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बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र से पकड़ा गया मकोका का वांटेड अपराधी - 2018 से चल रहा था वह फरार

दिल्ली पुलिस ने बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर मकोका के वांटेड अपराधी को गिरफ्तार किया है. बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट (child birth certificate) की जानकारी जयपुर, फरीदाबाद और दिल्ली में चेक की गई. इस प्रमाणपत्र से आरोपी का पता स्पेशल सेल को लग गया. जिसके बाद स्पेशल सेल की टीम ने जाल बिछाकर रवि गंगवाल को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया.

Mcoca wanted criminal arrested with traffic chalan and his baby birth certificate
मकोका का वांटेड अपराधी गिरफ्तार
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Published : Jun 11, 2021, 9:07 PM IST

नई दिल्ली: तीन साल से जिस रवि गंगवाल की पुलिस तालश रही थी, पिता बनते ही वह गिरफ्तार हो गया. बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र (child birth certificate) पर मौजूद एड्रेस की मदद से पुलिस ने उसे तलाश लिया. आरोपी वर्ष 2018 से फरार चल रहा था. उसकी गिरफ्तारी पर स्पेशल सेल ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. उसके खिलाफ 10 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं.

मकोका का वांटेड अपराधी गिरफ्तार

यह भी पढ़ें:- Wrestler Sagar Murder: तो इसलिए सुशील ने की सागर की हत्या... चश्मदीद का खुलासा

2018 से चल रहा था फरार
डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के अनुसार अगस्त 2019 में स्पेशल सेल की टीम को सूचना मिली थी कि नरेंद्र उर्फ रवि गंगवाल नोएडा में छिपा हुआ है. वह अम्बेडकर नगर थाने का घोषित बदमाश है. मकोका के मामले में 2018 से वह फरार चल रहा है. अपने गुर्गों के जरिये वह आपराधिक वारदातों को भी अंजाम दे रहा है.

पुलिस ने शुरू की कार की तलाशी

पुलिस टीम इस जगह पर पहुंची तो उन्हें पता चला कि वह यहां से घर खाली कर फरार हो गया है. कुछ ही दिनों में वह ठिकाना बदल लेता है. पुलिस को यह जानकारी मिली कि वह एक नीले रंग की कार का इस्तेमाल कर रहा है. पुलिस ने इस कार की तलाशी शुरू की तो पता चला कि राजस्थान ट्रैफिक पुलिस ने इस गाड़ी का चालान किया है.



जन्म प्रमाण पत्र से पकड़ा गया आरोपी
पुलिस टीम को आगे छानबीन में पता चला कि उसकी पत्नी गर्भवती है. मई 2021 में उसकी पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दिया. बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट की जानकारी जयपुर, फरीदाबाद और दिल्ली में चेक की गई. इससे पता चला कि जयपुर के वैशाली स्थित एक अस्पताल में उसकी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया है . इस प्रमाणपत्र से आरोपी का पता स्पेशल सेल को लग गया. स्पेशल सेल की टीम ने जाल बिछाकर उसे जयपुर से गिरफ्तार कर लिया. स्पेशल सेल की टीम उसे दिल्ली लेकर आ गई है.


अपराधियों से जबरन उगाही करता गंगवाल
स्पेशल सेल के अनुसार पहले अंबेडकर नगर इलाके में सट्टा चलाने वाले, ड्रग्स तस्कर, केबल ऑपरेटर से जबरन उगाही करता था. फरवरी 2014 में तिगड़ी में उसने एक जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी जिसमें इलाके के बदमाश आशु से रंजिश हो गई थी. आशु और रवि गंगवाल के बीच गैंगवार हुई.

2015 में की रमाकांत की हत्या

जिसमें आशु की बहन की मौत हो गई थी. इस मामले में वह गिरफ्तार हुआ था. मई 2015 में उसके साथियों रमन राकेश और सुमित ने रमाकांत उर्फ राजू और रवि गंगवाल के इशारे पर तिहाड़ जेल में अजय छोटू की हत्या कर दी थी. इसके बाद अजय छोटू गैंग की कमान दीपक पंडित ने संभाली. 2015 में रमाकांत की हत्या दीपक पंडित ने कर दी थी.



2017 में बनाया नया गैंग
2017 में जमानत पर आने के बाद रवि गंगवाल ने रमाकांत की हत्या का बदला लेने के लिए नया गैंग खड़ा किया. इस गैंग का नाम रखा गया गंगवाल गैंग. दक्षिणी दिल्ली में उसने दहशत फैला रखी थी. अक्टूबर 2018 में बागपत निवासी अंकित गुर्जर और रोहित चौधरी उसके गैंग में शामिल हो गए. इसके बाद उनका गैंग नोएडा, फरीदाबाद और राजस्थान में भी सक्रिय हो गया था.

