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राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच के लिए CBI को दिल्ली हाईकोर्ट से मिला और समय

सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ चल रही जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को हाईकोर्ट ने और समय दिया. कोर्ट ने 6 जनवरी तक जांच पूरी करने का आदेश दिया.

Rakesh Asthana
राकेश अस्थाना
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Published : Dec 16, 2019, 6:52 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ चल रही जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को और समय दे दिया है. कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 6 जनवरी को करेगा.

सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से और समय देने की मांग की. जिसके बाद कोर्ट ने 6 जनवरी तक जांच पूरी करने का आदेश दिया. पिछले 9 अक्टूबर को कोर्ट ने सीबीआई को जांच के लिए दो महीने का वक्त दिया था. कोर्ट ने जांच की धीमी रफ्तार को लेकर सीबीआई को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि अब आगे जांच के लिए और वक्त नहीं दिया जाएगा.

दो देशों को भेजे गए हैं लेटर आफ रोगेटरी

सीबीआई की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि पिछले 12 सितंबर को अमेरिका और पिछले हफ्ते संयुक्त अरब अमीरात को लेटर रोगेटरी भेजे गए हैं. उनके जवाब का इतंजार है. तब कोर्ट ने पूछा था कि जांच का आदेश जनवरी में दिए जाने के बाद इतनी देरी से लेकर रोगेटरी क्यों भेजे गए. जांच को यूं ही इतने वक्त तक नहीं लटकाया जा सकता है.

अस्थाना की अर्जी खारिज की थी

27 मार्च को सीबीआई ने जांच के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी. 11 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार की अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने और कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी. जस्टिस नाजिम वजीरी ने सीबीआई को इस मामले में दस हफ्ते में जांच पूरी करने का निर्देश दिया था.

आरोप काफी गंभीर

कोर्ट ने कहा था कि सतीश साना ने काफी गंभीर आरोप लगाए हैं. कोर्ट ने कहा कि धारा 17ए के तहत किसी लोकसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार और लोकसेवा न करने के मामले में अभियोजन के लिए स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं है. अस्थाना के खिलाफ केस सतीश साना से जुड़े एक मामले में दर्ज किया गया है. सतीश साना ही वो व्यक्ति है जिसने कुरैशी से जुड़ा अपना केस रफा-दफा कराने के लिए अस्थाना को 3 करोड़ रुपए रिश्वत देने का आरोप लगाया है.

सतीश साना ने दी थी रिश्वत

सीबीआई के मुताबिक 2 करोड़ रुपये का घूस सतीश ने खुद को 25 अक्टूबर 2018 तक बचाए रखने के लिए दी थी. 10 अक्टूबर 2018 को 25 लाख रुपये चुकाए गए और बाकी के पैसे 16 अक्टूबर 2018 तक चुकाने की बात हुई. सीबीआई ने 16 अक्टूबर को बिचौलिए मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया, जब वो बाकी के पौने दो करोड़ रुपए लेने भारत आया था. आपको बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट मनोज प्रसाद को जमानत दे चुका है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ चल रही जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को और समय दे दिया है. कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 6 जनवरी को करेगा.

सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से और समय देने की मांग की. जिसके बाद कोर्ट ने 6 जनवरी तक जांच पूरी करने का आदेश दिया. पिछले 9 अक्टूबर को कोर्ट ने सीबीआई को जांच के लिए दो महीने का वक्त दिया था. कोर्ट ने जांच की धीमी रफ्तार को लेकर सीबीआई को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि अब आगे जांच के लिए और वक्त नहीं दिया जाएगा.

दो देशों को भेजे गए हैं लेटर आफ रोगेटरी

सीबीआई की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि पिछले 12 सितंबर को अमेरिका और पिछले हफ्ते संयुक्त अरब अमीरात को लेटर रोगेटरी भेजे गए हैं. उनके जवाब का इतंजार है. तब कोर्ट ने पूछा था कि जांच का आदेश जनवरी में दिए जाने के बाद इतनी देरी से लेकर रोगेटरी क्यों भेजे गए. जांच को यूं ही इतने वक्त तक नहीं लटकाया जा सकता है.

अस्थाना की अर्जी खारिज की थी

27 मार्च को सीबीआई ने जांच के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी. 11 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार की अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने और कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी. जस्टिस नाजिम वजीरी ने सीबीआई को इस मामले में दस हफ्ते में जांच पूरी करने का निर्देश दिया था.

आरोप काफी गंभीर

कोर्ट ने कहा था कि सतीश साना ने काफी गंभीर आरोप लगाए हैं. कोर्ट ने कहा कि धारा 17ए के तहत किसी लोकसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार और लोकसेवा न करने के मामले में अभियोजन के लिए स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं है. अस्थाना के खिलाफ केस सतीश साना से जुड़े एक मामले में दर्ज किया गया है. सतीश साना ही वो व्यक्ति है जिसने कुरैशी से जुड़ा अपना केस रफा-दफा कराने के लिए अस्थाना को 3 करोड़ रुपए रिश्वत देने का आरोप लगाया है.

