नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने प्लाज्मा डोनेशन को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार से मीडिया और नामी-गिरामी हस्तियों की मदद लेने का निर्देश दिया है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि जब नामी-गिरामी हस्तियां अपील करती हैं तो लोग उससे जुड़ते हैं.
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प्लाज्मा डोनेट करने पर कुछ चिकित्सकों की अलग राय है
सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी राजशेखर राव ने कहा कि कुछ चिकित्सकों की राय है कि प्लाज्मा कोई जादू की छड़ी नहीं है. उन्होंने कहा कि प्लाज्मा की उपलब्धता बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों पर प्लाज्मा काम कर रहा है. उन्होंने सुझाव दिया कि प्लाज्मा डोनेट करने के मामले पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों को मिलकर काम करना चाहिए.
लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आना चाहिए
प्लाज्मा के मामले पर दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने ताजा स्टेटस रिपोर्ट दिखाते हुए कहा कि प्लाज्मा ब्लड बैंक की तरह काम करता है. लेकिन लोग प्लाज्मा देने आगे नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना से बड़ी संख्या में लोग ठीक हुए हैं, लेकिन प्लाज्मा देनेवालों की संख्या नगण्य है.
उन्होंने कहा कि इसे लेकर कई बार उच्चस्तरीय आग्रह किया गया. उन्होंने कहा कि हम सबको आगे आना चाहिए. जिसे कोरोना हो गया हो और एंटीबॉडी बन गई हो वे प्लाज्मा डोनेट करें.
मीडिया के जरिये अपील की जा सकती है
कोर्ट ने कहा कि आडियो विजुअल मीडिया के जरिये प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की जा सकती है. तब मेहरा ने कहा कि मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस पर वकील आदित्य एन प्रसाद ने कहा कि लोग डर के मारे प्लाज्मा डोनेट करने नहीं आ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आईएलबीएस स्थित प्लाज्मा बैंक बंद स्थान की तरह है. कोर्ट ने कहा कि प्लाज्मा डोनर को वेबसाईट पर रजिस्टर करने का लिंक होना चाहिए। तब राव ने कहा कि ये लिंक वेबसाईट पर है.
सेलिब्रिटीज से लोग प्रभावित होते हैं
कोर्ट ने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि कोरोना से उबरने के बाद लोग तभी प्लाज्मा डोनेट करते हैं जब परिवार के किसी सदस्य को जरुरत होती है, इससे मेहरा ने सहमति जताई. इस पर कोर्ट ने कहा कि प्लाज्मा डोनेशन को बढ़ावा देने की जरुरत है. लोगों को इसे लेकर आश्वस्त किए जाने की जरुरत है कि प्लाज्मा डोनेट करने के दौरान उन्हें कोरोना नहीं होगा. लोगों को जागरुक करने की जरुरत है.
इसके लिए मीडिया का सहारा लिया जाए. मेहरा ने कहा कि सेलिब्रिटीज से लोग काफी प्रभावित होंगे. अगर कोई सेलिब्रिटी इसे बढ़ावा देता है तो एक मीडिया इवेंट हो जाता है. उन्होंने क्रिकेटर्स, राजनेता और बॉलीवुड के सितारों को इस अभियान में शामिल करने की बात की. तब कोर्ट ने कहा कि जाइए सेलिब्रिटीज को पकड़िए। उनसे राष्ट्र के लिए मदद मांगिए.
प्लाज्मा डोनेट करने के पहले अपनाई जाती है ये प्रक्रिया
सुनवाई के दौरान डॉक्टर मीनू बाजपेई ने प्लाज्मा डोनेशन की प्रक्रिया बताई. तब कोर्ट ने पूछा कि प्लाज्मा डोनेट करने में चार से पांच घंटे क्यों लगते हैं. तब बाजपेई ने कहा कि जब डोनर आता है तो उससे कुछ सवाल पूछे जाते हैं. उसका कुछ टेस्ट किया जाता है कि उसे हेपेटाइटिस ए, बी, एचआईवी, मलेरिया, सिफलिस तो नहीं है. उसके एंटीबॉडी का भी टेस्ट किया जाता है.
इन सारे टेस्ट को करने में डेढ़ से दो घंटे लगते हैं. अगर लोग ज्यादा हैं तो उसमें और ज्यादा समय लगता है. बाजपेई ने कहा कि बिना टेस्ट के हम प्लाज्मा डोनेशन के लिए आगे नहीं बढ़ सकते हैं. प्लाज्मा लेने के बाद उस मरीज को ढूंढ़ा जाता है जो उसे ले सके. तब कोर्ट ने कहा कि आपलोग चौबीसो घंटे काम कर रहे हैं. तब बाजपेई ने कहा कि हां, एक दिन में 220 डोनर लेते हैं.