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उन्नाव रेप केस: कुलदीप सेंगर की याचिका पर सीबीआई को मिला जवाब देने का समय

सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कहा कि हाथरस मामले की जांच में व्यस्तता का हवाला देते हुए कोर्ट से कुछ और समय देने की मांग की थी. जिस पर कोर्ट ने सीबीआई को 12 जनवरी तक जवाब देने का निर्देश दिया.

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Published : Nov 23, 2020, 5:42 PM IST

Updated : Nov 23, 2020, 6:35 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की अपील पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को जवाब देने के लिए और समय दे दिया है. जस्टिस विभू बाखरु की बेंच ने सीबीआई को 12 जनवरी तक जवाब देने का निर्देश दिया. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा सुनाई थी.


जवाब देने के लिए समय मांगा

सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कहा कि इस मामले के जांच अधिकारी हाथरस मामले की जांच में व्यस्त हैं, इसलिए वे जवाब दाखिल नहीं कर पाए हैं. उन्होंने याचिका का जवाब देने के लिए और समय देने की मांग की. तब कोर्ट ने 12 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का समय दिया. सुनवाई के दौरान कुलदीप सेंगर की ओर से वकील कन्हैया सिंघल ने कहा कि सजा को निलंबित करने का पर्याप्त आधार है.

सेंगर को दस साल की कैद और दस लाख का जुर्माना लगाय था

पिछले 6 नवंबर को हाईकोर्ट ने कुलदीप सेंगर की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया था. पिछले 13 मार्च को तीस हजारी कोर्ट उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा सुनाई थी. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने सेंगर पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. तीस हजारी कोर्ट ने कहा था कि जुर्माने की ये रकम पीड़िता को दी जाएगी. कोर्ट ने सेंगर समेत सभी सातो आरोपियों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख के जुर्माने की सजा सुनाई थी.

सेंगर समेत सात आरोपियों को दोषी करार दिया गया था

सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कुलदीप सिंह सेंगर समेत सात दोषियों को उम्रकैद की सजा देने की मांग की थी. सुनवाई के दौरान सेंगर ने कहा था कि अगर उसने कुछ गलत किया है तो उसे फांसी पर लटका दिया जाए और उसकी आंखों में तेजाब डाल दिया जाए. पिछले 4 मार्च को कोर्ट ने कुलदीप सेंगर समेत सात लोगों को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने इस मामले के चार आरोपियों को बरी कर दिया था.

अप्रैल 2018 में हिरासत में हुई थी मौत

रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल 2018 को मौत हो गई थी. 4 जून 2017 को रेप पीड़िता ने जब कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया, उसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था. रेप पीड़िता के पिता को जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में लड़की के पिता की मौत हो गई थी.



रेप के मामले में उम्रकैद की सजा मिल चुकी है

20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था. तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की अपील पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को जवाब देने के लिए और समय दे दिया है. जस्टिस विभू बाखरु की बेंच ने सीबीआई को 12 जनवरी तक जवाब देने का निर्देश दिया. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा सुनाई थी.


जवाब देने के लिए समय मांगा

सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कहा कि इस मामले के जांच अधिकारी हाथरस मामले की जांच में व्यस्त हैं, इसलिए वे जवाब दाखिल नहीं कर पाए हैं. उन्होंने याचिका का जवाब देने के लिए और समय देने की मांग की. तब कोर्ट ने 12 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का समय दिया. सुनवाई के दौरान कुलदीप सेंगर की ओर से वकील कन्हैया सिंघल ने कहा कि सजा को निलंबित करने का पर्याप्त आधार है.

सेंगर को दस साल की कैद और दस लाख का जुर्माना लगाय था

पिछले 6 नवंबर को हाईकोर्ट ने कुलदीप सेंगर की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया था. पिछले 13 मार्च को तीस हजारी कोर्ट उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा सुनाई थी. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने सेंगर पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. तीस हजारी कोर्ट ने कहा था कि जुर्माने की ये रकम पीड़िता को दी जाएगी. कोर्ट ने सेंगर समेत सभी सातो आरोपियों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख के जुर्माने की सजा सुनाई थी.

सेंगर समेत सात आरोपियों को दोषी करार दिया गया था

सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कुलदीप सिंह सेंगर समेत सात दोषियों को उम्रकैद की सजा देने की मांग की थी. सुनवाई के दौरान सेंगर ने कहा था कि अगर उसने कुछ गलत किया है तो उसे फांसी पर लटका दिया जाए और उसकी आंखों में तेजाब डाल दिया जाए. पिछले 4 मार्च को कोर्ट ने कुलदीप सेंगर समेत सात लोगों को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने इस मामले के चार आरोपियों को बरी कर दिया था.

अप्रैल 2018 में हिरासत में हुई थी मौत

रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल 2018 को मौत हो गई थी. 4 जून 2017 को रेप पीड़िता ने जब कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया, उसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था. रेप पीड़िता के पिता को जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में लड़की के पिता की मौत हो गई थी.



रेप के मामले में उम्रकैद की सजा मिल चुकी है

20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था. तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है.

Last Updated : Nov 23, 2020, 6:35 PM IST
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