नई दिल्लीः हाईकोर्ट ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को इस बात के लिए फटकार लगाई है कि उसने निगम के स्कूलों में स्पेशल एडुकेटर्स के 1,132 खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के लिए दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) को आग्रह पत्र नहीं भेजा है. जस्टिस नाजमी वजीरी की बेंच ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
'दो हफ्ते मे नियुक्ति का आग्रह पत्र भेजें, वरना आयुक्त कोर्ट में पेश हों'
कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम से कहा कि अगर स्पेशल एडुकेटर्स के 1,132 खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के लिए डीएसएसएसबी को दो हफ्ते के अंदर आग्रह पत्र नहीं भेजा जाता है, तो निगम के आयुक्त कोर्ट में पेश हों. याचिका सोशल जूरिस्ट की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने दायर किया है.
'स्पेशल एडुकेटर्स के एक हजार से ज्यादा पद दस सालों से हैं खाली'
याचिका में कहा गया है कि स्पेशल एडुकेटर्स के ये पद पिछले दस सालों से खाली पड़े हैं, लेकिन नगर निगम ने इकी नियुक्ति नहीं की है. हाईकोर्ट स्पेशल एडुकेटर्स की नियुक्ति के लिए कई बार आदेश जारी कर चुका है. लेकिन उसके बावजूद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने डीएसएसएसबी को कोई आग्रह नहीं भेजा है. स्पेशल एडुकेटर्स की नियुक्ति में देरी की वजह से दिव्यांग छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है. याचिका में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम पर कोर्ट की अवमानना प्रक्रिया शुरु करने की मांग की है.
हाईकोर्ट दे चुका है नियुक्ति का आदेश
बता दें कि 28 अगस्त 2020 को हाईकोर्ट ने दिल्ली के नगर निगमों में स्पेशल एडुकेटर्स के एक हजार खाली पड़े पदों पर नियुक्ति नहीं करने पर दिल्ली सरकार, दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) और दिल्ली नगर निगमों को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने नगर निगमों को निर्देश दिया था कि वे स्पेशल एडुकेटर्स की नियुक्ति के लिए डीएसएसएसबी को आग्रह पत्र भेंजे.