नई दिल्लीः दिल्ली के कंझावला मामले में हादसे की शिकार पीड़िता के परिजनों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 10 लाख रुपए देने का ऐलान किया है. साथ ही उन्होंने आरोपियों को सजा दिलाने के लिए अच्छे से अच्छे वकील की नियुक्ति करने की बात कही है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को पीड़िता की मां से टेलीफोन पर बात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि वह उनके साथ हैं और सरकार हरसंभव उनकी मदद करेगी.
CM केजरीवाल ने ट्वीट किया कि पीड़िता की मां से बात हुई है. बेटी को न्याय दिलवायेंगे. बड़े से बड़ा वकील खड़ा करेंगे. उनकी मां बीमार रहती हैं. उनका पूरा इलाज करवायेंगे." उन्होंने पीड़िता के परिवार को दस लाख रुपये का मुआवजा देने की बात कही.
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केजरीवाल ने लिखा है कि सरकार पीड़िता के परिवार के साथ है. भविष्य में भी कोई जरूरत हुई तो हम पूरा करेंगे. सोमवार को मुख्यमंत्री ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि कंझावला में हमारी बहन के साथ जो हुआ, वो बेहद शर्मनाक है. मैं उम्मीद करता हूं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.
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पीड़िता की माँ से बात हुई।
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बेटी को न्याय दिलवायेंगे। बड़े से बड़ा वकील खड़ा करेंगे।
उनकी माँ बीमार रहती हैं। उनका पूरा इलाज करवायेंगे।
पीड़िता के परिवार को दस लाख रुपये का मुआवज़ा देंगे
सरकार पीड़िता के परिवार के साथ है। भविष्य में भी कोई ज़रूरत हुई तो हम पूरा करेंगे
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बेटी को न्याय दिलवायेंगे। बड़े से बड़ा वकील खड़ा करेंगे।
उनकी माँ बीमार रहती हैं। उनका पूरा इलाज करवायेंगे।
पीड़िता के परिवार को दस लाख रुपये का मुआवज़ा देंगे
सरकार पीड़िता के परिवार के साथ है। भविष्य में भी कोई ज़रूरत हुई तो हम पूरा करेंगेपीड़िता की माँ से बात हुई।
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बेटी को न्याय दिलवायेंगे। बड़े से बड़ा वकील खड़ा करेंगे।
उनकी माँ बीमार रहती हैं। उनका पूरा इलाज करवायेंगे।
पीड़िता के परिवार को दस लाख रुपये का मुआवज़ा देंगे
सरकार पीड़िता के परिवार के साथ है। भविष्य में भी कोई ज़रूरत हुई तो हम पूरा करेंगे
वहीं, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने गृह मंत्रालय को 'निर्भया' के जघन्य गैंग रेप केस की याद दिलाई है और कहा है कि तब से अब तक कुछ भी नहीं बदला है. दिल्ली में औसतन प्रतिदिन 6 से अधिक बलात्कार हो रहे हैं. यहां तक कि राजधानी में एक 8 महीने की बच्ची और 90 साल की एक महिला के साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया गया है. दिल्ली में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ उच्च अपराध दर के लिए पुलिस के संसाधनों और जवाबदेही की कमी प्रमुख कारण हैं.
अप्रैल 2018 में, उन्होंने देश में बच्चों के बलात्कार के बढ़ते मामलों के खिलाफ भूख हड़ताल की थी. उनकी भूख हड़ताल के 10 दिनों के बाद केंद्र सरकार ने उनकी मांग को स्वीकार करते हुए एक अध्यादेश पारित किया, जिसमें बच्चों के बलात्कारियों के लिए फास्ट ट्रैक मुकदमे और मृत्युदंड का प्रावधान था. हालांकि, इन परिवर्तनों को ठीक से लागू नहीं किया गया था, जिसके कारण उन्हें दिसंबर 2019 में एक और भूख हड़ताल करनी पड़ी जो 13 दिनों तक चली.
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