नई दिल्लीः देशभर में बॉयकॉट चाइना की एक मुहिम चल रही है. हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है, जब इस तरह का जज्बा आम नागरिकों के अंदर पैदा हुआ हो. इससे पहले भी भारत में चाइना के सामान का बहिष्कार करने की आवाज समय-समय पर उठती रही है. लेकिन गलवान घाटी में जिस तरीके से चाइना ने अपना दोहरा चरित्र दिखाया है. उसके बाद एक बार फिर आम जनता ने यह ठान ली है कि इस बार चाइना की आर्थिक तौर पर कमर तोड़ कर रहेंगे और इसकी शुरुआत चाइना के सामान के बहिष्कार से होगी.
सैनिकों के साथ है हर एक भारतीय
इसके लिए ईटीवी भारत ने आम लोगों से बात की और उनकी राय जानी कि चाइना बॉयकॉट की मुहिम को लेकर वह कितने गंभीर हैं. सौरभ मोंगा ने बताया कि बॉर्डर पर तैनात हमारे सैनिक देश की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं. वह हमारी रक्षा के लिए बॉर्डर पर तैनात हैं तो हम क्यों नहीं उनके लिए लड़ सकते हैं? हम चाइनीज प्रोडक्ट को बैन कर अपने देश के सैनिकों का साथ दे सकते हैं.
चाइना के प्रति लोगों में है भारी रोष
अन्य व्यक्तियों ने चाइना के प्रति रोष व्यक्त करते हुए कहा कि हम चाइना के साथ आर्थिक व्यापार इसलिए नहीं कर रहे हैं कि वह बॉर्डर पर तैनात हमारे सैनिकों पर हमला करें. हम चाइना को पूरी तरीके से भारत में बैन करने के पक्ष में हैं. हम चाइनीज प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना बंद कर देंगे और जब आर्थिक तौर पर चाइना की कमर टूटेगी तभी उसकी अकल ठिकाने आएगी.
'अब चाइना को कहेंगे बाय बाय'
इस दौरान लोग इस चिंता को लेकर भी पूरी तरीके से आश्वस्त हैं कि शुरुआत में चाइनीज प्रोडक्ट को बैन करने पर थोड़ी परेशानी जरूर होगी. लेकिन धीरे-धीरे हम चाइनीज प्रोडक्ट की निर्भरता से बाहर आ जाएंगे और आत्मनिर्भर बनेंगे.
अन्य व्यक्ति गगन गुप्ता ने बताया कि हम सभी जानते हैं कि आज हम फोन से लेकर घर में इस्तेमाल होने वाले अधिकतर सामान चाइनीज ब्रांड का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन हम धीरे-धीरे इस आदत से बाहर आएंगे और अब चीनी बाय-बाय के नारे को बुलंद करेंगे.