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दिल्ली: महिलाएं हो रही हैं ज्यादा घरेलू हिंसा का शिकार, आंकड़ों से हुआ खुलासा

दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक इस साल महिलाओं से दुष्कर्म और छेड़छाड़ की घटनाओं में मामूली कमी आई है. वहीं घरेलू हिंसा में बढ़ोतरी देखने को मिली है.

महिला सुरक्षा, etv bharat
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Published : Aug 6, 2019, 12:54 PM IST

Updated : Aug 6, 2019, 2:56 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में महिलाएं बाहर से ज्यादा घर में असुरक्षित हैं. यह खुलासा दिल्ली पुलिस के आंकड़ों से हुआ है. महिलाओं से दुष्कर्म और छेड़छाड़ की घटनाओं में जहां इस साल मामूली कमी आई है.

वहीं उनके साथ होने वाली घरेलू हिंसा में बढ़ोतरी देखने को मिली है. दुष्कर्म की घटनाओं में भी अधिकांश मामलों में आरोपी पीड़ित के परिचित ही निकले हैं.

दिल्ली पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जारी किए आंकड़े

दुष्कर्म और छेड़छाड़ जैसी घटनाओं में आई कमी
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि सड़क पर होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं में इस साल कमी आई है. छात्राओं से किसी प्रकार की छेड़छाड़ न हो इसके लिए दिल्ली पुलिस के जवान और महिला पुलिसकर्मियों को स्कूल और कॉलेज के पास गश्त के लिए लगाया जाता है.

ज्यादा महिलाएं हो रही हैं घरेलू हिंसा का शिकार
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों में हैरान करने वाला आंकड़ा महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा का है. महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की वारदातों में काफी वृद्धि हुई है जो बेहद चिंताजनक है.

खास बात यह है कि इस तरह के अपराध को पुलिस रोक नहीं सकती क्योंकि इसे घर के अंदर अंजाम दिया जाता है. पुलिस केवल शिकायत मिलने पर इसे लेकर कार्रवाई ही कर सकती है. यही वजह है कि घरेलू हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं जो न केवल पुलिस बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय है.

काउंसलिंग फेल होने से बढ़ रहे मामले
डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि महिलाओं को जागरूक करने के लिए पुलिस कई तरह के कार्यक्रम चलाती है. उन्हें बताया जाता है कि घरेलू हिंसा के प्रति अपनी चुप्पी तोड़े ताकि पुलिस समय रहते उनकी मदद कर सकें. महिलाएं जब घरेलू हिंसा की शिकायत करती हैं तो उस पर दोनों पक्षों की काउंसलिंग की जाती है. अगर काउंसलिंग फेल हो जाती है तो इसे लेकर FIR दर्ज की जाती है.

97 फीसदी दुष्कर्म में परिचित शामिल
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक दुष्कर्म की 97 फीसदी वारदातों को अंजाम देने वाले पीड़िता के परिचित ही निकले हैं. ऐसी वारदातों को दोस्तों, रिश्तेदारों, दफ्तर के साथी, पड़ोसियों या शादी का झांसा देकर प्रेमी द्वारा अंजाम दिया गया है. दुष्कर्म के लगभग 30 फीसदी मामले शादी से मुकरने के चलते दर्ज किए जा रहे हैं.

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हैं गंभीर
डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस गंभीरता से काम करती है. पुलिस लगातार छात्राओं और महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए उन्हें सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देती है. इसके अलावा उनके साथ अपराध करने वालों पर सख्त कार्रवाई भी करती है.

महिला अपराध के आंकड़े (15 जुलाई तक)

  • अपराध: साल 2018 से साल 2019
  • दुष्कर्म: 1185 1176
  • छेड़छाड़: 1780 1589
  • घरेलू हिंसा: 1471 1936
  • फब्ती कसना: 349 242

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में महिलाएं बाहर से ज्यादा घर में असुरक्षित हैं. यह खुलासा दिल्ली पुलिस के आंकड़ों से हुआ है. महिलाओं से दुष्कर्म और छेड़छाड़ की घटनाओं में जहां इस साल मामूली कमी आई है.

वहीं उनके साथ होने वाली घरेलू हिंसा में बढ़ोतरी देखने को मिली है. दुष्कर्म की घटनाओं में भी अधिकांश मामलों में आरोपी पीड़ित के परिचित ही निकले हैं.

दिल्ली पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जारी किए आंकड़े

दुष्कर्म और छेड़छाड़ जैसी घटनाओं में आई कमी
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि सड़क पर होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं में इस साल कमी आई है. छात्राओं से किसी प्रकार की छेड़छाड़ न हो इसके लिए दिल्ली पुलिस के जवान और महिला पुलिसकर्मियों को स्कूल और कॉलेज के पास गश्त के लिए लगाया जाता है.

ज्यादा महिलाएं हो रही हैं घरेलू हिंसा का शिकार
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों में हैरान करने वाला आंकड़ा महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा का है. महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की वारदातों में काफी वृद्धि हुई है जो बेहद चिंताजनक है.

खास बात यह है कि इस तरह के अपराध को पुलिस रोक नहीं सकती क्योंकि इसे घर के अंदर अंजाम दिया जाता है. पुलिस केवल शिकायत मिलने पर इसे लेकर कार्रवाई ही कर सकती है. यही वजह है कि घरेलू हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं जो न केवल पुलिस बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय है.

