नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भारतीय करेंसी के जाली नोटों की खेप के साथ बुल्गारिया के एक नागरिक को गिरफ्तार किया है. उसके पास से आठ लाख रुपये के जाली नोट और 1.89 लाख भारतीय रुपये बरामद किए हैं. उसने बुल्गारिया की सेना की नौकरी छोड़ने के बाद भारत में नकली नोटों की तस्करी शुरू की थी. आरोपी की पहचान रुस्लान पेत्रोव मेटोडीव के रूप में हुई है. अभी वह गुरुग्राम में रहता था.
पुलिस ने उससे भारतीय जाली नोट छापने में प्रयोग लैपटाप, प्रिंटर, लेमिनेशन मशीन, क्लैंपिंग टूल, स्याही, तस्करी में इस्तेमाल किए गए सिम कार्ड, मोबाइल, तीन पेपर स्केलिंग, कटर मशीनें, प्रिंट करने में उपयोग किए जाने वाले कागज का बंडल, 35 ट्रेसिंग पेपर सहित अन्य सामान बरामद किया है. बरामद जाली करेंसी में सारे नोट 500 के हैं.
विदेशों तक फैला है जालः स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि भारत में अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट जाली भारतीय करेंसी की तस्करी कर रहा है. जांच में सामने आया कि गुरुग्राम में रहने वाला एक विदेशी नागरिक विभिन्न देशों में स्थित सिंडिकेट के सदस्यों की मिलीभगत से भारत में जाली नोटों की तस्करी कर रहा है. पुलिस ने 21 जून की सुबह नजफगढ़-कापसहेड़ा रोड पर बजघेरा के पास से आरोपी रुस्लान पेत्रोव मेटोडीव को गिरफ्तार कर लिया. वह अपने साथी अशाइबा को नकली करेंसी देने आया था.
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2018 में भारत आया, 2019 में गिरफ्तार हुआ थाः पूछताछ में रुस्लान ने बताया कि वह 2018 में भारत आया था. इसके बाद दोबारा 2019 में भारत आया. तुगलक रोड थाना पुलिस ने धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया था. उसने एक निजी बैंक के एटीएम में स्कीमिंग डिवाइस लगाकर ठगी की थी. वह जनवरी 2021 में जमानत पर जेल से बाहर आया था. जेल में रहने के दौरान वह नकली नोट छापने और तस्करी करने वालों के संपर्क में आया और जेल से छूटने के बाद खुद भी यही करने लगा. उसने यूट्यूब पर नकली नोट बनाना सीखा था.
रुस्लान ने बुल्गारिया में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. वह 1996 में बुल्गारिया की सेना में भर्ती हुआ था. 2018 में गोवा आया. उसने 2019 में दोबारा भारत आकर डोनट्स का व्यवसाय शुरू किया. इसमें कमाई नहीं हुई तो 2019 में अपने साथी के साथ मिलकर दिल्ली में धोखाधड़ी की. इसके बाद नकली नोटों के धंधे से जुड़ गया.