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तीन साल बाद सदन में पेश होगी लोकायुक्त की रिपोर्ट, एलजी ने दी मंजूरी

दिल्ली उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Delhi LG VK Saxena) ने लंबित लोकायुक्त रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखने की अनुमति दे (Lt Governor allows to present lokayukta report) दी है. एलजी ऑफिस के सूत्रों के अनुसार, लोकायुक्त रिपोर्ट वर्ष 2019 से ही लंबित थी.

Lt Governor allows to present lokayukta report
Lt Governor allows to present lokayukta report
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Published : Oct 22, 2022, 4:54 PM IST

Updated : Oct 22, 2022, 6:03 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Delhi LG VK Saxena) ने लंबित लोकायुक्त रिपोर्ट, विधानसभा पटल पर रखने की अनुमति दे (Lt Governor allows to present lokayukta report) दी है. इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा पिछले 3 साल में सदन में लोकायुक्त रिपोर्ट पेश न किए जाने पर नाराजगी भी जताई है. इसके बाद वर्ष 2017-18 और वर्ष 2018-19 की लोकायुक्त की सालाना रिपोर्ट विधानसभा पटल पर प्रस्तुत की जा सकेगी. एलजी ऑफिस के सूत्रों के अनुसार, यह रिपोर्ट वर्ष 2019 से ही लंबित थी.

इस सालाना रिपोर्ट में लोकायुक्त ने जिन विषयों पर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं, उनको लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भी दिल्ली सरकार को आगाह किया है. विशेष तौर पर लोकायुक्त की स्वतंत्रता अधिकार शक्तियां व वित्तीय स्वायत्तता जांच के अधिकार समेत संसाधनों के अभाव को लेकर उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार को आगाह किया है. एलजी ऑफिस के सूत्रों के अनुसार, इससे पहले वर्ष 2019 में यह रिपोर्ट दाखिल की गई थी. तब तत्कालीन एलजी ने सितंबर 2019 में दिल्ली सरकार के प्रमुख सचिव को रिपोर्ट भेजकर जवाब मांगे थे.

यह भी पढ़ें-दिल्ली एलजी के ऑफिस से निकला कर्तव्य पत्र, सीएम के पास पहुंचकर बना प्रेम पत्र

सरकार को तब अपने जवाब के साथ एलजी के पास रिपोर्ट भेजनी थी जिसके बाद अनुमती मिलने पर यह रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जाती. लेकिन दिल्ली सरकार ने इन फाइलों को तीन सालों तक लटकाए रखा. वहीं दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने रिपोर्ट पेश करने में देरी होने पर कोई भी स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है. रिपोर्ट को लेकर उपराज्यपाल ने अब अनुमति दे दी है जिसके बाद यह लंबित रिपोर्ट, विधानसभा में पेश की जा सकेगी.

नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Delhi LG VK Saxena) ने लंबित लोकायुक्त रिपोर्ट, विधानसभा पटल पर रखने की अनुमति दे (Lt Governor allows to present lokayukta report) दी है. इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा पिछले 3 साल में सदन में लोकायुक्त रिपोर्ट पेश न किए जाने पर नाराजगी भी जताई है. इसके बाद वर्ष 2017-18 और वर्ष 2018-19 की लोकायुक्त की सालाना रिपोर्ट विधानसभा पटल पर प्रस्तुत की जा सकेगी. एलजी ऑफिस के सूत्रों के अनुसार, यह रिपोर्ट वर्ष 2019 से ही लंबित थी.

इस सालाना रिपोर्ट में लोकायुक्त ने जिन विषयों पर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं, उनको लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भी दिल्ली सरकार को आगाह किया है. विशेष तौर पर लोकायुक्त की स्वतंत्रता अधिकार शक्तियां व वित्तीय स्वायत्तता जांच के अधिकार समेत संसाधनों के अभाव को लेकर उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार को आगाह किया है. एलजी ऑफिस के सूत्रों के अनुसार, इससे पहले वर्ष 2019 में यह रिपोर्ट दाखिल की गई थी. तब तत्कालीन एलजी ने सितंबर 2019 में दिल्ली सरकार के प्रमुख सचिव को रिपोर्ट भेजकर जवाब मांगे थे.

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सरकार को तब अपने जवाब के साथ एलजी के पास रिपोर्ट भेजनी थी जिसके बाद अनुमती मिलने पर यह रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जाती. लेकिन दिल्ली सरकार ने इन फाइलों को तीन सालों तक लटकाए रखा. वहीं दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने रिपोर्ट पेश करने में देरी होने पर कोई भी स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है. रिपोर्ट को लेकर उपराज्यपाल ने अब अनुमति दे दी है जिसके बाद यह लंबित रिपोर्ट, विधानसभा में पेश की जा सकेगी.

Last Updated : Oct 22, 2022, 6:03 PM IST
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