नई दिल्ली: राजधानी में लॉकडाउन लगे हुए 33 दिन बीत चुके हैं, जबकि अभी 7 दिन शेष बचे हुए हैं. सरकार द्वारा लॉकडाउन में सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से बंद हैं. इसकी वजह से अस्पताल जाने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मुश्किल की इस घड़ी में पीसीआर लगातार ऐसे मरीजों की मदद कर रही है. बीते 24 घंटे में पीसीआर द्वारा प्रसव पीड़ा से परेशान 17 महिलाओं को विभिन्न अस्पताल में पहुंचाया गया. इन्हें अस्पताल जाने के लिए कोई गाड़ी नहीं मिल रही थी.
डीसीपी शरत सिन्हा के अनुसार राजधानी में कोरोना महामारी के संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसके चलते लगाया गया लॉकडाउन आगामी तीन मई तक जारी रहेगा. राजधानी में सार्वजनिक परिवहन सेवा पूरी तरीके से बंद है. मरीजों को अस्पताल जाने के लिए न तो ऑटो-टैक्सी मिल रही है और ना ही एम्बुलेंस. इसलिए पीसीआर गंभीर मरीजों की लगातार मदद कर उन्हें अस्पताल पहुंचाना का काम इस दौरान लगातार कर रही है. खासतौर से गर्भवती महिलाएं, दिल का दौरा पड़ने वाले मरीज एवं अन्य गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी पीसीआर द्वारा निभाई जा रही है.
24 घंटे में 17 गर्भवती महिलाओं को पहुंचाया अस्पताल
डीसीपी शरत सिन्हा के अनुसार बीते 24 घंटे में पीसीआर द्वारा विभिन्न इलाकों से 17 गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाया गया है. प्रसव पीड़ा के कारण परेशान इन महिलाओं को अस्पताल जाने के लिए कोई गाड़ी नहीं मिल रही थी. मरीजों का अत्यधिक बोझ होने की वजह से एम्बुलेंस भी उन्हें नहीं मिली. इनमें से 4 कॉल रात 11 से सुबह 5 बजे के बीच पीसीआर को मिली. वहीं कई कॉल ऐसी जगह से मिली, जहां से अस्पताल की दूरी 14 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर थी. इन सभी कॉल पर जाकर पीसीआर ने महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने का काम किया.