नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो चुका है. आम जनता के लिए 1 अप्रैल से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे को खोल दिया गया है. गुरुवार सुबह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे आम जनता के लिए खोले जाने की जानकारी दी है.
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के प्रोजेक्ट मैनेजर मुदित गर्ग ने बताया आज से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर वाहनों का संचालन हो गया है. एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक के संचालन में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है. सुचारू रूप से एक्सप्रेस वे पर वाहन फर्राटा भर रहे हैं.
ANPR-सिस्टम से वसूला जाएगा टोल
मुदित गर्ग ने बताया टोल प्रक्रिया के लिए मंत्रालय को नया प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है. जोकि जल्द मंत्रालय से स्वीकृत होकर आ जाएगा, जिसमें ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर-सिस्टम (ANPR-सिस्टम) के माध्यम से टोल वसूला जाएगा. ANPR-सिस्टम फास्टैग से लिंक रहेगा. टोल देने के लिए वाहनों को कहीं रुकने की जरूरत नहीं होगी.
अनिवार्य होगा फास्टैग
जो लोग बिना फास्टैग के अपने वाहनों को दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर लेकर जाएंगे उनको दोगुना टोल देना पड़ेगा. उदाहरण के तौर पर यदि कोई वाहन एक्सप्रेस वे पर 60 किलोमीटर का सफर तय करता है और उसमें फास्टैग नहीं लगा हुआ है तो उससे निर्धारित टोल का दोगुना टोल एनएचएआई वसूल करेगा.
कैमरों की रहेगी नजर
- दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भी नजर रखी जाएगी. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा एक्सप्रेस वे पर 200 कैमरे लगाए गए हैं. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर तुरंत ई-चालान किया जाएगा. एनएचएआई ने गाजियाबाद के जिलाधिकारी को एसएसपी को पत्र लिखकर एक्सप्रेसवे पर एनफोर्समेंट व्हीकल लगाने को कहा है.
- ANPR-सिस्टम के माध्यम से एक्सप्रेसवे पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर ई-चालान वाहनस्वामी तक पहुंच जाएगा. एक्सप्रेसवे पर दोपहिया और तिपहिया वाहनों के चलने की अनुमति नहीं है. एक्सप्रेस पर चल रहे दोपहिया और तिपहिया वाहनों के भी ई-चालान काटे जाएंगे.
क्यों हुई प्रोजेक्ट में देरी
- कोरोना के चलते लॉकडाउन किया गया और लॉकडाउन के दौरान तमाम मजदूर घरों को वापस लौट गए. ऐसे में कई महीने एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य बंद रहा.
- एक्सप्रेस वे के लिए किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया, लगातार किसानों ने मांग की है कि उन्हें सर्विस रोड दी जाए इसको लेकर कई बार धरना प्रदर्शन भी हुए, जिसके चलते निर्माण कार्यों में देरी हुई.
- दिल्ली एनसीआर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण स्तर के चलते केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्माण कार्यों कार्यों पर रोक लगाई गई, जिसकी वजह से बीच-बीच में कई बार निर्माण कार्य को रोकना पड़ा.
2018 में शुरू हुआ था निर्माण
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मई 2018 को दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के पहले चरण का उद्घाटन किया था. दिल्ली से मेरठ का सफर तय करने में तकरीबन 2 घंटे से अधिक का समय लग जाता है, लेकिन अब यह सफर महज 40 से 45 मिनट में पूरा कर लिया जाएगा. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे शुरू होने से केवल दिल्ली और मेरठ ही नहीं, बल्कि गाजियाबाद और नोएडा के लोगों को भी काफी सहूलियत होगी.
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