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दिल्ली पुलिस ने डार्क वेब पर निजी डेटा बेचने के आरोप में 4 लोगों को किया गिरफ्तार

4 people for selling personal data: दिल्ली पुलिस ने चार लोगों को डार्क वेब पर निजी डेटा बेचने के लिए चार लोगों को गिरफ्तार किया है. यह डेटा आईसीएमआर के डेटा बैंक से लीक हो गया था.

delhi police arrests 4 for selling personal data
delhi police arrests 4 for selling personal data
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 18, 2023, 9:54 AM IST

Updated : Dec 18, 2023, 2:25 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में पुलिस ने भारतीय लोगों के निजी डेटा को डार्क वेब पर बेचने के लिए चार लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने सोमवार को बताया कि दिल्ली पुलिस साइबर यूनिट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए करीब दस दिन पहले आरोपियों को गिरफ्तार किया था. दरअसल इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के डेटा बैंक से कुछ निजी डेटा लीक हो गया था, जिसे आरोपियों द्वारा डार्क वेब पर बिक्री के लिए डाल दिया गया था. इसका पता अक्टूबर में चला, जिसमें आधार और पासपोर्ट डिटेल्स को डार्क वेब पर बेचने की पेशकश की गई थी. पुलिस ने बताया कि मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.

  • Delhi Police Cyber Unit has arrested four accused for selling personal details of Indians on the dark web. The accused were arrested around 10 days back. The data was leaked from the data bank of the Indian Council of Medical Research (ICMR) and put on sale on the dark web: Delhi…

    — ANI (@ANI) December 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दिल्ली के साइबर पुलिस यूनिट की टीम ने डार्क वेब पर मशहूर शख्सियतों और इंस्टीट्यूशन का डाटा सेल करने के आरोप में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की टीम ने इन आरोपियों को 10 दिन पहले गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसकी जानकारी आज शेयर की है. पुलिस के अनुसार, कुछ समय पहले भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के डेटा बैंक से डेटा लीक होने की जानकारी मिली थी. इसके बाद से आरोपियों ने डेटा को डाल दिया गया था. दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की टीम इस मामले में शामिल आरोपियों को पकड़ने के लिए लगी हुई थी.

यह भी पढ़ें-दिल्ली पुलिस ने नकली दवा फैक्ट्री का किया भंडाफोड़, मालिक गिरफ्तार

डार्कवेब का इस्तेमाल ज्यादातर गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया जाता है. इसके एक्सेस के लिए विशिष्ट सॉफ्टवेयर, कॉन्फिगरेशन आदि की आवश्यकता होती है. यह भी कहा जाता है कि डार्क वेब को सर्च इंजन के जरिए पकड़ पाना मुश्किल होता है. इसे इंटरनेट की दुनिया का वह हिस्सा माना जाता है, जहां तक सर्च इंजन नहीं पहुंच पाता है. इसे स्पेशल ब्राउजर से एक्सेस किया जाता है इस तक बहुत कम लोगों की पहुंच होती है. यहां के वेब पेज को सर्च इंजन द्वारा इंडेक्स नहीं किया जाता है और माना जाता है कि यहां कई तरह के अवैध काम होते हैं.

यह भी पढ़ें-बड़े मैच में मौका देने के नाम पर 18 लाख रुपए की ठगी, आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली: राजधानी में पुलिस ने भारतीय लोगों के निजी डेटा को डार्क वेब पर बेचने के लिए चार लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने सोमवार को बताया कि दिल्ली पुलिस साइबर यूनिट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए करीब दस दिन पहले आरोपियों को गिरफ्तार किया था. दरअसल इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के डेटा बैंक से कुछ निजी डेटा लीक हो गया था, जिसे आरोपियों द्वारा डार्क वेब पर बिक्री के लिए डाल दिया गया था. इसका पता अक्टूबर में चला, जिसमें आधार और पासपोर्ट डिटेल्स को डार्क वेब पर बेचने की पेशकश की गई थी. पुलिस ने बताया कि मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.

  • Delhi Police Cyber Unit has arrested four accused for selling personal details of Indians on the dark web. The accused were arrested around 10 days back. The data was leaked from the data bank of the Indian Council of Medical Research (ICMR) and put on sale on the dark web: Delhi…

    — ANI (@ANI) December 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दिल्ली के साइबर पुलिस यूनिट की टीम ने डार्क वेब पर मशहूर शख्सियतों और इंस्टीट्यूशन का डाटा सेल करने के आरोप में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की टीम ने इन आरोपियों को 10 दिन पहले गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसकी जानकारी आज शेयर की है. पुलिस के अनुसार, कुछ समय पहले भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के डेटा बैंक से डेटा लीक होने की जानकारी मिली थी. इसके बाद से आरोपियों ने डेटा को डाल दिया गया था. दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की टीम इस मामले में शामिल आरोपियों को पकड़ने के लिए लगी हुई थी.

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डार्कवेब का इस्तेमाल ज्यादातर गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया जाता है. इसके एक्सेस के लिए विशिष्ट सॉफ्टवेयर, कॉन्फिगरेशन आदि की आवश्यकता होती है. यह भी कहा जाता है कि डार्क वेब को सर्च इंजन के जरिए पकड़ पाना मुश्किल होता है. इसे इंटरनेट की दुनिया का वह हिस्सा माना जाता है, जहां तक सर्च इंजन नहीं पहुंच पाता है. इसे स्पेशल ब्राउजर से एक्सेस किया जाता है इस तक बहुत कम लोगों की पहुंच होती है. यहां के वेब पेज को सर्च इंजन द्वारा इंडेक्स नहीं किया जाता है और माना जाता है कि यहां कई तरह के अवैध काम होते हैं.

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Last Updated : Dec 18, 2023, 2:25 PM IST
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