स्पेशल सेल ने किया गिरफ्तार

30 मार्च 2021 को शाहरुख ने रवि गंगवाल के साथी कुणाल की मदनगीर में हत्या कर दी थी. इसका बदला लेने के लिए नरेंद्र ने सूरज मद्रासी के पैर काट दिए. 4 अगस्त 2020 को उनके साथी अनिल मंडावली को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था. उसने बताया था कि उसके पास मौजूद हथियार को रवि गंगवाल ने दिया था. इससे वह प्रिंस तेवतिया की हत्या करना चाहते थे.

नई दिल्ली: तीन साल से जिस रवि गंगवाल की पुलिस तालश रही थी, पिता बनते ही वह गिरफ्तार हो गया. बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र (child birth certificate) पर मौजूद एड्रेस की मदद से पुलिस ने उसे तलाश लिया. आरोपी वर्ष 2018 से फरार चल रहा था. उसकी गिरफ्तारी पर स्पेशल सेल ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. उसके खिलाफ 10 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं.

मकोका का वांटेड अपराधी गिरफ्तार

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2018 से चल रहा था फरार
डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के अनुसार अगस्त 2019 में स्पेशल सेल की टीम को सूचना मिली थी कि नरेंद्र उर्फ रवि गंगवाल नोएडा में छिपा हुआ है. वह अम्बेडकर नगर थाने का घोषित बदमाश है. मकोका के मामले में 2018 से वह फरार चल रहा है. अपने गुर्गों के जरिये वह आपराधिक वारदातों को भी अंजाम दे रहा है.

पुलिस ने शुरू की कार की तलाशी

पुलिस टीम इस जगह पर पहुंची तो उन्हें पता चला कि वह यहां से घर खाली कर फरार हो गया है. कुछ ही दिनों में वह ठिकाना बदल लेता है. पुलिस को यह जानकारी मिली कि वह एक नीले रंग की कार का इस्तेमाल कर रहा है. पुलिस ने इस कार की तलाशी शुरू की तो पता चला कि राजस्थान ट्रैफिक पुलिस ने इस गाड़ी का चालान किया है.



जन्म प्रमाण पत्र से पकड़ा गया आरोपी
पुलिस टीम को आगे छानबीन में पता चला कि उसकी पत्नी गर्भवती है. मई 2021 में उसकी पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दिया. बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट की जानकारी जयपुर, फरीदाबाद और दिल्ली में चेक की गई. इससे पता चला कि जयपुर के वैशाली स्थित एक अस्पताल में उसकी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया है . इस प्रमाणपत्र से आरोपी का पता स्पेशल सेल को लग गया. स्पेशल सेल की टीम ने जाल बिछाकर उसे जयपुर से गिरफ्तार कर लिया. स्पेशल सेल की टीम उसे दिल्ली लेकर आ गई है.


अपराधियों से जबरन उगाही करता गंगवाल
स्पेशल सेल के अनुसार पहले अंबेडकर नगर इलाके में सट्टा चलाने वाले, ड्रग्स तस्कर, केबल ऑपरेटर से जबरन उगाही करता था. फरवरी 2014 में तिगड़ी में उसने एक जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी जिसमें इलाके के बदमाश आशु से रंजिश हो गई थी. आशु और रवि गंगवाल के बीच गैंगवार हुई.

2015 में की रमाकांत की हत्या

जिसमें आशु की बहन की मौत हो गई थी. इस मामले में वह गिरफ्तार हुआ था. मई 2015 में उसके साथियों रमन राकेश और सुमित ने रमाकांत उर्फ राजू और रवि गंगवाल के इशारे पर तिहाड़ जेल में अजय छोटू की हत्या कर दी थी. इसके बाद अजय छोटू गैंग की कमान दीपक पंडित ने संभाली. 2015 में रमाकांत की हत्या दीपक पंडित ने कर दी थी.



2017 में बनाया नया गैंग
2017 में जमानत पर आने के बाद रवि गंगवाल ने रमाकांत की हत्या का बदला लेने के लिए नया गैंग खड़ा किया. इस गैंग का नाम रखा गया गंगवाल गैंग. दक्षिणी दिल्ली में उसने दहशत फैला रखी थी. अक्टूबर 2018 में बागपत निवासी अंकित गुर्जर और रोहित चौधरी उसके गैंग में शामिल हो गए. इसके बाद उनका गैंग नोएडा, फरीदाबाद और राजस्थान में भी सक्रिय हो गया था.

स्पेशल सेल ने किया गिरफ्तार

30 मार्च 2021 को शाहरुख ने रवि गंगवाल के साथी कुणाल की मदनगीर में हत्या कर दी थी. इसका बदला लेने के लिए नरेंद्र ने सूरज मद्रासी के पैर काट दिए. 4 अगस्त 2020 को उनके साथी अनिल मंडावली को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था. उसने बताया था कि उसके पास मौजूद हथियार को रवि गंगवाल ने दिया था. इससे वह प्रिंस तेवतिया की हत्या करना चाहते थे.

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