नई दिल्ली: उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को बड़ा झटका दिया है. 2014 के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाले देते हुए CM अरविंद केजरीवाल की बनाई स्थायी समिति (स्टैंडिंग कमेटी) को भंग कर दिया. समिति आपराधिक मामलों में जांच की गुणवत्ता और उनके अभियोजन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाई गई थी.
LG ने समिति भंग करने के साथ ही इसके पुनर्गठन को भी मंजूरी दे दी है. उन्होंने एक अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रधान सचिव (गृह) को अध्यक्ष और प्रधान सचिव के रूप में मंजूरी दी ही. कहा कि इस समिति को लेकर लगातार आपत्ति जताई जा रही थी और इस समिति के रहने का कोई कारण नहीं दिखाई दे रहा है. इससे पहले के उपराज्यपाल ने भी आपत्ति जताई थी.
पूर्व के आदेशों का दिया हवालाः सोमवार को मीडिया में जारी एक बयान में LG ने आगे कहा कि 11 मई, 2017 को अपने नोट में अनिल बैजल (तत्कालीन LG) ने समिति के गठन की समीक्षा करके इसे शीर्ष अदालत के आदेश के अनुरूप बनाने का निर्देश दिया था. एलजी सचिवालय द्वारा अनुस्मारक भी जारी किए गए थे. इसके अलावा 19 फरवरी, 2018, 22 जून, 2018, 18 अक्टूबर, 2018 और 31 मई, 2019 को भी समिति पर आदेश जारी किए गए थे.
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AAP के दायरे से बाहर थी सेवाएं: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2014 में जांच की निगरानी को लेकर कहा था कि जांच अधिकारी और अभियोजन अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करें. बता दें, स्थायी समिति का गठन शुरुआत में गृह विभाग द्वारा निदेशक के साथ किया गया था, जिसमें अभियोजन को इसका अध्यक्ष बनाया गया था.
समिति के पुनर्गठन का प्रस्ताव भी तत्कालीन एलजी के समक्ष उनकी राय के लिए नहीं रखा गया था. इसकी वजह यह थी कि "सेवाएं" और "पुलिस" उस समय AAP सरकार के दायरे से बाहर थी. अधिकारी ने दावा किया था कि नियमों का उल्लंघन करते हुए दिल्ली के गृह मंत्री की मंजूरी से वरिष्ठ स्थायी वकील (आपराधिक) को अध्यक्ष बनाकर स्थायी समिति का पुनर्गठन किया गया.
(PTI)
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