नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने मिशेल की अंतरिम जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया.
हाईकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हाईपावर कमेटी ने कैदियों को रिहा करने के मामले में तीन मानदंड तय किए हैं. इसके तहत विदेशी नागरिकों, एक या ज्यादा केस में संलग्न जिसमें एक में भी जमानत नहीं मिली हो और भ्रष्टाचार निरोधन कानून और मनी लाउंड्रिंग की धाराओं के तहत जेल में बंद कैदियों को रिहा नहीं करने का फैसला किया गया. कोर्ट ने पाया कि क्रिश्चियन मिशेल इन तीनों ही कैटेगरी में आते हैं.
'मिशेल को कोरोना का खतरा नहीं'
हाईकोर्ट ने कहा कि मिशेल का ये कहना गलत है कि उसे कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा है. दरअसल सीबीआई ने मिशेल की अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि उसे अलग सेल में रखा गया है.
ये सेल बैरक या डोरमिटरी नहीं है, जहां एक ही जगह कई कैदी रहते हैं. जिस सेल में मिशेल को रखा गया है उसमें रहने वाले दो और कैदियों को भी कोरोना का संक्रमण नहीं है, इसलिए मिशेल को कोरोना होने का कोई खतरा नहीं है.
'सीबीआई ने किया विरोध'
सीबीआई ने मिशेल की अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा-
मिशेल ने अपनी नियमित जमानत याचिका भी दायर कर रखी है, इसलिए अंतरिम जमानत का कोई मतलब ही नहीं है. कोर्ट ने कहा कि नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से सुनवाई पूरी नहीं हो पाई है. अंतरिम जमानत याचिका की आड़ में जमानत के लिए दोबारा दलीलें रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती है.
सुनवाई के दौरान मिशेल की ओर से वकील अल्जो के जोसेफ और विष्णु शंकर ने कहा था कि उसकी तबियत पहले से खराब है और उसे कोरोना वायरस का संक्रमण होने की संभावना है. जेल में कई कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, ऐसे में उन्हे भी संक्रमण का खतरा है.