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AAP के आते ही बढ़ गया दिल्ली जल बोर्ड का राजस्व, आंकड़ें तो कुछ ऐसा ही कहते हैं!

पिछले 4 सालों में दिल्ली जल बोर्ड का राजस्व लगातार बढ़ रहा है. 2014-15 में दिल्ली जल बोर्ड का राजस्व 1219 करोड़ रुपये था, जो कि 2018-19 में करीब 50% बढ़कर 1819 करोड़ रुपये पहुंच गया.

बढ़ रहा है दिल्ली जल बोर्ड का राजस्व etv bharat
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Published : Aug 28, 2019, 2:24 PM IST

Updated : Aug 28, 2019, 4:04 PM IST

नई दिल्ली: पिछले 4 सालों में दिल्ली जल बोर्ड का राजस्व लगातार बढ़ रहा है. केजरीवाल के दिल्ली की सत्ता संभालने के बाद दिल्ली जल बोर्ड के राजस्व में सालाना बढ़ोतरी पिछले 4 सालों में हर साल 8% के करीब हुई है.

लगातार बढ़ रहा है दिल्ली जल बोर्ड का राजस्व

2012-13 से 2014-15 के बीच दिल्ली जल बोर्ड का सालाना का राजस्व 7% प्रतिवर्ष की दर से घट रहा था. 2015-16 के बाद दिल्ली जल बोर्ड के राजस्व में बढ़ोतरी देखने को मिली थी. पिछले 4 सालों से दिल्ली जल बोर्ड का राजस्व लगातार बढ़ रहा है. दिल्ली जल बोर्ड के राजस्व में सालाना वृद्धि पिछले 4 वर्षों में प्रतिवर्ष 8% के करीब हुई है.

2014-15 में दिल्ली जल बोर्ड का राजस्व 1219 करोड़ रुपये था, जोकि 2018-2019 में करीब 50 % बढ़कर 1819 करोड़ रूपये पहुंच गया. दिल्ली जल बोर्ड के राजस्व में बढ़ोतरी का कारण अधिकृत मीटर उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या, कम होती पानी की चोरी और लीकेज का कम होना है.


अधिकृत उपभोक्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी
2014 के मुकाबले 2019 में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकृत मीटर उपभोक्ताओं की संख्या में पांच लाख उपभोक्ताओं का इजाफा हुआ है. 2014 में 18.69 लाख अधिकृत मीटर उपभोक्ता थे, जो कि 2019 में बढ़कर 23.73 लाख हो गए.

2014 में अनाधिकृत उपभोक्ता 3.76 लाख थे जो कि 2019 में घटकर 1.51 लाख हुए. जिसका सीधा असर दिल्ली जल बोर्ड की आमदनी पर दिखाई पड़ा है.

कम होती पानी की लीकेज और चोरी
पानी की चोरी और लीकेज रोकने के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से नए फ्लोमीटर लगाए गए हैं. 2015 में केवल 350 फ्लोमीटर थे, 2019 में फ्लोमीटरों की संख्या 6 गुना बढ़कर 2000 हो गई, जिससे पानी की सप्लाई के दौरान लीकेज और चोरी थम गई है.

हाल ही में दिल्ली जल बोर्ड ने अधिकृत जल कनेक्शन के दायरे में अधिक से अधिक उपभोक्ताओं को लाने के लिए अनअधिकृत जल कनेक्शनों के नियमितीकरण की योजना के विस्तार को मंजूरी दी थी.

नई दिल्ली: पिछले 4 सालों में दिल्ली जल बोर्ड का राजस्व लगातार बढ़ रहा है. केजरीवाल के दिल्ली की सत्ता संभालने के बाद दिल्ली जल बोर्ड के राजस्व में सालाना बढ़ोतरी पिछले 4 सालों में हर साल 8% के करीब हुई है.

लगातार बढ़ रहा है दिल्ली जल बोर्ड का राजस्व

2012-13 से 2014-15 के बीच दिल्ली जल बोर्ड का सालाना का राजस्व 7% प्रतिवर्ष की दर से घट रहा था. 2015-16 के बाद दिल्ली जल बोर्ड के राजस्व में बढ़ोतरी देखने को मिली थी. पिछले 4 सालों से दिल्ली जल बोर्ड का राजस्व लगातार बढ़ रहा है. दिल्ली जल बोर्ड के राजस्व में सालाना वृद्धि पिछले 4 वर्षों में प्रतिवर्ष 8% के करीब हुई है.

