नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने महबूबा मुफ्ती की मनी लाउंड्रिंग के आरोप में ईडी की ओर से जारी समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी.
दलीलें दाखिल करने का निर्देश
सुनवाई के दौरान महबूबा की ओर से वकील नित्या रामकृष्णन ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान ईडी ने समन पर जोर नहीं देने पर तैयार हो गई थी. तब ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि परिस्थितियां वैसी थी. उन्होंने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच के एक फैसले का हवाला दिया. उसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों से दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया.
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ईडी को समन पर जोर नहीं देने का निर्देश
पिछले 10 मार्च को कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया था कि वो महबूबा के खिलाफ जारी समन पर जोर नहीं देंगे. ईडी ने महबूबा को 15 मार्च को पूछताछ के लिए पेश होने का आदेश दिया था. याचिका में कहा गया है कि ईडी ने जो उसे नोटिस जारी किया है उसमें उन्हें आरोपी या गवाह के रुप में पेश होने का निर्देश दिया गया है. लेकिन उस नोटिस में ये नहीं बताया गया है कि महबूबा को किस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है. याचिका में कहा गया है कि महबूबा मुफ्ती किसी मामले में आरोपी नहीं हैं और न ही कोई अपराध किया है. याचिका में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद जब से उन्हें हिरासत में लिया गया तब से उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को परेशान किया जा रहा है.
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मनी लाउंड्रिंग एक्ट के प्रावधान को चुनौती
याचिका में महबूबा ने मनी लाउंड्रिंग एक्ट की धारा 50 को चुनौती दी है. मनी लाउंड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत ईडी किसी को समन जारी करती है. ईडी के समन का हर व्यक्ति जवाब देने के लिए बाध्य है. अगर वो जवाब नहीं देता है तो उसे दंडित किया जा सकता है.