काउंसलिंग फेल होने से बढ़ रहे मामले
डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि महिलाओं को जागरूक करने के लिए पुलिस कई तरह के कार्यक्रम चलाती है. उन्हें बताया जाता है कि घरेलू हिंसा के प्रति अपनी चुप्पी तोड़े ताकि पुलिस समय रहते उनकी मदद कर सकें. महिलाएं जब घरेलू हिंसा की शिकायत करती हैं तो उस पर दोनों पक्षों की काउंसलिंग की जाती है. अगर काउंसलिंग फेल हो जाती है तो इसे लेकर FIR दर्ज की जाती है.

97 फीसदी दुष्कर्म में परिचित शामिल
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक दुष्कर्म की 97 फीसदी वारदातों को अंजाम देने वाले पीड़िता के परिचित ही निकले हैं. ऐसी वारदातों को दोस्तों, रिश्तेदारों, दफ्तर के साथी, पड़ोसियों या शादी का झांसा देकर प्रेमी द्वारा अंजाम दिया गया है. दुष्कर्म के लगभग 30 फीसदी मामले शादी से मुकरने के चलते दर्ज किए जा रहे हैं.

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हैं गंभीर
डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस गंभीरता से काम करती है. पुलिस लगातार छात्राओं और महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए उन्हें सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देती है. इसके अलावा उनके साथ अपराध करने वालों पर सख्त कार्रवाई भी करती है.

महिला अपराध के आंकड़े (15 जुलाई तक)

  • अपराध: साल 2018 से साल 2019
  • दुष्कर्म: 1185 1176
  • छेड़छाड़: 1780 1589
  • घरेलू हिंसा: 1471 1936
  • फब्ती कसना: 349 242
Intro:महिला सुरक्षा पार्ट-5
नई दिल्ली
देश की राजधानी दिल्ली में महिलाएं बाहर से ज्यादा घर में असुरक्षित हैं. यह खुलासा दिल्ली पुलिस के आंकड़ों से हुआ है. महिलाओं से दुष्कर्म एवं छेड़छाड़ की घटनाओं में जहां इस वर्ष मामूली कमी आई है तो वहीं उनके साथ होने वाली घरेलू हिंसा में जबरदस्त बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. दुष्कर्म की घटनाओं में भी अधिकांश मामलों में आरोपी पीड़ित के परिचित ही निकले हैं.



Body:जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस के आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाएं बाहर के मुकाबले घर में ज्यादा असुरक्षित रहती हैं. दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि सड़क पर होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं में इस वर्ष कमी आई है. छात्राओं से किसी प्रकार की छेड़छाड़ न हो इसके लिए दिल्ली पुलिस के जवान एवं महिला पुलिसकर्मियों को स्कूल और कॉलेज के पास गश्त के लिए लगाया जाता है. इसके अलावा सादे कपड़ों में भी महिला पुलिसकर्मी स्कूल, कॉलेज एवं बाजारों में गश्त कर मनचलों को पकड़ती है. इसकी वजह से छेड़छाड़ की घटनाओं में कमी आई है.


ज्यादा महिलाएं हो रही घरेलू हिंसा का शिकार
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों में हैरान करने वाला आंकड़ा महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा का है. महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की वारदातों में काफी वृद्धि हुई है जो बेहद चिंताजनक है. खास बात यह है कि इस तरह के अपराध को पुलिस रोक नहीं सकती क्योंकि इसे घर के अंदर अंजाम दिया जाता है. पुलिस केवल शिकायत मिलने पर इसे लेकर कार्रवाई ही कर सकती है. यही वजह है कि घरेलू हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं जो न केवल पुलिस बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय है.


कॉउंसलिंग फेल होने से बढ़ रहे यह मामले
डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि महिलाओं को जागरूक करने के लिए पुलिस कई तरह के कार्यक्रम चलाती है. उन्हें बताया जाता है कि घरेलू हिंसा के प्रति अपनी चुप्पी तोड़े ताकि पुलिस समय रहते उनकी मदद कर सके. महिलाएं जब घरेलू हिंसा की शिकायत करती हैं तो उस पर दोनों पक्षों की कॉउंसलिंग की जाती है. अगर कॉउंसलिंग फेल हो जाती है तो इसे लेकर एफआईआर दर्ज की जाती है. उन्होंने बताया कि यह आंकड़ा कॉउंसलिंग बेहतर होने पर अपने आप कम भी हो जाता है.


97 फीसदी दुष्कर्म में परिचित शामिल
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार दुष्कर्म की 97 फीसदी वारदातों को अंजाम देने वाले पीड़िता के परिचित ही निकले हैं. ऐसी वारदातों को दोस्तों, रिश्तेदारों, दफ्तर के साथी, पड़ोसियों या शादी का झांसा देकर प्रेमी द्वारा अंजाम दिया गया है. दुष्कर्म के लगभग 30 फीसदी मामले शादी से मुकरने के चलते दर्ज किए जा रहे हैं. ऐसी वारदातों से बचने के लिए महिलाओं को खुद भी सतर्क रहने की आवश्यकता है.



महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हैं गंभीर
डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस गंभीरता से काम करती है क्योंकि यह दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता है. आंकड़ों से साफ है कि सड़क पर महिलाओं से होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं में कमी आई है. दुष्कर्म के मामलों में भी इस वर्ष कमी आई है. पुलिस लगातार छात्राओं एवं महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए उन्हें सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देती है. इसके अलावा उनके साथ अपराध करने वालों पर सख्त कार्रवाई भी करती है.




Conclusion:महिला अपराध के आंकड़े (15 जुलाई तक)

अपराध वर्ष 2018 वर्ष 2019
दुष्कर्म 1185 1176
छेड़छाड़ 1780 1589
फब्ती कसना 349 242
घरेलू हिंसा 1471 1936
Last Updated : Aug 6, 2019, 2:56 PM IST
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