नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के पॉश और वीवीआईपी मार्केट में से एक कमला नगर जिसे 'यूथ हैंग आउट जोन' (Youth Hang Out Market) के नाम से भी जाना जाता है. इन दिनों इसकी चर्चा इसलिए भी है क्योंकि दिल्ली सरकार के द्वारा जिन पांच बाजारों का सौंदर्यीकरण किया जाना है, उसमें कमला नगर मार्केट (Delhi Kamla Nagar Market) भी शामिल है. इसकी खासियत यह है कि इसके एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास और विधानसभा है, तो वहीं दूसरी तरफ दिल्ली विश्वविद्यालय का नॉर्थ कैंपस, जिसकी वजह से इस मार्केट को यूथ हैंग आउट मार्केट के रूप में भी जाना जाता है.
आवासीय कॉलोनी के रूप में बसाया गया कमला नगर वर्तमान समय में दिल्ली के प्रमुख शॉपिंग सेंटर के रूप में बदल गया है. यहां आपको खाने-पीने से लेकर पहनने और फुटवियर तक हर एक चीज उपलब्ध है. कमला नगर मार्केट के प्रमुख बाजार में ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें, रेस्टोरेंट और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के स्टोर हैं, जबकि आज भी ऊपरी मंजिल पर लोग रहते हैं.
भारतीय स्ट्रीट फूड के साथ चाइनीस फास्ट फूड और स्ट्रीट साइट फैशन की दुकानों की भरमार है यहां. अंतरराष्ट्रीय रेस्टोरेंट्स से मैकडॉनल्ड्स, डोमिनोज, कैफे कॉफी डे, स्टारबक्स की रेस्टोरेंट्स चेंज भी कमला नगर के बाजार में आपको आसानी से मिल जाएंगी, जिसकी वजह से यह बाजार यूथ हैंग आउट जोन का प्रमुख केंद्र बना हुआ है. वक्त के साथ-साथ कमला नगर मार्केट का यह बाजार न सिर्फ धीरे-धीरे लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया बल्कि आज हजारों ही नहीं, बल्कि फेस्टिव सीजन में लाखों की संख्या में लोग यहां शॉपिंग के लिए आते हैं.
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इस मार्केट के आसपास कई ऐतिहासिक जगह भी हैं, जिसमें 17वीं सदी का रोशनआरा गार्डन, आजादी का गवाह विद्रोह स्मारक ओर फ्लैग स्टाफ टावर शामिल है. दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस कमला नगर के साथ जुड़ा हुआ है. हंसराज कॉलेज, फैकल्टी ऑफ लॉ, फैकेल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, सेंट स्टीफंस कॉलेज, हिंदू कॉलेज, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दौलत राम कॉलेज, खालसा कॉलेज, मिरांडा हाउस, करोड़ीमल कॉलेज, रामजस कॉलेज, इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज समेत कई प्रमुख शिक्षण संस्थान कमला नगर मार्केट के पास स्थित हैं, जिसकी वजह से इन कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं अक्सर इस मार्केट में घूमने और शॉपिंग करने के लिए आते हैं. आने जाने के लिए परिवहन की पूरी व्यवस्था उपलब्ध है. दिल्ली विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन और पुल बंगश मेट्रो स्टेशन इस बाजार के सबसे पास है. साथ ही डीटीसी बस की सहायता से भी इस बाजार में आया जाया जा सकता है. बस नंबर 100, 108, 108a, 114, 234, 912 और 816 नंबर की बस कमला नगर के बाजार को राजधानी दिल्ली के अन्य हिस्सों से कनेक्ट करती है.
कमला नगर के पास चार छोटे बड़े अस्पताल और मेडिकल कॉलेज भी है, जिसमें हिंदू राव अस्पताल ओर मेडिकल कॉलेज, वल्लभभाई चेस्ट इंस्टीट्यूट, संत परमानंद अस्पताल व नॉर्थ दिल्ली पैथोलॉजी क्लिनिक भी शामिल है. उत्तरी दिल्ली में स्थित सुप्रसिद्ध कमला नगर मार्केट का नाम भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू के नाम पर रखा गया है. सन 1941 में ग्रैंड ट्रंक रोड पर रामस्वरूप क्लॉक टावर के निर्माण और जयपुरिया एवं बिरला कपड़ा मिलों के निर्माण के बाद इस मार्केट के आसपास आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्र बसने शुरू हुए. उस समय यह राजधानी दिल्ली में चलने वाली दिल्ली ट्राम सेवा का एक बेहद महत्वपूर्ण स्टेशन हुआ करता था. आजादी के बाद सन 1950 और उस पूरे दशक के समय में इस पूरे क्षेत्र को एक समृद्ध और आवासीय क्षेत्र के रूप में विकसित किया गया.