सतीश साना ने दी थी रिश्वत

सीबीआई के मुताबिक 2 करोड़ रुपये का घूस सतीश ने खुद को 25 अक्टूबर 2018 तक बचाए रखने के लिए दी थी. 10 अक्टूबर 2018 को 25 लाख रुपये चुकाए गए और बाकी के पैसे 16 अक्टूबर 2018 तक चुकाने की बात हुई. सीबीआई ने 16 अक्टूबर को बिचौलिए मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया, जब वो बाकी के पौने दो करोड़ रुपए लेने भारत आया था. आपको बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट मनोज प्रसाद को जमानत दे चुका है.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई  के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ चल रही जांच पूरी करने करने के लिए सीबीआई को और समय दे दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 6 जनवरी को करेगा।




Body:जांच पूरी करने के लिए समय मांगा
आज सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से और समय देने की मांग की जिसके बाद कोर्ट ने 6 जनवरी तक जांच पूरी करने का आदेश दिया। पिछले 9 अक्टूबर को कोर्ट ने सीबीआई को जांच के लिए दो महीने का वक़्त दिया था। कोर्ट ने जांच की धीमी रफ़्तार को लेकर सीबीआई को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि अब आगे जांच के लिए और वक़्त नहीं दिया जाएगा।

दो देशों को भेजे गए हैं लेटर आफ रोगेटरी
सीबीआई की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि पिछले 12 सितंबर को अमेरिका और पिछले हफ्ते संयुक्त अरब अमीरात को लेटर रोगेटरी भेजे गए हैं। उनके जवाब का इतंज़ार है। तब कोर्ट ने पूछा था कि जांच का आदेश जनवरी में दिए जाने के बाद इतनी देरी से लेकर रोगेटरी क्यों भेजे गए। जांच को यूं ही इतने वक़्त तक नहीं लटकाया जा सकता है।

जांच पूरी करने के लिए पहले भी मिल चुका है समय
पिछले 31 मई को हाईकोर्ट ने जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को 4 महीने का समय दिया था। पिछले 12 अप्रैल को सुनवाई करते हुए दिल्ली हाइकोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो घटित अपराध से संबंधित विस्तृत घटनाओं की टाइमलाइन बताए। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने बताया था कि वो दूसरे देशों को पत्र लिखकर साक्ष्य के लिए अनुरोध करेगा । तब कोर्ट ने कहा था कि आप हमें ये बताएं की आपको दूसरे देशों को पत्र लिखकर साक्ष्य के लिए कब अनुरोध करेंगे।

अस्थाना की अर्जी खारिज की थी
पिछले 27 मार्च को सीबीआई ने जांच के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया था। पिछले 11 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार की अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने और कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी। जस्टिस नाजिम वजीरी ने सीबीआई को इस मामले में दस हफ्ते में जांच पूरी करने का निर्देश दिया था। 
आरोप काफी गंभीर
कोर्ट ने कहा था कि सतीश साना ने काफी गंभीर आरोप लगाए हैं। कोर्ट ने कहा कि धारा 17ए के तहत किसी लोकसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार और लोकसेवा न करने के मामले में अभियोजन के लिए स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं है।
अस्थाना के खिलाफ केस सतीश साना से जुड़े एक मामले में दर्ज किया गया है । सतीश साना ही वह व्यक्ति है जिसने कुरैशी से जुड़ा अपना केस रफा-दफा कराने के लिए अस्थाना को 3 करोड़ रुपए रिश्वत देने का आरोप लगाया है। साना का नाम आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को रिश्वत देने के आरोप में सामने आया है। साना के मुताबिक उससे रिश्वत की मांग की गई थी। 
एफआईआर के मुताबिक मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद सतीश साना से दुबई में मिले और उसका मामला रफा-दफा कराने का आश्वासन दिलाया । साना दुबई का कारोबारी है। सीबीआई उसके खिलाफ मीट कारोबारी से संबंध को लेकर जांच कर रही है। कुरैशी साल 2014 के बाद से भ्रष्टाचार के केस में कई एजेंसियों के निशाने पर है।



Conclusion:सतीश साना ने दिए थे रिश्वत
सीबीआई के मुताबिक 2 करोड़ रुपये का घूस सतीश ने खुद को 25 अक्टूबर 2018 तक बचाए रखने के लिए दिया था।10 अक्टूबर 2018 को 25 लाख रुपये चुकाए गए और बाकी के पैसे 16 अक्टूबर 2018 तक चुकाने की बात हुई। सीबीआई ने 16 अक्टूबर को बिचौलिए मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया,जब वह बाकी के पौने दो करोड़ रुपए लेने भारत आया था। आपको बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट मनोज प्रसाद को जमानत दे चुका है।
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