2014-15 में दिल्ली जल बोर्ड का राजस्व 1219 करोड़ रुपये था, जोकि 2018-2019 में करीब 50 % बढ़कर 1819 करोड़ रूपये पहुंच गया. दिल्ली जल बोर्ड के राजस्व में बढ़ोतरी का कारण अधिकृत मीटर उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या, कम होती पानी की चोरी और लीकेज का कम होना है.


अधिकृत उपभोक्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी
2014 के मुकाबले 2019 में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकृत मीटर उपभोक्ताओं की संख्या में पांच लाख उपभोक्ताओं का इजाफा हुआ है. 2014 में 18.69 लाख अधिकृत मीटर उपभोक्ता थे, जो कि 2019 में बढ़कर 23.73 लाख हो गए.

2014 में अनाधिकृत उपभोक्ता 3.76 लाख थे जो कि 2019 में घटकर 1.51 लाख हुए. जिसका सीधा असर दिल्ली जल बोर्ड की आमदनी पर दिखाई पड़ा है.

कम होती पानी की लीकेज और चोरी
पानी की चोरी और लीकेज रोकने के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से नए फ्लोमीटर लगाए गए हैं. 2015 में केवल 350 फ्लोमीटर थे, 2019 में फ्लोमीटरों की संख्या 6 गुना बढ़कर 2000 हो गई, जिससे पानी की सप्लाई के दौरान लीकेज और चोरी थम गई है.

हाल ही में दिल्ली जल बोर्ड ने अधिकृत जल कनेक्शन के दायरे में अधिक से अधिक उपभोक्ताओं को लाने के लिए अनअधिकृत जल कनेक्शनों के नियमितीकरण की योजना के विस्तार को मंजूरी दी थी.

Intro:पिछले 4 सालों में दिल्ली जल बोर्ड का राजस्व लगातार बढ़ रहा है, आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली की सत्ता संभालने के बाद दिल्ली जल बोर्ड के राजस्व में वार्षिक वृद्धि पिछले 4 वर्षों में, प्रतिवर्ष 8% के करीब हुई है.


Body:2012-13 से 2014-15 के बीच दिल्ली जल बोर्ड का वार्षिक राजस्व 7% प्रतिवर्ष की दर से घट रहा था, 2015-16 के बाद दिल्ली जल बोर्ड के राजस्व में बढ़ोतरी देखने को मिली, पिछले 4 सालों से दिल्ली जल बोर्ड का राजस्व लगातार बढ़ रहा है, दिल्ली जल बोर्ड के राजस्व में वार्षिक वृद्धि पिछले 4 वर्षों में, प्रतिवर्ष 8% के करीब हुई है.

2014-15 में दिल्ली जल बोर्ड का राजस्व 1219 करोड़ रुपये था, जो कि 2018-2019 में करीब 50 % बढ़कर 1819 करोड़ रूपये पहुच गया.

दिल्ली जल बोर्ड के राजस्व में बढ़ोतरी का कारण अधिकृत मीटर उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या, कम होती पानी की चोरी और लीकेज है.

अधिकृत उपभोक्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी

2014 के मुकाबले 2019 में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकृत मीटर उपभोक्ताओं की संख्या में पांच लाख उपभोक्ताओं का इजाफा हुआ है. 2014 में 18.69 लाख अधिकृत मीटर उपभोक्ता थे, जो कि 2019 में बढ़कर 23.73 लाख हो गए. 2014 में अनाधिकृत उपभोक्ता 3.76 लाख थे जो कि 2019 में घटकर 1.51 लाख हुए. जिसका सीधा असर दिल्ली जल बोर्ड की आमदनी पर दिखाई पड़ा है.

कम होती पानी की लीकेज और चोरी

पानी की चोरी और लीकेज रोकने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा फ्लोमीटर लगाए गए हैं. 2015 में केवल 350 फ्लोमीटर थे, 2019 में फ्लोमीटरों की संख्या 6 गुना बढ़कर 2000 हो गई, जिससे पानी की सप्लाई के दौरान लीकेज और चोरी थम गई है.




Conclusion:हाल ही में दिल्ली जल बोर्ड ने अधिकृत जल कनेक्शन के दायरे में अधिक से अधिक उपभोक्ताओं को लाने के लिए अनअधिकृत जल कनेक्शनों के नियमितीकरण की योजना के विस्तार को मंजूरी दी थी.
Last Updated : Aug 28, 2019, 4:04 PM IST
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