ETV Bharat / state

LG ने CBI के लिए SPP की नियुक्ति की मंजूरी प्राप्त करने के प्रस्ताव को दिखाई हरी झंडी, सुनवाई में आएगी तेजी - approval for appointment of SPP for CBI

CBI के लिए SPP नियुक्ति और अधिसूचना के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय की मंजूरी प्राप्त करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में फाइल को लेकर अत्यधिक देरी हुई है.

Government of National Capital Territory Delhi
Government of National Capital Territory Delhi
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 23, 2023, 8:20 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई के लिए विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी करने में गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरीटरी दिल्ली (जीएनसीटीडी) की ओर से की गई देरी को गंभीरता से लिया है. अधिसूचना न जारी होने के कारण पिछले नौ माह से दिल्ली की विभिन्न विशेष अदालतों में पॉक्सो एक्ट के मुकदमों की प्रगति रुकी हुई है. बीते वर्ष दिसंबर में सीबीआई ने अदालतों में पॉक्सो एक्ट के मामलों की सुनवाई के पॉक्सो अधिनियम की धारा 32 के तहत, सीबीआई के वरिष्ठ लोक अभियोजकों की नियुक्ति का अनुरोध किया था.

अब एलजी ने पॉक्सो मामलों में सीबीआई के लिए वरिष्ठ लोक अभियोजकों की नियुक्ति और अधिसूचना के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय की मंजूरी प्राप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि इस संबंध में फाइल को लेकर अत्यधिक देरी हुई, क्योंकि इसकी फाइल प्रभारी मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक घूमती रही. शुरू में यह फाइल गृह विभाग द्वारा इस वर्ष 11 जनवरी को प्रभारी मंत्री के सामने प्रस्तुत की गई थी, जिसके बाद 16 जनवरी को इसे मुख्यमंत्री को भेज दिया गया था. बाद में छह फरवरी, 2023 इसे प्रभारी मंत्री को वापस कर दिया गया. नौ मार्च, 2023 से कैलाश गहलोत प्रभारी मंत्री (गृह विभाग) हैं. उन्होंने सत्येंद्र जैन का स्थान लिया था.

इसके बाद गृह विभाग ने इस मामले में एलजी की मंजूरी के लिए आवेदन किया. अब एलजी ने अधिसूचना के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय की मंजूरी प्राप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. नियुक्ति का मामला लंबे समय से प्रभारी मंत्री के स्तर पर लंबित था. प्रमुख सचिव (गृह) ने प्रस्ताव दिया कि धारा 24(8) के तहत केंद्र सरकार की शक्तियों को लागू करने के लिए मामले को गृह मंत्रालय, भारत सरकार को भेजा जाए. सीबीआई ने यह भी सूचित किया है कि जनवरी से सितंबर तक विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से बाल यौन शोषण सामग्री के प्रसार, भंडारण और देखने के आरोपों पर 20 से अधिक मामले दर्ज किए हैं. कानून के अनुसार पॉक्सो अधिनियम से संबंधित मामलों को संज्ञान की तारीख से एक वर्ष के भीतर पूरा किया जाना होता है.

नई दिल्ली: दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई के लिए विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी करने में गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरीटरी दिल्ली (जीएनसीटीडी) की ओर से की गई देरी को गंभीरता से लिया है. अधिसूचना न जारी होने के कारण पिछले नौ माह से दिल्ली की विभिन्न विशेष अदालतों में पॉक्सो एक्ट के मुकदमों की प्रगति रुकी हुई है. बीते वर्ष दिसंबर में सीबीआई ने अदालतों में पॉक्सो एक्ट के मामलों की सुनवाई के पॉक्सो अधिनियम की धारा 32 के तहत, सीबीआई के वरिष्ठ लोक अभियोजकों की नियुक्ति का अनुरोध किया था.

अब एलजी ने पॉक्सो मामलों में सीबीआई के लिए वरिष्ठ लोक अभियोजकों की नियुक्ति और अधिसूचना के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय की मंजूरी प्राप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि इस संबंध में फाइल को लेकर अत्यधिक देरी हुई, क्योंकि इसकी फाइल प्रभारी मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक घूमती रही. शुरू में यह फाइल गृह विभाग द्वारा इस वर्ष 11 जनवरी को प्रभारी मंत्री के सामने प्रस्तुत की गई थी, जिसके बाद 16 जनवरी को इसे मुख्यमंत्री को भेज दिया गया था. बाद में छह फरवरी, 2023 इसे प्रभारी मंत्री को वापस कर दिया गया. नौ मार्च, 2023 से कैलाश गहलोत प्रभारी मंत्री (गृह विभाग) हैं. उन्होंने सत्येंद्र जैन का स्थान लिया था.

इसके बाद गृह विभाग ने इस मामले में एलजी की मंजूरी के लिए आवेदन किया. अब एलजी ने अधिसूचना के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय की मंजूरी प्राप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. नियुक्ति का मामला लंबे समय से प्रभारी मंत्री के स्तर पर लंबित था. प्रमुख सचिव (गृह) ने प्रस्ताव दिया कि धारा 24(8) के तहत केंद्र सरकार की शक्तियों को लागू करने के लिए मामले को गृह मंत्रालय, भारत सरकार को भेजा जाए. सीबीआई ने यह भी सूचित किया है कि जनवरी से सितंबर तक विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से बाल यौन शोषण सामग्री के प्रसार, भंडारण और देखने के आरोपों पर 20 से अधिक मामले दर्ज किए हैं. कानून के अनुसार पॉक्सो अधिनियम से संबंधित मामलों को संज्ञान की तारीख से एक वर्ष के भीतर पूरा किया जाना होता है.

यह भी पढ़ें-अंतरराष्टीय व्यापार मेला में आधारशिला ने भी लगाए स्टॉल, बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने पर जोर

यह भी पढ़ें-झुग्गियों में रहने वाले बच्चों के लिए उम्मीद की किरण बनी फुटपाथ पाठशाला, मासूमों की जिंदगी सवार रहीं नीरजा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.