ETV Bharat / state

बकाया बिल पर आमने सामने MCD-DJB, सुनिए क्या कहते हैं जल मंत्री सत्येंद्र जैन

दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली के तीनों निगमों के बीच इन दिनों बकाया भुगतान को लेकर आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं. इसी बीच जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने कहा है कि एमसीडी हमारी स्कीम का लाभ उठाएं और बिना पैनल्टी के बकाया भुगतान कर दें.

Delhi Minister satyendra jain
जल मंत्री सत्येंद्र जैन
author img

By

Published : Oct 4, 2020, 12:53 PM IST

नई दिल्ली: नगर निगम और दिल्ली सरकार के बीच किसी न किसी मुद्दे पर लगातार आरोपों-प्रत्यारोपों का क्रम जारी रहता है. इन दिनों दोनों तरफ से बकाया बिल के मुद्दे पर खींचतान जारी है. एक तरफ दिल्ली जल बोर्ड निगम से अपने पानी व सीवर कनेक्शन के बकाया बिल मांग रहा है. वहीं दूसरी तरफ तीनों निगम भी दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों पर अपने बकाया राशि की सूची के साथ सामने आ गए हैं.

जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिया जवाब



'जल बोर्ड के अध्यक्ष हैं सत्येंद्र जैन'

इस मुद्दे से जुड़े तमाम सवालों के साथ ईटीवी भारत पहुंचा दिल्ली सरकार में जल मंत्री सत्येंद्र जैन के पास. सत्येंद्र जैन दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि तीनों एमसीडी पानी के बिल का भुगतान नहीं कर रहीं हैं, उन्हें भुगतान करना चाहिए. सत्येंद्र जैन ने कहा, 'मैंने सुना है कि उन्होंने दिल्ली सरकार पर कई हजार करोड़ का बकाया होने की बात कही है.'

'दिल्ली में केंद्र की ज्यादा बिल्डिंग्स'

उन्होंने कहा कि दिल्ली में दिल्ली सरकार की बिल्डिंग्स से ज्यादा बिल्डिंग्स केंद्र सरकार की हैं और इससे ही एमसीडी को 10-20 हजार करोड़ मिल जाने चाहिए थे. यानी सीधे तौर पर सत्येंद्र जैन ने इसे लेकर भाजपा को निशाने पर लिया, क्योंकि निगम में भी भाजपा है और केंद्र में भी. दिल्ली सरकार पर निगम के बकाया को लेकर निगम नेताओं के आरोपों पर सत्येंद्र जैन ने सवालिया लहजे में कहा कि जल बोर्ड की कितनी बिल्डिंग्स है कि जल बोर्ड पर निगम का बकाया हो जाएगा.


'बकाया स्कीम का लाभ लें निगम'

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के सभी विभाग समय पर निगम को पेमेंट करते हैं. वहीं, जल बोर्ड के बकाया को लेकर उन्होंने कहा कि हमने आजकल बकाया पेमेंट्स को लेकर स्कीम निकाली है. इसके अंतर्गत पैनल्टी माफ है. इसलिए उन्हें चाहिए कि इसका फायदा उठाएं और बकाया बिल जमा करा दें.

आपको बता दें कि इस पूरे विवाद की शुरुआत हुई थी, 29 सितंबर को, जब दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बोर्ड की बकाया की सूची जारी की.


'NDMC पर 2466 करोड़ बकाया'

राघव चड्ढा ने तब कहा था कि केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और तीनों निगमों पर दिल्ली जल बोर्ड का 6811 करोड़ बकाया है. उन्होंने बताया था कि इसमें से सबसे ज्यादा 2466 करोड़ उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर और फिर 80 करोड़ दक्षिणी दिल्ली नगर निगम पर और 49 करोड़ पूर्वी दिल्ली नगर निगम पर बकाया है. इसके बाद तीनों निगमों के मेयर सामने आए और उन्होंने उल्टा दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली सरकार पर निगम का करोड़ों बकाया होने का दावा कर दिया.


'49 करोड़ काटकर 126 करोड़ दे दें'

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जयप्रकाश ने कहा था कि दिल्ली जल बोर्ड पर उत्तरी निगम का 216 करोड़ सम्पत्ति कर और रोड कटिंग का 293 करोड़ बकाया है. वहीं, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर निर्मल जैन ने कहा था कि दिल्ली सरकार पर उनके निगम का 175 करोड़ बकाया है. निर्मल जैन ने यहां तक कह दिया था कि दिल्ली सरकार जल बोर्ड के 49 करोड़ काटकर शेष 126 करोड़ जल्द से जल्द पूर्वी दिल्ली नगर निगम को दे.

