जवानों को ड्रोन उड़ाने और उसके जरिए पूरे क्षेत्र की निगरानी करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. साथ ही पुलिसकर्मियों को यह भी सिखाया जा रहा है कि यदि कोई ड्रोन या यूएवी आसमान में उड़ता दिखे तो उसे एंट्री ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए किस तरह से मार गिराया जा सकता है.
इन चीजों को उड़ाने पर प्रतिबंध: इतना ही नहीं, किसी भी तरह के ड्रोन या यूएवी को मार गिराने से पहले उसे चेतावनी देने की प्रक्रिया के बारे में भी पुलिसकर्मियों को बताया जा रहा है. गौरतलब है कि स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों को देखते हुए दिल्ली में 22 जुलाई से लेकर 16 अगस्त तक किसी भी तरह के ड्रोन, यूएवी, पैराग्लाइडर्स और हैंग ग्लाइडर आदि उड़ाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. संभावना है कि इस प्रतिबंध को जी-20 के कार्यक्रमों के संपन्न हो जाने तक आगे बढ़ाया जा सकता है.
मिलकर करें काम: जी-20 शिखर सम्मेलन की सुरक्षा की तैयारी में दिल्ली पुलिस, केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है. सम्मेलन में दुनिया के अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर काम करने वाले 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल होंगे. कई राष्ट्र प्रमुखों के दिल्ली आने के कारण पुलिस के लिए उनको सुरक्षा मुहैया कराना काफी चुनौतीपूर्ण होगा. इसलिए सम्मेलन से पहले दिल्ली पुलिस खुद को अपग्रेड करने में जुटी है ताकि अतिथियों की सुरक्षा में कोई चूक व कमी न रहे या उन्हें कोई असुविधा न हो.
दी जा रही सॉफ्ट स्किल की ट्रेनिंग: जी 20 शिखर सम्मेलन से पहले विदेशी मेहमानों के एयरपोर्ट पर उतरने से लेकर आने जाने के रास्ते में तैनात ट्रैफिक व पीसीआर कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. साथ ही विदेशी मेहमानों की सुरक्षा में तैनात रहने के तौर तरीके व अन्य पहलुओं के लिहाज से भी उन्हें तैयार किया जा रहा है. पुलिसकर्मियों को दी जा रही ट्रेनिंग लगभग पूरी होने वाली है. इनमें सभी जिलों और यूनिट के पुलिसकर्मी शामिल हैं. इस रिफ्रेशर कोर्स के तहत पुलिसकर्मियों को मानवीय व्यवहार की ट्रेनिंग दी जा रही है. सॉफ्ट स्किल्स के तहत उन्हें बातचीत करने और उसे समझने का सलीका सिखाया जा रहा है. साथ ही उन्हें अंग्रेजी बोलने और समझने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि वे विदेशी मेहमानों की बातों को समझकर उन्हें जवाब दे सकें. इन पुलिसकर्मियों को दिल्ली के बारे में भी पूरी जानकारी दी जा रही है.
G-20 सम्मेलन को लेकर पुलिस को जो जिम्मेदारी मिली है, यह ट्रेनिंग उसी का हिस्सा है. इसके लिए अलग-अलग शेड्यूल में ट्रेनिंग दी जा रही है.
- सुमन नलवा, पीआरओ, दिल्ली पुलिस
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