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ब्रिटिश राज के अंत के दौरान और स्वतंत्रता के बाद भी लगभग दो दशकों तक कमला नगर और उसके आसपास का क्षेत्र राजनीतिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बना रहा, जिसका जिक्र इतिहास की किताबों में भी दर्ज है. अरुणा आसफ अली, गुरु राधा किशन भारतीय जनसंघ के उस समय के महासचिव कंवर लाल गुप्ता, पुरुषोत्तम, गोयल मुरारी लाल गुप्ता और शिवचरण गुप्ता जैसे स्वतंत्रता सेनानी उस समय कमला नगर और उसके आसपास के क्षेत्र में ही अपना ज्यादातर वक्त बिताया करते थे, जबकि कुछ लोगों का आधिकारिक आवास कमला नगर में ही हुआ करता था. आजादी के बाद इसको अपनी एक अलग पहचान मिली. उस समय मशहूर फिल्म स्टार मनोज कुमार गीतकार गुलजार और संतोष आनंद जैसे लोग अपने जीवन के शुरुआती साल कमला नगर में ही बिताए थे. रुस्तम ए हिंद के नाम से मशहूर दारा सिंह, गुरु हनुमान, सतपाल सिंह, भूपेंद्र धवन जैसे बड़े-बड़े पहलवानों ने कमला नगर के अखाड़ों में ही पहलवानी के गुर सीखे थे.
कमला नगर का क्षेत्र न्यूज़ चंद्रावल गांव, दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर और पूर्व में कमला नेहरू रिज वन के साथ उत्तर में रूपनगर पश्चिम में शक्तिनगर और दक्षिण में मलका गंज से घिरा हुआ है, जबकि ग्रैंड ट्रंक रोड कमला नगर को शक्ति नगर से अलग करता है. 1950 के दशक में एक आवासीय कालोनी के रूप में इस पूरे क्षेत्र को विकसित किया गया था. जो तीन गोल चक्करों के साथ 6 ब्लॉक में विभाजित था. जिसके बाद धीरे-धीरे इस पूरे क्षेत्र में जनसंख्या का घनत्व बढ़ता गया और जो स्वरूप आज हम कमला नगर के प्रमुख बाजार और उसके आसपास का क्षेत्र देख रहे हैं यह 20वीं शताब्दी की शुरुआत से अपनी इसी स्वरूप में है.
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कमला नगर मार्केट के व्यापारियों ने बातचीत के दौरान बताया कि इस समय में जिस बाजार को हम लोग देख रहे हैं, उसका इतिहास सन 1950 से पहले का है. लेकिन आज तक इस बाजार के डेवलपमेंट को लेकर कभी भी कोई काम नहीं किया गया. विशेष तौर पर पिछले दो दशकों में बाजार में किसी भी तरह के कोई डेवलपमेंट का काम बड़े स्तर पर सरकार या प्रशासन के द्वारा नहीं किया गया. इसको इसकी हालत पर छोड़ दिया गया है. वर्तमान समय में कमला नगर मार्केट की बदहाल सड़कें इसके खराब इंफ्रास्ट्रक्चर इस बात की गवाही दे रहे हैं. मार्केट में स्ट्रीट लाइट की कमी है. इसके अलावा यहां न तो सीसीटीवी कैमरे हैं और न ही महिला शौचालय. मार्केट की बदलाही का आलम यह है कि यहां चलने के लिए पेडेस्ट्रियन रास्ते भी नहीं हैं. मार्केट की एक बड़ी समस्या पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था न होना भी है. बाजार में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी प्रशासन के द्वारा किसी प्रकार का अलग इंतजाम नहीं किया गया है.
व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने बजट प्रस्तुत होने से पहले दिल्ली सरकार को 16 सूत्रीय सुझाव दिए थे, जिसपर मुख्यमंत्री ने सहमति जताई है. हालांकि बाजार के अंदर किए जाने वाले विकास कार्यों को लेकर अभी तक किसी भी काम की शुरुआत नहीं हुई है.