नई दिल्ली: नगर निगम और दिल्ली सरकार के बीच किसी न किसी मुद्दे पर लगातार आरोपों-प्रत्यारोपों का क्रम जारी रहता है. इन दिनों दोनों तरफ से बकाया बिल के मुद्दे पर खींचतान जारी है. एक तरफ दिल्ली जल बोर्ड निगम से अपने पानी व सीवर कनेक्शन के बकाया बिल मांग रहा है. वहीं दूसरी तरफ तीनों निगम भी दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों पर अपने बकाया राशि की सूची के साथ सामने आ गए हैं.

जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिया जवाब



'जल बोर्ड के अध्यक्ष हैं सत्येंद्र जैन'

इस मुद्दे से जुड़े तमाम सवालों के साथ ईटीवी भारत पहुंचा दिल्ली सरकार में जल मंत्री सत्येंद्र जैन के पास. सत्येंद्र जैन दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि तीनों एमसीडी पानी के बिल का भुगतान नहीं कर रहीं हैं, उन्हें भुगतान करना चाहिए. सत्येंद्र जैन ने कहा, 'मैंने सुना है कि उन्होंने दिल्ली सरकार पर कई हजार करोड़ का बकाया होने की बात कही है.'

'दिल्ली में केंद्र की ज्यादा बिल्डिंग्स'

उन्होंने कहा कि दिल्ली में दिल्ली सरकार की बिल्डिंग्स से ज्यादा बिल्डिंग्स केंद्र सरकार की हैं और इससे ही एमसीडी को 10-20 हजार करोड़ मिल जाने चाहिए थे. यानी सीधे तौर पर सत्येंद्र जैन ने इसे लेकर भाजपा को निशाने पर लिया, क्योंकि निगम में भी भाजपा है और केंद्र में भी. दिल्ली सरकार पर निगम के बकाया को लेकर निगम नेताओं के आरोपों पर सत्येंद्र जैन ने सवालिया लहजे में कहा कि जल बोर्ड की कितनी बिल्डिंग्स है कि जल बोर्ड पर निगम का बकाया हो जाएगा.


'बकाया स्कीम का लाभ लें निगम'

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के सभी विभाग समय पर निगम को पेमेंट करते हैं. वहीं, जल बोर्ड के बकाया को लेकर उन्होंने कहा कि हमने आजकल बकाया पेमेंट्स को लेकर स्कीम निकाली है. इसके अंतर्गत पैनल्टी माफ है. इसलिए उन्हें चाहिए कि इसका फायदा उठाएं और बकाया बिल जमा करा दें.

आपको बता दें कि इस पूरे विवाद की शुरुआत हुई थी, 29 सितंबर को, जब दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बोर्ड की बकाया की सूची जारी की.


'NDMC पर 2466 करोड़ बकाया'

राघव चड्ढा ने तब कहा था कि केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और तीनों निगमों पर दिल्ली जल बोर्ड का 6811 करोड़ बकाया है. उन्होंने बताया था कि इसमें से सबसे ज्यादा 2466 करोड़ उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर और फिर 80 करोड़ दक्षिणी दिल्ली नगर निगम पर और 49 करोड़ पूर्वी दिल्ली नगर निगम पर बकाया है. इसके बाद तीनों निगमों के मेयर सामने आए और उन्होंने उल्टा दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली सरकार पर निगम का करोड़ों बकाया होने का दावा कर दिया.


'49 करोड़ काटकर 126 करोड़ दे दें'

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जयप्रकाश ने कहा था कि दिल्ली जल बोर्ड पर उत्तरी निगम का 216 करोड़ सम्पत्ति कर और रोड कटिंग का 293 करोड़ बकाया है. वहीं, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर निर्मल जैन ने कहा था कि दिल्ली सरकार पर उनके निगम का 175 करोड़ बकाया है. निर्मल जैन ने यहां तक कह दिया था कि दिल्ली सरकार जल बोर्ड के 49 करोड़ काटकर शेष 126 करोड़ जल्द से जल्द पूर्वी दिल्ली नगर निगम को दे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.