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आरटीआई कानून के दुरुपयोग पर हाईकोर्ट ने चिंता जताई, कहा- इससे सरकारी अधिकारियों में भय का माहौल - आरटीआई कानून के दुरुपयोग

delhi high on misuse of rti act: एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने आरटीआई के दुरुपयोग पर चिंता जताई है. कोर्ट ने कहा कि आरटीआई के दुरुपयोग से सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों में भय का माहौल बना रहता है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 21, 2023, 11:54 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के दुरुपयोग पर चिंता जताई है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि आरटीआई के दुरुपयोग से सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों में भय का माहौल बना रहता है.

दरअसल, हाईकोर्ट एक मामले की सुनवाई कर रहा था, जिसमें केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश को चुनौती दी थी. याचिका शिशिर चंद ने दायर किया था. शशिर चंद के भाई की इलाज के दौरान जमशेदपुर के टाटा मेमोरियल अस्पताल में मौत हो गई थी. उन्होंने अपने भाई की मौत के पीछे इलाज करने वाले डॉक्टर अतुल छाबड़ा की लापरवाही को बताया था. इसे लेकर याचिकाकर्ता ने आरटीआई दाखिल किया था. केंद्रीय सूचना आयोग ने अपने रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि वो भविष्य में याचिकाकर्ता के किसी भी आवेदन को स्वीकार नहीं करें.

ये भी पढ़ें : कोयले के आयात में अडानी और एस्सार समूह के खिलाफ ज्यादा वसूली के आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश

हाईकोर्ट ने कहा कि आरटीआई कानून का दुरुपयोग करते हुए याचिकाकर्ता ने एक ही सूचना हासिल करने के लिए कुल 15 आवेदन दाखिल किए थे. कोर्ट ने कहा कि आरटीआई कानून अच्छे और पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के लक्ष्य के साथ लाया गया था, लेकिन इसके दुरुपयोग से इस कानून का लक्ष्य दिग्भ्रमित हो जाएगा और सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों में काम करने के पहले भय का माहौल रहेगा.

हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने जिस तरह आरटीआई कानून का दुरुपयोग किया, उससे कोई भी डॉक्टर आपात स्थिति में कोई भी कदम उठाने से डरेगा. हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करने का आदेश दिया.

ये भी पढ़ें : सरकारी बंगला खाली करने के आदेश को महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में दी चुनौती

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के दुरुपयोग पर चिंता जताई है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि आरटीआई के दुरुपयोग से सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों में भय का माहौल बना रहता है.

दरअसल, हाईकोर्ट एक मामले की सुनवाई कर रहा था, जिसमें केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश को चुनौती दी थी. याचिका शिशिर चंद ने दायर किया था. शशिर चंद के भाई की इलाज के दौरान जमशेदपुर के टाटा मेमोरियल अस्पताल में मौत हो गई थी. उन्होंने अपने भाई की मौत के पीछे इलाज करने वाले डॉक्टर अतुल छाबड़ा की लापरवाही को बताया था. इसे लेकर याचिकाकर्ता ने आरटीआई दाखिल किया था. केंद्रीय सूचना आयोग ने अपने रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि वो भविष्य में याचिकाकर्ता के किसी भी आवेदन को स्वीकार नहीं करें.

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हाईकोर्ट ने कहा कि आरटीआई कानून का दुरुपयोग करते हुए याचिकाकर्ता ने एक ही सूचना हासिल करने के लिए कुल 15 आवेदन दाखिल किए थे. कोर्ट ने कहा कि आरटीआई कानून अच्छे और पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के लक्ष्य के साथ लाया गया था, लेकिन इसके दुरुपयोग से इस कानून का लक्ष्य दिग्भ्रमित हो जाएगा और सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों में काम करने के पहले भय का माहौल रहेगा.

हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने जिस तरह आरटीआई कानून का दुरुपयोग किया, उससे कोई भी डॉक्टर आपात स्थिति में कोई भी कदम उठाने से डरेगा. हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करने का आदेश दिया.

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