नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 'सुल्ली डील्स' ऐप मामले के मुख्य आरोपी ओमकारेश्वर ठाकुर के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी (delhi lg gives approval to prosecute accused) है. आरोप है कि ओमकारेश्वर ने कई महिलाओं की नीलामी के लिए उनकी तस्वीरें इस ऐप पर अपलोड कर दी थीं.
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने आरोपी पर सीआरपीसी की धारा 196 के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी. यह धारा सरकार के खिलाफ अपराध करने के लिए साजिश रचने से जुड़ी है. पुलिस को इसके तहत केस चलाने के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी की जरूरत थी, जो रविवार को मिल गई. ओमकारेश्वर ने कथित तौर पर सुल्ली डील्स ऐप और सुल्ली डील्स टि्वटर हैंडल बनाया था. पुलिस ने 7 जुलाई 2021 को इस सिलसिले में में एक मामला दर्ज किया था.
आरोपी ओमकारेश्वर ने मध्यप्रदेश के इंदौर से कंप्यूटर एप्लीकेशन में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है. उसने कथित तौर पर महिलाओं का अपमान करने के लिए यह ऐप बनाया था और बिना इजाजत कई तस्वीरें अपलोड की थीं. पुलिस ने उसे इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया था. आरोपी ने माना था कि महिलाओं को ट्रोल करने के विचार से उसने ऐसा किया था. ओमकारेश्वर ने ट्रेड महासभा नामक ट्विटर का ग्रुप, जनवरी 2020 में एक ट्विटर हैंडल से जॉइन किया था. ग्रुप में इस बात पर चर्चा हुई थी कि महिलाओं को ट्रोल करना चाहिए जिसके बाद उसने गिटहब पर यह ऐप बनाया था.
बाद में जब सुल्ली डील को लेकर हंगामा होने लगा तो उसने अपने सोशल मीडिया के सभी फुटप्रिंट डिलीट कर दिए. हालांकि, पुलिस ने टेक्निकल एवं फॉरेंसिक जांच के जरिए इससे संबंधित साक्ष्य बरामद किए थे. इस बात की पुष्टि, उसके खिलाफ किशनगढ़ थाने में दर्ज एफआईआर से हुई थी. आरोपी ने एक युवती की तस्वीर लगाकर उस पर बोली लगाने का ट्वीट किया था. इसे लेकर पुलिस ने जब आगे छानबीन की तो पता चला कि सुल्ली डील ऐप बनाने वाले के भी संपर्क में वह रहा. इस जानकारी पर दिल्ली पुलिस की टीम ने मध्यप्रदेश में छापा मारकर वहां से ओमकारेश्वर को गिरफ्तार किया. 25 वर्षीय ओमकारेश्वर ने इंदौर स्थित आईपीएस एकेडमी से बीसीए किया हुआ है.
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शुरुआती पूछताछ के दौरान उसने यह कबूल किया कि वह ट्विटर पर ट्रेड ग्रुप का सदस्य है और महिलाओं को ट्रोल करने एवं बदनाम करने के मकसद से उसने यह ऐप बनाया था. उसने गिटहब पर यह कोड बनाया. इसका एक्सेस ग्रुप के सभी सदस्यों को दिया गया था. साथ ही उसने इस ऐप को अपने ट्विटर अकाउंट पर भी साझा किया था. इसमें ग्रुप के सदस्यों ने महिलाओं की तस्वीर डाली थी और उन पर बोली लगवाने का प्रयास किया था.
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