नई दिल्लीः दिल्ली के जंतर-मंतर पर रविवार को ऑल इंडिया सनातन फेडरेशन की ओर से हरियाणा के मेवात नूंह हिंसा के विरोध में महापंचायत की गई. जंतर-मंतर पर हिंदू संगठन से जुड़े हुए करीब 100 से ज्यादा लोग मौजूद थे. इस दौरान दिल्ली पुलिस की तरफ से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. लेकिन महापंचायत के दौरान संतों के द्वारा विवादित बयान दिए जाने के बाद इसे रद्द कर दिया गया.
एडिशनल डीसीपी ने मंच से ऐलान किया कि किसी भी तरह से समुदाय को भड़कानेवाली बात इस मंच पर नहीं करनी थी, लेकिन फिर भी विवादित बयान दिए जा रहे हैं. इस वजह से महापंचायत को बीच में ही बंद करना पड़ रहा है. बार-बार समझाने के बाद भी मंच पर कुछ लोगों ने भड़काऊ भाषण दिए हैं. बता दें, जंतर मंतर पर पुलिस सुरक्षा के बीच गाजियाबाद के डासना मंदिर के महंत स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती पहुंचे. उन्होंने मंच पर भाषण देते हुए विवादित बयान दिया. उनका कहना था कि देश में अगर यही हालात रहे तो साल 2029 में देश का प्रधानमंत्री एक मुस्लिम होगा. उनका कहना था कि आज हिंदुओं की धार्मिक यात्रा पर पत्थरबाजी की जाती है. आप समझ सकते हैं कि जब इस समय ऐसे हालात हैं तो साल 2029 तक कैसे हालात होंगे, जब इन्हीं का प्रधानमंत्री होगा.
इस बयान के बाद दिल्ली पुलिस ने तत्काल महापंचायत को रुकवा दिया और मंच से एडिशनल डीसीपी ने कहा कि बार-बार कहा गया कि मंच पर किसी भी समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण नहीं की जाएगी. सिर्फ अपने बारे में ही बात करें लेकिन बार-बार समझाने के बाद भी ऐसा नहीं हुआ. इस वजह से हमें मजबूरन महापंचायत को रोकना पड़ रहा है. इस दौरान उन्होंने जी-20 सम्मेलन का भी जिक्र करते हुए कहा कि हम नहीं चाहते कि देश में किसी भी प्रकार की कोई अव्यवस्था फैले और गलत संदेश जाए.
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