नई दिल्ली: मई-जून में स्कूलों की छुट्टियां शुरू होते ही दिल्ली में रहने वाले ज्यादातर परिवार घूमने-फिरने निकल जाते हैं. कोरोना की वजह से दो साल तक घरों में फंसे रहने के बाद इस बार लोग गर्मियों में रिवेंज टूरिज्म पर निकल रहे हैं. दिल्ली-एनसीआर के लोग ज्यादातर ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों की ओर रुख करते हैं, ताकि गर्मियों में ठंडी हवा या बर्फीली वादियों का आनंद उठा सकें. अंतरराष्ट्रीय डेस्टिनेशंस पर भी भारतीयों को घूमना काफी पसंद है.
35 सालों से दिल्ली के लोगों को ट्रैवलिंग की सुविधा मुहैया करवा रहे मुन्ना नूर अजीज ने बताया कि कोरोना काल के बाद ट्रैवलिंग टिकट में इजाफा हुआ है. इसके बावजूद वेकेशंस में घूमने वालों की संख्या घटी नहीं है. इस साल दिल्ली के लोगों का रुझान कश्मीर और लद्दाख की ओर ज्यादा रहा है. मनाली, धर्मशाल, बद्रीनाथ, केदारनाथ, ऋषिकेश, मसूरी भी लोग जाना पसंद कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि हिल्स स्टेशन पर घूमने का सीजन 90 दिनों का होता है. इन दिनों होटल, रेस्तरां और टैक्सी की सुविधा देने वाले लोगों को अन्य 9 महीने का खर्चा निकालना होता है. इसके चलते टूरिस्टों को खर्चा ज्यादा होता है. इस खर्च को कम करने के लिए सबसे पहले टिकट बुक करनी चाहिए. क्योंकि अब सभी टिकिट्स ऑनलाइन होते हैं, तो 6 दिन पहले बुक किए गए टिकट का खर्च अगर 800 है और अगर वहीं टिकट 1 या 2 दिन पहले बुक की जाएगी, तो उसका किराया 1200 तक भी पहुंच सकता है. इसलिए सबसे पहले टिकट बुक करनी चाहिए. दिल्ली से सटे हिल स्टेशनों की बात की जाए तो यहां होटल और घूमने के खर्च अलग-अलग होते हैं.
मुन्ना ने बताया कि अगर आप सबसे सस्ते होटल की तलाश में हैं, तो आपको 2000 से 3000 रुपए तक प्रति नाइट खर्च करने पड़ेंगे. महंगे होटल में यही शुल्क 10,000 रुपए से 12,000 रुपए प्रति नाइट तक पहुंच सकता है. अगर आप कश्मीर घूमने की योजना बना रहे हैं, तो यह थोड़ा महंगा पड़ सकता है. कश्मीर जाने के लिए फ्लाइट की टिकट 6 दिन पहले बुक की गई हैं, तो मिनिमम 15000 रुपये की आने-जाने की टिकट मिल सकती है. ट्रेन से भी कश्मीर जाया जा सकता है. इसके टिकट फ्लाइट के मुकाबले कम होती हैं. अगर आप 6 दिन रुकने की योजना बना रहे हैं, तो एक सामन्य होटल में रुकने का कुल खर्च 60,000 रपये के आसपास रह सकता है.
कोरोना के बाद अब स्थिति सामान्य
भारत टूरिज़्म के मामले में एक बेहतरीन देश है. यहां दुनियाभर से भारी संख्या में टूरिस्ट घूमने आते हैं. कोरोना महामारी के दौरान टूरिस्टों की संख्या में काफी गिरावट देखी गई थी. विमानन नियामक DGCA से मिले डेटा के मुताबिक, अप्रैल 2022 में 2.74 लाख पैसेंजर्स ने दिल्ली और श्रीनगर के बीच हवाई यात्रा की. यह दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-बेंगलुरू के अलावा किसी भी अन्य रूट से ज्यादा है. दिल्ली-गोवा और मुंबई-गोवा भी टॉप-10 में एयर रूट्स में शामिल हुए हैं.
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