नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को घर खरीदारों को धोखा देने के आरोप से जुड़े एक मामले में आम्रपाली समूह के पूर्व मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अनिल कुमार शर्मा को नियमित जमानत दे दी. शर्मा ने धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के तहत आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज मामले में नियमित जमानत की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
शर्मा को 28 फरवरी 2019 को दो अन्य सह-अभियुक्तों शिव प्रिया और अजय कुमार के साथ गिरफ्तार किया गया था. उनके वकील ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता पर आईपीसी की धारा 420 के तहत अपराध के लिए अधिकतम सजा सात साल है, जबकि याचिकाकर्ता तीन साल और छह महीने से अधिक समय से हिरासत में है.
न्यायमूर्ति विकास महाजन ने आरोपों की गंभीरता को पहचाना, लेकिन कहा कि शर्मा उन अपराधों के लिए निर्दिष्ट अधिकतम कारावास अवधि का आधा हिस्सा पहले ही काट चुके हैं, जिन पर उन पर आरोप लगाया गया था. अदालत ने आगे कहा कि मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा लगभग 50 गवाहों का हवाला दिया गया था, जो दर्शाता है कि यह एक लंबी सुनवाई होगी. इन परिस्थितियों को देखते हुए कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि शर्मा को न्यायिक हिरासत में रखने का कोई उपयोगी उद्देश्य नहीं होगा. इसलिए उन्हें एक लाख रुपये का मुचलका भरने की शर्त पर जमानत दी जाती है.
क्या है मामलाः मामला नोएडा के सेक्टर 76 में आम्रपाली सिलिकॉन सिटी के विकास से जुड़ा है. इस मामले में एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी. उस व्यक्ति ने परियोजना के एक टावर में 26 फ्लैट खरीदे थे. बाद में पता चला कि टावर को अधिकारियों ने मंजूरी नहीं दी थी.